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पुलिसकर्मी पिता की बर्खास्तगी का दंश झेलती क्रांति गौड़ का स्वागत करते मप्र पुलिस के अफसर !

पुलिस विभाग ने क्रांति के पिता चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्खास्त कर दिया था

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सागर। घुवारा( छतरपुर मप्र ) की गलियों से निकलकर क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय महिला टीम की सदस्य, तेज़ गेंदबाज़ क्रांति गौड़ आज 7 नवंबर 2025 को अपने गृह नगर लौट रही हैं। उनकी कहानी संघर्ष, जुनून और अनूठी भावनात्मक जीत से भरी है। विश्व कप में अपने शानदार प्रदर्शन से देश का दिल जीतने वाली 22 वर्षीय क्रांति गौड़ का छतरपुर से घुवारा तक जगह- जगह स्वागत व सम्मान होगा। इन स्वागत- सम्मान की इस कड़ी में एक ऐसा लम्हा भी आएगा जो उनकी ज़िंदगी के विरोधाभासों को दर्शाता है। दरअसल क्रांति के पिता मुन्ना लाल गौड़, जो कभी पुलिस विभाग में कार्यरत थे। करीब 15 साल पहली उनकी नौकरी समाप्त (या निलंबित) कर दी गई थी। बताया जाता है कि क्रांति के पिता के विरुद्ध यह कार्रवाई तत्कालीन चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर की गई थी। क्रांति के परिवार पर जैसे ही ये बिजली गिरी तो उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गई थी। खैर…. वक्त का पहिया घूमा और पिता के उसी पुलिस विभाग के मुखिया, जिला छतरपुर के पुलिस अधीक्षक  क्रांति का स्वागत करने के लिए ख़ुद मौजूद रहेंगे। उनके आधिकारिक दौरे के कार्यक्रम के अनुसार, क्रांति का पहला आधिकारिक स्वागत 12:45 बजे पुलिस अधीक्षक ऑफिस, छतरपुर में होने जा रहा है। यह क्षण केवल एक चैंपियन का सम्मान नहीं है, बल्कि उस बेटी की विजय है जिसने अपनी प्रतिभा से उस व्यवस्था को भी झुकने पर मजबूर कर दिया, जिससे उसके परिवार को कभी दुःख मिला था। यह दिखाता है कि प्रतिभा और लगन के आगे हर दीवार ढह जाती है।

घुवारा में जश्न का माहौल, बेसब्री से इंतजार

क्रिकेट की दुनिया में अपनी गति और स्विंग से धूम मचाने वाली क्रांति का सफर किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है। आर्थिक तंगी, सीमित संसाधन और समाज के ताने इन सब से लड़ते हुए उन्होंने अपने हुनर को धार दी। एक समय था जब उनके पास ठीक से खेलने के लिए जूते और क्रिकेट किट भी नहीं थी, लेकिन आज वह विश्व विजेता हैं। उनके गांव घुवारा में दिवाली से बड़ा उत्सव मनाया जा रहा है। हर किसी की जुबां पर अपनी ‘लाड़ली’ क्रांति का नाम है, जिसने उन्हें दुनिया के नक्शे पर ला दिया है। जानकारी के मुताबिक खजुराहो आगमन के बाद, वह कार से छतरपुर पहुंचेंगी।छतरपुर में पुलिस अधीक्षक के अलावा, वह एसीसी सीमेंट हेड ऑफिस और कृष्णा यूनिवर्सिटी में भी अभिनंदन स्वीकार करेंगी।

शाम 4:20 PM पर घुवारा में अपने गृह नगर के नागरिकों के बीच उनका भव्य स्वागत होगा, जहाँ नगर पंचायत अध्यक्ष सहित स्थानीय लोग उनकी अगवानी करेंगे। क्रांति गौड़ की यह नगर वापसी उन हजारों- लाखों बच्चों के लिए एक प्रेरणा है जो अभावों के बीच बड़े सपने देखते हैं। यह विजय इस बात का प्रमाण है कि लगन और प्रतिभा किसी भी सरकारी विभाग या गरीबी की बेड़ियों से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली हैं।

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