प्राइवेट स्कूलों की मनमानी! कलेक्टर को जिला न्यायालय ने किया तलब
मप्र प्राइवेट स्कूल अधिनियम 2017 के पालन के लिए वकील व अभिभावकों ने स्थाई लोक अदालत में दाखिल किया है परिवाद

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सागर। जिले के प्राइवेट स्कूलों को मध्यप्रदेश प्राइवेट स्कूल (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 तथा नियम 2020 एवं सीबीएसई के नियम,परिपत्रों के अनुसार संचालित कराने सहित अन्य मामलों को लेकर स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष एवं प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश शहाबुद्दीन हाश्मी के समक्ष सुनवाई हुई। प्रकरण में आवेदक/याचिकाकर्ता अधिवक्तागण डॉ धरणेन्द जैन,डॉ अंकलेश्वर दुबे, रामदास राज,वीरेंद्र सिंह राजपूत, दिनेश चिरवरीया,अरविंद रवि जैन, के के प्रजापति,लवलेश श्रीवास्तव,अदिति तिवारी सहित साथी अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष रखा।
मामले में पैरवी कर रहे वकीलों ने बताया कि अनावेदक क्रमांक 2 जिला कलेक्टर सागर उपस्थित नहीं हुए न ही उनकी ओर से कोई अधिवक्ता उपस्थित हुआ। जिसके चलते मप्र प्राइवेट स्कूल अधिनियम के नियमों के क्रियान्वयन के लिए उठाए गए कदम और की गयी कार्यवाही संबंधित कोई भी रिकार्ड कोर्ट के सामने नहीं आ पाया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और कलेक्टर सागर को 8 अगस्त को अगली सुनवाई में स्वयं रिकार्ड सहित उपस्थित होने पत्र जारी किया है। प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी उपस्थित हुए और प्रतिवेदन हेतु समय माँगा। 
जिला समिति गठित है या नहीं, अगर है तो कार्रवाई की बताएं
याचिकाकर्ता अधिवक्ता डॉ धरणेन्द जैन ने अदालत को बताया कि मप्र प्राइवेट स्कूल अधिनियम के नियमों के अनुसार फीस तथा अन्य संबंधित विषयों के विनियमन हेतु अधिनियम की धारा 7 में जिला समिति के गठन का प्रावधान है। इस समिति का अध्यक्ष जिला कलेक्टर एवं सचिव जिला शिक्षा अधिकारी को बनाया गया है इसलिए उक्त प्रकरण में सागर कलेक्टर तथा सागर जिला शिक्षा अधिकारी को पक्षकार बनाया गया है। इसके अलावा सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों का संचालन सीबीएसई द्वारा बनाए गए नियमों समय समय पर जारी परिपत्रों के अनुसार हो इसकी जिम्मेदारी सीबीएसई की भी बनती है इसलिए सीबीएसई के सचिव को भी पक्षकार बनाया गया है।अधिवक्ता जैन के अनुसार जिला समिति अधिनियम की धारा 7 उपधारा 9 (1) के अनुसार स्वयं प्रेरणा से संज्ञान लेकर जांच कर सकती है, तलाशी ले सकती है,दस्तावेज जप्त कर सकती है। अधिनियम में समिति को सिविल न्यायालय की शक्तियां दी गयी है साथ ही समिति को जुर्माना अधिरोपित करने, दोषी स्कूलों की मान्यता रद्द एवं निलंबित करने की भी अधिकार दिए गए है। डॉ जैन ने फीस तथा कापी किताब, ड्रेस सहित अन्य साम्रगी से संबंधित प्रावधानों को अदालत के समक्ष रखा। जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अंकलेश्वर दुबे ने अदालत के समक्ष बताया की किस प्रकार संगठित रूप से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का कुछ निजी स्कूलों द्वारा आर्थिक एवं मानसिक शोषण हो रहा लेकिन सक्षम अधिकारी कार्यवाहियों से बच रहे है।उन्होंने न्यायालय को बताया कि जिला समिति के अध्यक्ष कलेक्टर सागर को न्यायालय में तलब किया जाए ताकि यह मालूम चल सके कि अधिनियम और नियमों का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से क्यों नहीं किया जा रहा है।
05/08/2025



