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अहिंसा परमो धर्मा:, जिन शासन में कोई शेर-वेर नहीं होता: अनिल नैनधरा

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सागर। जैन समुदाय के भीतरखाने में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा लगता है जैसे समाज के साथ-साथ साधु- साध्वी,श्रावक, साधक, मुनि, आचार्य श्री आदि को दो धड़ों में बांटने की कोशिशें हो रही है। ये कौन कर रहा है ? फिलहाल स्पष्ट नहीं है। बस नए-पुराने मामले उखाड़े जा रहे है। बात यहां तक पहुंच गई है कि एक जैन अनिल नैनधरा ने कहा कि, जैन धर्म में अहिंसा परमो धर्मा: है, इसलिए जिन शासन में कोई शेर-वेर नहीं होता….. बहरहाल ताजा मामला मोतीनगर थाने में पहुंचे एक आवेदन का है। जिसमें जैन समुदाय के चार लोगों पर समाज के ही कुछ लोगों ने अर्नगल टीका-टिप्पणी का आरोप लगाते हुए FIR की मांग की है। बुधवार को इसी मामले से जुड़े कुछ विषयों को लेकर सकल जैन समाज के प्रमुख महेश जैन बिलहरा, ब्रह्मचारिणी डॉ.रेखा जैन, डॉ. नीलम जैन, प्रतिष्ठाचार्य संजीव भैया, सुरेंद्र मालथौन और अनिल नैनधरा समेत अन्य विशिष्टजन ने पत्रकारों से चर्चा की।

