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जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव की ”पटकथा” अभी से शुरु, पिछले 5 कार्यकाल के आय-व्यय की जांच की तैयारी

अगले साल फरवरी-मार्च में पूरा हो रहा है वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल

सागर। जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में भले ही अभी करीब चार महीने का वक्त बाकी हो, लेकिन कानून के जानकारों की इस सबसे बड़ी जमात में चुनावी पैंतरेबाजी और जोर-आजमाइश अभी से चरम पर है। जिला बार एसोसिएशन ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है, जिसने वकील जगत में हलचल मचा दी है। संघ ने पिछले पांच कार्यकाल के दौरान हुए आय-व्यय का विस्तृत लेखा-जोखा लेने का फैसला किया है। इस आशय का प्रस्ताव हाल ही में हुई जनरल बॉडी (आमसभा) की मीटिंग में रखा गया था, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि वर्ष 2014 से लेकर वर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र सिंह राजपूत के कार्यकाल तक की वित्तीय जांच कराई जाएगी। यह कदम तब उठाया गया जब फरवरी 2025 में जिला न्यायालय के करीब 200 प्रेक्टिसिंग वकीलों ने संघ को एक ज्ञापन सौंपकर इस तरह की जांच की मांग की थी। चूंकि संघ सीधे तौर पर इस जांच को करने में सक्षम नहीं था, इसलिए इसे जनरल बॉडी के समक्ष रखा गया, जहां इसे मंजूरी मिल गई।

जांच समिति के लिए पांच वरिष्ठ अधिवक्ताओं के नाम प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें एड. केपी दुबे, पेट्रिस फुसकेले, राजेश त्रिवेदी, अनिल सिंह और राजेंद्र श्रीवास्तव शामिल हैं। फिलहाल इन सभी वरिष्ठों से समिति में शामिल होने के लिए सहमति मांगी जा रही है। यह समिति क्रमश: एड. लखन लाल राठौर (2014-2016), एड. अंकलेश्वर “अन्नी” दुबे (जिन्होंने तीन कार्यकाल 2016 से 2023 तक संभाले) और वर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र सिंह राजपूत (2024-2026) के कार्यकाल के खातों की गहन जांच कर संघ को प्रतिवेदन सौंपेगी।

सागर के वकील जगत में इस पूरी कवायद को केवल वित्तीय पारदर्शिता की मांग नहीं, बल्कि अगले चुनाव के लिए चुनावी जमावट के रूप में देखा जा रहा है। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो पिछली बार चुनाव में मात खा चुके पूर्व अध्यक्ष एड. अंकलेश्वर दुबे अगले चुनाव में पूरे दम-खम के साथ ताल ठोकने की तैयारी में हैं और न केवल जिला संघ, बल्कि मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के चुनाव में भी उतरने का मन बना रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि इस जांच समिति के गठन का एक निहित उद्देश्य राज्य अधिवक्ता परिषद में सागर से सदस्य रहे एक वरिष्ठ वकील के लिए राह आसान करना भी हो सकता है। एइस पूरे घटनाक्रम पर अपनी बात रखते हुए जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एड. जितेंद्र सिंह राजपूत ने स्पष्ट किया कि उनकी किसी भी साथी अधिवक्ता के प्रति कोई पेशेवर या चुनावी दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि वकीलों के एक बड़े समूह ने ज्ञापन दिया था, जिसे उन्होंने जनरल बॉडी के सामने रखा। उन्होंने अपनी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्वयं के कार्यकाल को भी जांच के दायरे में रखने की पहल की है। अध्यक्ष के अनुसार बाकी सारी बातें महज अटकलबाजियां हैं। बता दें कि जिला अधिवक्ता संघ में करीब 2500 सदस्य हैं, और संघ की आय का मुख्य जरिया वकालतनामा शुल्क, अधिवक्ता कल्याण निधि और परिक्षेत्र की किरायदारी है।

14/11/2025

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