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खुरई में जयवर्धनसिंह का दौरा, गोविंदसिंह की चुनौती का जवाब तो नहीं
खुरई में पत्नी अमृतासिंह के लिए लांच पैड तो तैयार नहीं कर रहे दिग्विजसिंह !
इस 27 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के बेटे पूर्व मंत्री जयवर्धनसिंह खुरई आ रहे हैं। उनका यह दौरा कहीं राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत की उस चुनौती का जवाब माना जा रहा है जिसमें उन्होंने दिग्विजयसिंह से कहा था कि वह रहली से चुनाव लड़कर दिखाएं। भाई लक्ष्मणसिंह को खुरई से उतारें और बेटे जयवर्धनसिंह के सुरखी में मुझसे (गोविंदसिंह राजपूत) दो-दो हाथ करा लें। बहरहाल इस चुनौती पर चर्चा थोड़ी देर से करेंगे।

ताजा स्थिति ये है कि जिला कांग्रेस कमेटी खुरई में जयवर्धनसिंह की सभा कराने के लिए मैदान तलाश रही है। दो-एक जगह बातचीत चली लेकिन वे मैदान ‘बुक ‘ बता दिए गए। कांग्रेस के नए-नए ग्रामीण अध्यक्ष व पूर्व सांसद आनंद अहिरवार प्रशासनिक स्तर पर अपना आवेदन लेकर घूम रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कलेक्टर दीपक आर्य से मुलाकात कर आवश्यक प्रशासनिक सहयोग मांगा। जयवर्धनसिंह के इस दौरे को लेकर बुधवार को जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी की एक बैठक भी रखी गई है। जिसमें मैदान से लेकर कार्यकर्ता-पदाधिकारियों की मौजूदगी, पेड – अनपेड भीड़ समेत अन्य फेक्टर पर चर्चा होगी।
खुरई में पहले कांग्रेसियों को तलाशने स्पेशल ऑपरेशन चला लेते
जिला कांग्रेस से लेकर मप्र कांग्रेस कमेटी की इस महत्वाकांक्षी सभा को लेकर प्रदेश स्तर पर लगभग रोज बैठकें चल रही हैं। सागर के कांग्रेसी मुड्ढों से राय-मशविरा लिया जा रहा है। जबकि भीतर की बात ये है कि दो-एक को छोड़ यह सभी भीतर से कुछ-कुछ अनकर्न्फटेबिल महसूस कर रहे हैं। उनका मानना है कि खुरई में कांग्रेस का यह आयोजन बुंदेलखंड-प्रदेश स्तर पर हाई लाइट होने के लिहाज से तो अच्छा है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि यहां स्थानीय कांग्रेसियों को कहां से लाएंगे। बेहतर होता कि पहले घर-घर जाकर कांग्रेसियों की तलाशी का “स्पेशल ऑपरेशन “चलाया जाता। जब जमीन तैयार हो जाती तब यह सभा-रैली वगैरह कर लेते। वैसे भी खुरई बुंदेलखंड का गेट नहीं है। इसके लिए तो पार्टी को जिला मुख्यालय से शुरुआत करना चाहिए थी। राजीनिति के भूगोलविदों के मुताबिक खुरई में कांग्रेस बीते साल तभी गायब हो गई थी जब पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। रही-सही कसर बीच में हुए निकाय चुनावों ने पूरी कर दी। यहां से विधायक एवं प्रदेश सरकार के धुरंधर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्रसिंह ने सभी नगरीय निकायों में भाजपा प्रत्याशियों को निर्विरोध काबिज करा दिया। इसके बाद भी वे कांग्रेस को छोटे-मंझोले झटके देते रहे। चार दिन पहले ही मंत्री सिंह ने ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष नथनसिंह के बेटे को भाजपा की सदस्यता दिला दी।
अमृतासिंह के लिए लांच पैड तो नहीं है खुरई विस क्षेत्र ?
शुरुआती चर्चा को आगे बढ़ा लें। बीते दिसंबर 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह सागर आए थे। वे खुरई भी गए थे। इसके बाद केंद्रीय जेल सागर गए। जहां उन्होंने व्यापमं के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय से मुलाकात की।लौटकर मीडिया के सामने मंत्री भूपेंद्रसिंह का जिक्र किया था। बोले कि अगर मैं अपनी पर उतर आता तो भूपेंद्रसिंह , भूपूेंद्र सिंह जी नहीं होते। अगले दिन इस बयानबाजी में परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंदसिंह राजपूत कूद गए और उन्होंने पूर्व सीएम को मय परिवार के सागर आकर चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली। चर्चा है कि दिग्विजयसिंह इसे सीरियसली ले बैठे हैं। इसलिए पीसीसी अध्यक्ष व पूर्व सीएम कमलनाथ के इशारे पर बीते कुछ दिन से जिलाध्यक्ष आनंद अहिरवार को खुरई-बीना तरफ दौड़ा रहे हैं। अंदरखानों के अनुसार दिग्विजयसिंह ये जान चुके हैं खुरई में मंत्री सिंह को परास्त करना आसान नहीं है। भूपेंद्रसिंह 10 साल में यहां के वोटर्स व कतिपय कांग्रेसियों की तासीर अच्छी तरह से समझ चुके हैं। इस स्थिति में दिग्विजयसिंह के पास एक विकल्प ये है कि वह अपनी पत्नी अमृतासिंह के लिए खुरई को लांच पैड की तरह इस्तेमाल करें। संभवत: इसलिए उन्होंने बेटे जयवर्धनसिंह को यहां की हवा-पानी चेक करने आगे किया है। जबकि खुरई जैसे टिपिकल विस क्षेत्र में यह काम अजयसिंह राहुल, अरुण यादव, गोविंदसिंह लहार, सुरेश पचौरी जैसे अनुभवी व जीतू पटवारी से तेज-तर्रार नेता से भी कराया जा सकता था। लेकिन दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के जरिए यह काम घरेलू सिपहसालार को दिलवाया।



