श्री गुरुसिंघ सभा: प्रशासन भेदभाव कर रहा है, मांगें नहीं मानी तो कोर्ट जाएंगे
परमात्मा ही जानता है कि अध्यक्ष चुनाव क्यों नहीं कराना चाहते: अहलुवालिया, चुनाव की मांग करने वाले धड़े ने निवर्तमान अध्यक्ष होरा के खिलाफ मोर्चा खोला

सागर। भगवागंज स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब की श्री गुरुसिंघ सभा के एक धड़े ने निवर्तमान अध्यक्ष सरदार सतिंदरसिंह होरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को सिविल लाइंस में हुई पत्रकार वार्ता में पूर्व प्रधान गुरजीतसिंह अहलुवालिया व अन्य ने होरा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, मैं भी अध्यक्ष रहा हूं लेकिन जब भी चुनाव की मांग उठी। मैंने प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए चुनाव कराए। लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष होरा, क्यों ऐसा नहीं कर रहे, यह ईश्वर जाने। हम लोगों ने एसडीएम सागर को इस चुनाव में बरती जा रही कुछ लापरवाहियों को दुरुस्त कराने संबंधी एक शिकायती ज्ञापन दिया है। अगर उसके मुताबिक बदलाव होता है तो ठीक है, वरना हम लोग इस मामले में कन्टेम्प ऑफ कोर्ट का केस दाखिल करेंगे। जिसमें जिला प्रशासन को भी पार्टी बनाएंगे। क्योंकि उनकी मिली-भगत के कारण ही जिला न्यायालय की समय-सीमा के अनुसार चुनाव नहीं हुए और अब जब चुनाव कराने का दावा किया जा रहा है तो उसमें कई अनियमितताएं बरती जा रही हैं।
खडरा के अनुसार चुनाव नहीं करा रहे, मनमानी कर रहे हैं
गुरजीतसिंह के साथ इस पत्रकार वार्ता में सरदार अमरजीतसिंह सलूजा, सुखजीतसिंह अहलुवालिया, गुरमीतसिंह उपवेजा और जसविंदरसिंह भाटिया भी मौजूद थे। इन सभी ने एक सुर में कहा कि प्रस्तावित चुनाव, सभा के बाइलाज के अनुसार नहीं हो रहे हैं। इसमें शामिल होने के लिए सदस्यता शुल्क के नाम पर 50 रु. व चुनाव लड़ने के लिए 2100 रु. का चंदा मांगा जा रहा है। जबकि पूर्व के चुनाव नि:शुल्क होते रहे हैं। सदस्यता के लिए मात्र 25 पैसे लिए जाने का प्रावधान था। हमारी मांग है कि सदस्यता शुल्क केवल 10 रु. किया जाए। जबकि चुनाव लड़ने के लिए मात्र 50 रु. लिए जाएं। इसके अलावा इन चुनाव कराने वाली कमेटी में दोनों पक्ष यानी एक व्यक्ति हमारी तरफ से और दूसरा वर्तमान अध्यक्ष की तरफ से होना चाहिए।
लेकिन अध्यक्ष होरा ने दोनों ही व्यक्ति अपने पक्ष के रखकर चुनाव प्रस्तावित कर लिए। उनके द्वारा मनमाने ढंग से वोटर लिस्ट बनाई गई है। जिसमें उन लोगों के नाम भी शामिल हैं। जिन्होंने जब-तब गुरुद्वारा साहिब में चंदा दिया था। इनमें वे लोग भी हैं। जो खडरा के अनुसार मताधिकार के पात्र नहीं हैं। जैसे सिंधी व अन्य समुदाय के लोग, गैर-पगड़ी, केशधारी पंजाबी आदि। उनके द्वारा चुनाव को लेकर एक और नियम लादा जा रहा है कि इसमें केवल वहीं व्यक्ति भाग ले सकता है। जिसकी सदस्यता कम से कम तीन महीने पुरानी हो।
ऑडिट नहीं कराया, दान में मिलने वाली राशि रख ली
अहलुवालिया ने कहा कि, सरदार होरा 9 साल से अध्यक्ष हैं। लेकिन उन्होंने एक बार भी ऑडिट नहीं कराया। स्थिति ये है कि सभा का नियमित ऑडिट करने वाले सीए ने भी उनका हिसाब-किताब लेने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्होंने किसी दूसरे सीए से ऑडिट कराकर लीपा-पोती कर ली। ऑडिट नहीं होने से सभा के कोषाध्यक्ष ने भी दान में आने वाली रकम बैंक में जमा कराने से इनकार कर दिया।
जिसके चलते दान में आने वाली रकम को अध्यक्ष ने अपने पास रख लिया। अध्यक्ष सतिंदरसिंह होरा और उनके भाई इंदरपालसिंंह पूरी दादागिरी के साथ सभा का कामकाज कर रहे हैं। जिससे समाज में आक्रोश व्याप्त है। अहलुवालिया ने एक और आरोप लगाया कि इस चुनाव में राजनीतिक दखलंदाजी हो रही है। जिसके चलते एसडीएम-तहसीलदार सरीखे अधिकारी कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे।
देशभर में गुरुद्वारा साहिब की साख खराब कर दी
सुधार के साथ चुनाव कराने की मांग को लेकर अड़े इस धड़े ने कहा कि अध्यक्ष होरा के कार्यकाल में सागर के इस नामचीन गुरुद्वारा साहिब की छवि व साख खराब हुई है। एक समय था कि यहां सिख समाज से आने वाले देश-प्रदेश के लोग सहजता से रुकते थे। लेकिन अब स्थिति ये है कि गुुरुद्वारा साहिब में उनके रुकने के लिए कोई स्थान ही नहीं है। हर साल हमारे यहां कानपुर से नांदेड़ साहिब जाने वाली एक बस से तीर्थ यात्री आते थे। उनके रुकने का इंतजाम गुरुद्वारा साहिब में ही किया जाता था। लेकिन इस दफा उन्हें रोकने की व्यवस्था हमें सिंधी समुदाय की धर्मशाला में कराना पड़ी।
29/06/2025



