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सागर (मध्य प्रदेश)। सागर जिले की बीना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता को लेकर शुक्रवार को मप्र हाईकोर्ट जबलपुर में अहम सुनवाई हुई। गया है। डिविजन बेंच ने सप्रे के खिलाफ दल-बदल (Defection) की याचिका पर सुनवाई करते हुए, उन्हें और विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर और विधायक निर्मला सप्रे जी को नोटिस जारी करते हुए जवाब माँगा है। कोर्ट ने विशेष रूप से यह जानने की मांग की है कि स्पीकर के पास लंबित दल-बदल याचिका का स्टेटस क्या है। दोनों पक्षों को 18 नवंबर तक कोर्ट में अपना जवाब पेश करने के लिए कहा गया है। अगली सुनवाई भी इसी तारीख के लिए तय की गई है। अधिवक्ता जयदीप कौरव ने बताया कि इस दल-बदल याचिका पर कोर्ट का फैसला, निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता का भविष्य तय करेगा। बता दें कि विस चुनाव- 2023 में निर्मला सप्रे बीना से कांग्रेस की विधायक चुनी गई थीं। लेकिन उन्होंने मई 2024 में लोकसभा चुनावों के दौरान अधिकारिक रूप से कांग्रेस छोड़े बगैर भाजपा से खुली नजदीकियां बढ़ा लीं। संवैधानिक अड़चनों से बचने के लिए उन्होंने भाजपा की आधिकारिक तौर पर सदस्यता नहीं ली। इधर इस दल-बदल के खिलाफ, सवा साल पहले मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दल-बदल विरोधी कानून (Defection Petition) के तहत एक याचिका प्रस्तुत की थी। यह याचिका जून 2024 में प्रस्तुत की गई थी, लेकिन याचिकाकर्ता (उमंग सिंघार) के अनुसार, स्पीकर के पास इस पर कोई निराकरण (Resolution) नहीं हुआ। विधानसभा स्पीकर द्वारा याचिका का समय पर निराकरण न किए जाने के कारण, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। इस याचिका पर माननीय चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच और विनय सरावगी की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई।
07/11/2025