बातचीत की शुरुआत ललितपुर के ढाई साल पुराने पत्र कांड से हुई। नैनधरा ने बताया कि समाधिष्ट आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज समेत अन्य मुनि- महाराजों के बारे में साल 2022 के आखिर में अर्नगल टीका- टिप्पणियों वाली चिट्ठियां लिखने का एक मामला पकड़ में आया था। पड़ताल की तो पता चला कि ललितपुर के सुरेंद्र हिम्मू जैन, ईशान गदिया और वकील मुन्नालाल सठयाना यह सब कर रहे हैं। हिम्मू जैन ये चिट्ठियां किसी जिम्मेदार व्यक्ति के इशारे पर पोस्ट करता था। जिसकी एवज में उसे हर दफा 40 हजार रु. ICICl बैंक से मिलते थे। हम लोगों ने मामले की संवेदनशीलता समझते हुए सागर कोतवाली थाना में FIR भी कराई थी। पिछले साल अगस्त में जिला न्यायालय सागर ने पुलिस को यह प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के बिंदु पर वापस कर दिया। जिसको लेकर सागर शहर के कतिपय लोगों ने खुशियां मनाईं। उस समय शहर में चार्तुमास कर रहे 108 निर्यापक मुनिश्री सुधासागर जी महाराज के मंच से उक्त पत्रकांड से जुड़े लोगों का स्वागत- सम्मान तक किया गया। लेकिन सागर का सकल जैन समाज चुप रहा क्योंकि हम लोग आचार्य श्री विद्यासागर जी के अनुगामी हैं। समाज टूटते नहीं देख सकते थे। लेकिन इस घटनाक्रम से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस चिट्ठी-पत्रीबाजी के पीछे कौन और कितने शक्तिशाली लोग थे। उनकी भावी योजना क्या थी। हम लोग यहां स्पष्ट करना चाहते हैं कि परम पूज्य आचार्य श्री हमारे लिए सर्वोच्च हैं। इसलिए उनके खिलाफ गलत बयानी करने वालों के विरुद्ध हम लोग दृढ संकल्प हो जबलपुर हाईकोर्ट गए। इसी प्रण के कारण हम लोगों के खिलाफ झूठे पुलिस केस लदवाने की नित नई कोशिशें हो रही हैं। ललितपुर कोतवाली थाने में सागर के 9 प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ अपहरण, हत्या के प्रयास के केस दर्ज किया गया। इसके पहले यूपी पुलिस पर पूरे दो साल दबाव बनाया गया। लेकिन स्थानीय कोर्ट के आदेश पर बीती मार्च में केस दर्ज हो गया। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ललितपुर पुलिस की जांच पर भरोसा करते हुए हम लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। जो सच की जीत थी। सोशल मीडिया पर चल रही बयानबाजी और हम लोगों को झूठे केसों में फंसाना उसी पत्रकांड से प्रेरित है। दो दिन पहले मोतीनगर पुलिस थाने में एक आवेदन दिया गया है। जिसमें कुछ लोगों ने सीए सुदीप जैन, सोनू आईटीआई, समीर जैन व विदित जैन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगाए। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। ये टीका-टिप्पणी, पत्रकांड के पीछे जुड़े षणयंत्रकारियों के बारे थी। जिसको लेकर अब मोतीनगर पुलिस पर दबाव बनाया जा रहा है। वैसे भी अगर यह टिप्पणी गलत है तो समूचा जैन समाज को आंदोलित होना चाहिए न कि चंद वे लोग जो किसी ” अतिविशिष्टजन” के इशारे पर FIR कराना चाहते हैं। ताकि पत्रकांड के मामले में हम लोगों पर दबाव बनाया जा सके। चर्चा के दौरान पत्रकारों ने मुकेश जैन ढाना को पूज्य गुरुवर सुधासागर जी द्वारा फटकार लगाने व जैन समाज की चुप्पी पर सवाल उठाया। जवाब में सीए सुदीप जैन ने कहा कि मुकेश जैन बड़े हृदय के व्यक्ति हैं। इसलिए वे और हम सब सहन कर गए। अगर वह कोई गलत कदम उठाते तो समाज में फूट पड़ जाती। हम सभी की चुप्पी समाज हित में थी। वार्ता में मौजूद अन्य लोगों ने कहा कि बीते साल सोशल मीडिया पर ब्रह्मचारिणी डॉ. रेखा जैन के बारे में काफी- कुछ अमर्यादित लिखा गया। उन्होंने भी इस संबंध में मोतीनगर पुलिस थाने में लिखित शिकायत की थी। लेकिन कतिपय VVIP के दखल के कारण आज तक FIR नहीं हुई। जबकि इस संबंध में डॉ. जैन, राष्ट्रीय महिला आयोग तक की शरण ले चुकी हैं। पत्रकार वार्ता में अन्य विषय भी सामने लाए गए। बताया गया कि एक फर्जी सिम आरती रहली के नाम से जिसको अंकित जैन नेता ने ग्रुप पर जोड़ा था। उसके द्वारा पूज्य आचार्य समय सागर जी के खिलाफ लगातार चार-पांच पत्र डाले गए। परम पूज्य मुनि योगसागर जी महाराज की अगवानी में पुण्योदय विद्यापथ चैनल के संचालक अंकित मित्रा गुना के द्वारा षड्यंत्र रचा गया। सागर के एक ड्रोन कैमरे को 4000 देकर किराए पर लिए जाने की बात आई। जिसमें पूज्य मुनि योग सागर जी महाराज की अगवानी फीकी दिखाई जाने की बात की गई। उक्त काम की राशि अंशुल जैन मंगलम सागर देगा ऐसा कहा गया। ब्रह्मचारी गौतम जैन ईश्वरवारा के द्वारा भी आचार्य भगवंत के संघ के खिलाफ बहुत निंदा की गई है जिसकी ऑडियो भी उपलब्ध है। अंत में सभी समाजजन ने कहा कि और भी बहुत से विवादित विषय है जो मीडिया के माध्यम से सबके सामने लाए जाएंगे। उक्त पत्रकार वार्ता में मुकेश जैन ढाना, देवेंद्र जैन स्टील ,मुन्ना लंबरदार प्रकाश जी पारस गिलास, राजा भैया ,राजेश रोडलाइंस,सौरभ जैन बूंद, नीतू स्टील, दिनेश बिलहरा ,संदीप बैसाखिया, शालू ऑयल,भोलू राहुल, बिलहरा ऋतुल बिलहरा आदि मौजूद थे।

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