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मकरोनिया के आउटलेट्स- स्टोर्स: अग्निकांड हुआ तो जान-माल बचाना होगा मुश्किल !

सात दिन से 41-42 डिग्री सेल्सियस पर अटका है गरमी का पारा, इलेक्ट्रिकल फॉल्ट का बढ़ जाता है खतरा, 90 प्रतिशत आउटलेट्स की अग्निसुरक्षा व्यवस्था नेशनल बिल्डिंग कोड- 16 के अनुसार नहीं है

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मकरोनिया नगर पालिका के पास केवल एक छोटी फायर लॉरी, दूसरी महीनों से खराब पड़ी

सागर। इस समय गर्मी का पारा 41-42 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। जो घर-दुकान या ऑफिसों में इलेक्ट्रिकल लाइन के बर्स्ट से होने वाले अग्निकांड का कारण बन सकता है। कमोवेश मकरोनिया चौराहा के आसपास खुले बड़े-बड़े इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, कपड़े, जूते, जेवरात, चश्मे के आउटलेट्स के हालात भी ऐसे ही हैं। कारण ये है कि इन सभी आउटलेट्स व शो-रूम में आग को काबू करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। हजारों स्क्वेयर फीट में बने इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का फायर सेफ्टी सर्वे कराया जाए तो खुलासा होगा कि इनकी अग्नि शमन व्यवस्था किसी मामूली दुकान या ऑफिस के जैसी है। अधिकांश ने सुरक्षा के नाम पर फायर एक्सटिंग्विशर लगवा रखे हैं। लेकिन इनकी वर्किंग कैपेसिटी जांचेगे तो मालूम चलेगा कि यह उपकरण चंद फीट में फैली आग को भी बमुश्किल शांत करने लायक ही हैं।

एक भी आउट लेट्स व शो-रूम एनबीसी-16 प्रमाणित नहीं

केंद्र व राज्य सरकार की बिल्डिंग निर्माण व सुरक्षा संबंधी गाइडलाइन में यह स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसे सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान, आउटलेट्स, शो-रूम, अस्पताल, रेसीडेन्श्यिल होटल, कोचिंग सेंटर आदि को अपने-अपने फायर फाइटिंग सिस्टम को नेशनल बिल्डिंग कोड-16 के तहत बनाना होगा। जानकारी के अनुसार मकरोनिया चौराहा स्थित एक भी आउटलेट जिनमें किराना-कपड़े बेचने वाला विशाल मेगा मार्ट, रेडीमेड कपड़ा विक्रेता वी-2, जेवरात का आउटलेट तनिष्क, इलेक्ट्रॉनिक आइटम विक्रेता जीओ मार्ट आदि में से किसी के पास भी एनबीसी-16 का प्रमाण-पत्र नहीं हैं। बता दें कि एनबीसी- 16 के तहत बड़े व्यवसायिक भवनों को फायर एक्सटिंग्विशर के अलावा मुख्य रूप से अपने-अपने भवन की छत और भू-तल पर 20-20 हजार लीटर का वाटर टैंक बनवाना होगा। जहां से प्रेशर पाइपयुक्त कनेक्शन देकर भवन के प्रत्येक फ्लोर की सीलिंग में स्प्रिंकलर सिस्टम लगवाना होते हैं। अग्निकांड की स्थिति में इन स्प्रिंकलर के मुंह पर लगा पारा  स्वत: बर्स्ट हो जाता है। जिसके बाद प्रेशराइज फुहार शुरु हो जाती है। यह आग को तेजी से काबू करने में अन्य साधनों की अपेक्षा ज्यादा कारगर है।

इसलिए भी चिंताजनक क्योंकि नपा के पास नहीं है ढंग के इंतजाम

मकरोनिया के इन आउटलेट्स, स्टोर्स में बदकिस्मती से अगर अग्निकांड होता है तो उस पर काबू पाने के लिए नगर पालिका के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। नपा के पास केवल एक ही फॉयर लॉरी है। लेकिन यह इतनी छोटी है कि इससे किसी गली-कूचे के मकान या दुकान में लगी आग पर ही काबू पाया जा सकता है। इस लॉरी में 3500 लीटर पानी व 100 लीटर फोम ही स्टोर किया जा सकता है। 4500 लीटर पानी की क्षमता वाली एक और लॉरी है लेकिन यह कई महीनों से बिगड़ी पड़ी है। सागरवाणी ने मकरोनिया क्षेत्र में अग्निकांड की स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय आउटलेट व स्टोर के इंतजाम व नपा की तैयारी के संबंध में सीएमओ पवन शर्मा से चर्चा करना चाही लेेकिन उनका मोबाइल फोन अधिकांश समय आउट ऑफ स्टेशन बताता रहा।

25/04/2025

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