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एयरटेल पेमेंट बैंक गबन मामले के आरोपी ने मांगी अग्रिम जमानत, जिला न्यायालय ने दिया यह जवाब

जिला न्याय पुलिस की तरफ से सरकारी वकील ने लगाई आपत्ति, न्यायालय ने आवेदन किया खारिज

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सागर। एयरटेल पेमेंट बैंक के लाखों रुपये के गबन और रिटेलर्स से धोखाधड़ी के बहुचर्चित मामले में न्यायालय ने आरोपी डिस्ट्रीब्यूटर को कोई राहत नहीं दी है। आरोपी दीपक गुप्ता द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर राजेश सिंह के न्यायालय ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है। इस मामले में पुलिस और आपत्तिकर्ता राजेश सिपोल्या की तरफ से क्रमश: सरकारी वकील देवेश बचकैंया और पवन नन्होरिया कोर्ट में मौजूद रहे।

लाखों की धोखाधड़ी, अग्रिम जमानत याचिका का आधार कमजोर

मोतीनगर थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, आरोपी दीपक गुप्ता पर एयरटेल पेमेंट बैंक के डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में काम करते हुए कंपनी और कई छोटे रिटेलर्स के साथ लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप है। उसने रिटेलर्स से नकद राशि लेने के बावजूद उनके डिजिटल वॉलेट में बैलेंस ट्रांसफर नहीं किया, जिससे कई छोटे दुकानदारों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। आपत्तिकर्ता वकील ने न्यायालय के समक्ष दलील दी कि यह मामला केवल धोखाधड़ी का नहीं है, बल्कि एक बड़ी रकम के गबन का है जिसने कई छोटे कारोबारियों की आजीविका को प्रभावित किया है।

न्यायालय ने कहा, अपराध गंभीर प्रकृति का है, इसलिए जमानत नहीं

न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका को अस्वीकार करते हुए पाया कि आरोपी पर लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। यह देखते हुए कि लाखों रुपये की ठगी की गई है और अपराध की प्रकृति आर्थिक है, आरोपी को अग्रिम जमानत देना विवेचना को प्रभावित कर सकता है और साक्ष्य नष्ट किए जा सकते हैं। यहां बता दें कि आरोपी दीपक के परिजन पूर्व में ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज करा चुके हैं। जानकारों का कहना है कि परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई गुमशुदगी की रिपोर्ट, गिरफ्तारी से बचने का एक प्रयास भी हो सकती है।

01/11/2025

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