चेहरे और बॉडी लेंग्वेज से उलट है ‘पठान’ का दिल! सागर के युवा ने युसुफ पठान पर की PhD

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सागर। क्रिकेट के मैदान पर अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और शांत, अक्सर कठोर दिखने वाली बॉडी लेंग्वेज के लिए मशहूर पूर्व अंतर्राष्ट्रीय ऑलराउंडर युसुफ पठान का निजी व्यवहार उनके सार्वजनिक व्यक्तित्व से बिल्कुल जुदा है। यह चौंकाने वाला खुलासा सागर के एक युवा स्पोर्ट्समैन आमिर खान ने अपनी हाल ही में पूरी की गई पीएचडी (PhD) में किया है। आमिर ने अपने शोध में बताया है कि पठान का स्वभाव एकदम से नरम है, और वह बड़े मैचों के बाद भी बड़ोदरा पहुँचकर बेझिझक अपने साथी क्रिकेटर्स के साथ मैदान में पहुँच जाते थे।
मस्जिद से संसद तक का सफर: शोध में सामने आए अनछुए तथ्य
वर्तमान में देश की प्रतिष्ठित मेयो कॉलेज, अजमेर में फिजिकल एजुकेशन विभाग के को-ऑर्डिनेटर आमिर खान ने अपना शोध कार्य राजस्थान की वनस्थली विद्यापीठ के फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट से पूरा किया है। उनके गाइड सहायक प्राध्यापक एवं पूर्व बीसीसीआई लेवल-2 रहे डॉ. उर्वेश शर्मा थे। आमिर का यह शोध कार्य बड़ोदरा निवासी युसुफ पठान के खेल की शैली, उनके क्रिकेट जगत के अनुभवों और व्यक्तिगत जीवन पर केंद्रित है। आमिर ने अपने शोध में युसुफ और उनके छोटे भाई इरफान पठान के आर्थिक अभावों से भरे बचपन का मार्मिक उल्लेख किया है।उनके पिता बड़ोदरा की एक मस्जिद में मौलवी थे, और प्रबंधन ने उन्हें मस्जिद के अहाते में ही एक कमरा किराए पर दिया था, जहाँ ये दोनों भाई और एक बहन रहते थे।
आज भी मौजूद है निशानी: आमिर बताते हैं कि जिस मस्जिद के मुख्य ट्रस्टी कभी युसुफ और इरफान को अहाते में क्रिकेट खेलने से रोकते थे, आज उसी मस्जिद में इन दोनों क्रिकेटर भाइयों द्वारा रस्सी से बांधकर लटकाई गई गेंद वहीं की वहीं है। मस्जिद के भीतर उनका एक कमरे का घर भी ज्यों का त्यों है, जहाँ वे आज भी आते-जाते हैं। क्रिकेट जैसा महंगा खेल खेलते हुए उनके पास ढंग की किट की हमेशा कमी बनी रहती थी, लेकिन अपने जुनून और खेल के दम पर उन्होंने इन बाधाओं को पार किया और पहले रणजी, फिर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई।
मौैलवी पिता और अज़ान: शोध में यह भी बताया गया है कि युसुफ कभी-कभी अपने मौैलवी पिता के संग तड़के उठकर अजान भी देते थे।
क्रिकेट दिग्गजों से जुटाया गया डेटा
आमिर ने अपनी पीएचडी को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए सिर्फ युसुफ के व्यक्तिगत जीवन पर ही निर्भर नहीं रहे, बल्कि उन्होंने तत्कालीन अंतर्राष्ट्रीय पूर्व क्रिकेटरों से भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ जुटाईं। इनमें सुरेंद्र खन्ना, ईशान शर्मा, अंबाती रायडू, और वेस्टइंडीज के फ्रेडरिक एडवर्ड जैसे नाम शामिल हैं।
केकेआर से संसद तक
शोध में युसुफ पठान के आईपीएल करियर, खासकर कोलकाता नाईट राइडर्स (KKR) के साथ उनके लंबे जुड़ाव का भी जिक्र है, जिसके कारण वह पश्चिम बंगाल में खासे लोकप्रिय हुए। युसुफ का यह प्रभाव ही था कि बीते आम चुनाव में उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने बहरामपुर सीट से उम्मीदवार बनाया। आमिर ने चुनाव के दौरान युसुफ के प्रचार के तरीके का भी अध्ययन किया, जहाँ उन्होंने हिंदी में अपनी बात रखते हुए खेलों को लेकर अपने वादों और इरादों पर जोर दिया, जिसका युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। नतीजतन, उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज और लंबे समय से सांसद रहे अधीर रंजन चौधरी को एक बड़े अंतर से हरा कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की।
युवा स्पोर्ट्समैन आमिर खान ने वर्ष 2021 में अपनी पीएचडी शुरू की थी और इसी महीने उन्हें यह उपाधि अवार्ड हुई है। उनका यह शोध कार्य न केवल युसुफ पठान के खेल कौशल का विश्लेषण करता है, बल्कि उनके सरल और संघर्षपूर्ण जीवन के उन पहलुओं को भी सामने लाता है, जो उन्हें कठोर बॉडी लेंग्वेज वाले क्रिकेटर से एक नरम दिल का इंसान बनाते हैं।
पठान का विस्फोटक प्रदर्शन: रिकॉर्ड्स पर एक नजर
आमिर खान की पीएचडी युसुफ पठान के खेल की शैली पर आधारित है, और उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की उपलब्धियाँ पठान की ‘विस्फोटक’ पहचान को मजबूत करती हैं-
दोहरे विश्व कप विजेता: युसुफ पठान ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए दो सबसे प्रतिष्ठित खिताब जीते— वह 2007 आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप और 2011 आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के अभिन्न सदस्य थे।
अंतर्राष्ट्रीय करियर: उन्होंने भारत के लिए 57 वनडे (ODI) और 22 टी20 अंतर्राष्ट्रीय (T20I) मैच खेले, जहाँ उन्होंने 2 वनडे शतक भी जड़े।
तूफानी बल्लेबाजी: वह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। आईपीएल में उनके नाम 15 गेंदों में दूसरा सबसे तेज अर्धशतक (Fastest 50) लगाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है, जिसने उन्हें ‘लम्बे शॉट्स’ मारने वाले खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया।
IPL चैम्पियन: वह राजस्थान रॉयल्स (2008) और कोलकाता नाइट राइडर्स (2012, 2014) के साथ तीन बार आईपीएल चैंपियन रहे।
30/11/2025



