सागर के कोच की खोज हैं ”क्रांति गौड़”, एक प्रदर्शनी मैच में भाई के जूते पहना पहली बार मैदान में उतारा था
वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम की सदस्य क्रांति गौड़ के प्रारंभिक कोच हैं सागर के सोनू बाल्मिकी

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सागर। महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम की सदस्य बुंदेलखंड की बेटी क्रांति गौड़ का सफर किसी रोमांचक कहानी से कम नहीं है। उनकी प्रतिभा को सबसे पहले सागर के एक कम नामचीन किक्रेट कोच सोनू बाल्मीकि ने पहचाना था, जिनकी एक अनपेक्षित खोज ने ”रोहिणी” को राष्ट्रीय पटल पर “क्रांति गौड़” के रूप में स्थापित कर दिया। कैंट में पुराने आरटीओ परिसर में क्रिकेट प्रशिक्षण एकेडमी चलाने वाले सोनू बाल्मीकि ने इस यादगार पल को “सागरवणी”से चर्चा में साझा किया। उन्होंने बताया कि बात वर्ष 2017 की है, जब छतरपुर के घुवारा कस्बे में स्व. राज बहादुर सिंह स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट में लड़कियों का एक शो मैच आयोजित किया गया था। मैं सागर से लड़कियों की टीम लेकर गया था लेकिन अपरिहार्य कारणों से मेरे पास एक खिलाड़ी कम पड़ गई। तभी मेरी नज़र ग्राउंड पर अकेले शैडो प्रैक्टिस कर रही एक लड़की पर पड़ी। सोनू बताते हैं, ”मेरी आंखें चमक गईं।” उस लड़की ने अपना नाम रोहिणी बताया, जो अपने भाइयों के साथ क्रिकेट खेलती थी।
क्रांति ने भाई के जूते पहनकर जीता पहला ”मैन ऑफ द मैच”
कोच सोनू के मुताबिक मेरे पास एक खिलाड़ी की कमी जानने के बाद रोहिणी सागर की टीम से खेलने के लिए तुरंत तैयार हो गई। जैसे-तैसे सफेद यूनिफार्म का इंतजाम हुआ तो उसके लिए जूतों की समस्या आई। वह तुरंत अपने घर गई और भाई के जूते पहनकर आ गई। इस मैच में रोहिणी ने तीसरे नंबर पर उतरकर 27 रन बनाए और 2 विकेट भी चटकाए। सागर की टीम यह मैच जीत गई और रोहिणी (क्रांति) को मैन ऑफ द मैच का ख़िताब मिला। आयोजकों ने मुझसे कहा कि अगर आप इसे गाइड करेंगे तो यह लड़की बहुत आगे जा सकती है। मौके पर मौजूद रोहिणी के पिता ने भी सहमति दे दी। इसके बाद, मकरोनिया में मौसी के घर रहते हुए रोहिणी ने मेरी एकेडमी में क्रिकेट सीखना शुरू कर दिया।
निकनेम रोहिणी से क्रांति बनने तक का सफर
कोच सोनू ने स्पष्ट किया कि शुरुआती दौर में रोहिणी के नाम से पुकारी जाने वाली यह खिलाड़ी जब डिस्ट्रिक्ट, डिविजन और बोर्ड की टीम में सिलेक्ट होने लगी, तब शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर उनका आधिकारिक नाम क्रांति गौड़ उपयोग होने लगा। सोनू बाल्मीकि के मार्गदर्शन के बाद, 2018 की शुरुआत में क्रांति छतरपुर डिवीजन के कोच राजीव बिल्थरे की एकेडमी से जुड़ गईं, जो घुवारा से पास थी। इसके बाद क्रांति ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कोच सोनू के अनुसार, क्रांति एक अच्छी बैटर भी हैं, इसलिए उन्हें बॉलिंग ऑल-राउंडर कहना ज्यादा ठीक होगा। सोनू ने बताया कि वर्ल्ड कप विजेता बनने के बाद उनकी आज ही क्रांति से बात हुई, जिसमें उसने जल्द ही घुवारा लौटने और अपने अनुभव साझा करने की उत्सुकता जाहिर की।
वर्ल्ड कप में क्रांति का शानदार प्रदर्शन
बुंदेलखंड की इस तेज गेंदबाज ने महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। क्रांति गौड़ ने टूर्नामेंट के कुल 8 मैचों में 9 विकेट चटकाए। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए टीम इंडिया को सेमीफाइनल का टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की एलिसा हीली जैसे खतरनाक बल्लेबाज को भी पवेलियन भेजा। पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में भी उन्होंने 3 विकेट झटके, जिसके लिए उन्हें ”प्लेयर ऑफ द मैच” चुना गया।



