पहचाना इन्हें…! ये कैलाश विजयवर्गीय हैं। भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं और लंबे समय तक शिवराजसिंह की केबिनेट के मंत्री रह चुके हैं। विजयवर्गीय को इस रूप में आने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करना पड़ती। दरअसल वे ऐसे हैं ही। अपनी लंबी चोटी के साथ नाचना, गाना बजाना वे जब मौका मिले तब करते हैं। भजन हों, किशोर और रफी के फिल्मीगीत हों उन्हें सब आता है। केबिनेट के एक सदस्य तो उन्हें ‘नचैया गवैया’ कहके ही उल्लेखित करते रहे हैं। 
इन ताजी तस्वीरों में विजयवर्गीय इंदौर में होने वाले बजरबट्टू सम्मेलन में राकस्टार बन कर पहुंचे हैं। खबरों में बने रहने के लिए ना ना प्रकार के स्वांग रचाने में उन्हें महारत है। जीवन में सबकुछ कर लिया लेकिन धनतेरस के दिन वे अपनी दूकान में खुद ही किराना तौलते और बेचते हैं। …न जाने कब वक्त पीठ देकर खड़ा हो जाए। तो अपने हुनर संजो कर रखते हैं और यदा कदा उनकी रिहर्सल करते रहते हैं। सीएम बनने का ख्वाब सजा लिया था। कुछ साल पहले बादल देखकर पोतले फोड़ लिए और ठगे गये।
एक गलत आकलन से पार्टी ने फोरलाइन से उतार कर पगडंडी पकड़ा दी। जहां जहां चुनावी मोर्चों पर गये खेत रहे। सुमित्राताई की वृष्टिछाया में अपनी छवि विलोपित करके नित नूतन रूप धरने पर भी ईष्ट प्रसन्न नहीं हो रहे।

इन ताजी तस्वीरों में विजयवर्गीय इंदौर में होने वाले बजरबट्टू सम्मेलन में राकस्टार बन कर पहुंचे हैं। खबरों में बने रहने के लिए ना ना प्रकार के स्वांग रचाने में उन्हें महारत है। जीवन में सबकुछ कर लिया लेकिन धनतेरस के दिन वे अपनी दूकान में खुद ही किराना तौलते और बेचते हैं। …न जाने कब वक्त पीठ देकर खड़ा हो जाए। तो अपने हुनर संजो कर रखते हैं और यदा कदा उनकी रिहर्सल करते रहते हैं। सीएम बनने का ख्वाब सजा लिया था। कुछ साल पहले बादल देखकर पोतले फोड़ लिए और ठगे गये।

एक गलत आकलन से पार्टी ने फोरलाइन से उतार कर पगडंडी पकड़ा दी। जहां जहां चुनावी मोर्चों पर गये खेत रहे। सुमित्राताई की वृष्टिछाया में अपनी छवि विलोपित करके नित नूतन रूप धरने पर भी ईष्ट प्रसन्न नहीं हो रहे।
रजनीश जैन
सागर



