खबरों की खबर

हफसिली में प्लाट मांगने वाले नए-नए ‘पशुपतियों की जांच पूरी, कई फर्जी निकले

 मौके पर ननि की टीम गई तो बोले, मवेशी बेच दिए थे लेकिन अब दोबारा पालेंगे
– पहले फेज में 5 हजार से अधिक वर्गफीट के प्लाट मांगने वाले के 75 आवेदकों की जांच हुई
सागर। खुरई रोड स्थित हफसिली गांव में डेयरी के नाम पर प्लाट झपटने की कोशिश करने वाले नए-नए ‘पशुपति फर्जी निकले हैं। 25 दिन से अधिक चली जांच के बाद नगर निगम कमिश्नर चंद्रशेखर शुक्ला के समक्ष जांच रिपोर्ट पेश कर दी गई है। पहले फेज में उन आवेदकों की जांच की गई। जिन्होंने 5 हजार से अधिक वर्गफीट जगह मांगी थी। ऐसे आवेदकों की संख्या 75 से अधिक थी। डेयरी के लिए हफसिली गांव में 225 से अधिक आवेदकों ने प्लाट मांगे हैं। जिनमें वास्तविक रूप से डेयरी का संचालन करने वालों के अलावा कई ऐसे लोगों ने प्लाट के लिए आवेदन किया है। जिनके घर में दुधारु पशु तो ठीक कुत्ते-बिल्ली तक नहीं पले। अरसे से वे दूध के उत्पादन का स्रोत सांची का पाउच ही मानते हैं।

पशुपति तो मिले, पशु गायब थे
जांच टीम के सूत्रों के अनुसार एक दर्जन से अधिक लोग ऐसे मिले हैं। जिनके पास डेयरी का नामो-निशां मिला। साफ है कि ये लोग फर्जी पशुपालक हैं। वहीं दो दर्जन लोग ऐसे मिले। जिनके पास मवेशी नहीं थे। उनका दावा था कि धर-पकड़ के चलते हम लोगों ने अपने मवेशी अमुक-अमुक गांव भेज दिए हैं। 20 से अधिक पशुपालक, उनके किए गए दावे व मांगी गई प्लाट साइज के अनुसार सही पाए गए। डेढ़ दर्जन से अधिक पशुपालक ऐसे भी मिले। जिनके पास बताई गई संख्या के मुताबिक मवेशी नहीं मिले। उदाहरण के लिए किसी पशुपालक ने 20-25 मवेशी होने का दावा किया था तो उसके पास 10-15जानवर ही मिले।
सागर वाणी  ने किया था प्लाट आवंटन मेें फर्जीवाड़ा खुलासा
नगर निगम प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर प्लाट हथियाने के इस षडयंत्र का खुलासा sagarvani.com ने  20 जून के अंक में किया था। दरअसल विस्थापित  होने वाली डेयरियों की सूची कई साल पहले बनी थी। उसी के आधार डेयरी संचालकों को भूमि का आवंटन किया जा रहा है। लेकिन इस सूची में कई ऐसे लोग शामिल हो गए हैं जिनके पास कभी गो-धन रहा ही नहीं लेकिन वार्ड के पार्षद और टैक्स कलेक्टर की मिली भगत से ये लोग अचानक से बड़े ‘पशुपतिÓ बन गए हैं। इन लोगों से हजार-दो हजार नहीं, 5 हजार से 10 हजार वर्गफीट तक जमीन झटक ली।
जांच रिपोर्ट आ गई है, आवंटन निरस्त किए जाएंगे
जांच टीम ने रिपोर्ट पेश कर दी है। जो भी व्यक्ति अवैध तरीके से प्लाट लेने की कोशिश कर रहे थे। उनका आवंटन निरस्त किया जा रहा है।
– चंद्रशेखर शुक्ला, कमिश्नर, नगर निगम, सागर

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!