“अर्जुन पंडित” का गड़ा मुर्दा उखाड़ेगी मोतीनगर पुलिस
2005 के हत्याकांड के फरार आरोपी की पहचान के लिए 3 साल बाद कब्र से निकलेगा शव!

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सागर। मोती नगर थाना क्षेत्र के एक 20 साल पुराने हत्याकांड के एक मामले में पुलिस तीन साल पहले दफनाई गई एक अज्ञात लाश को कब्र से बाहर निकालने की तैयारी में है! मामला वर्ष 2005 में काकागंज में हुई एक चर्चित हत्या से जुड़ा है। इस हत्याकांड का आरोपी “अर्जुन पंडित” वर्ष 2022 से न्यायालय में पेशी से फरार चल रहा है, जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। ठीक इसी दौरान, जुलाई 2022 में बीना रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर एक क्षत-विक्षत शव दो हिस्सों में मिला था, जिसकी पहचान नहीं हो पाई और उसे नियमानुसार दफना दिया गया था। चर्चाओं के अनुसार खुद को अर्जुन पंडित बताने वाले इस शख्स का असली नाम कुछ और था लेकिन वर्ष 1999 में आई सनी देओल की मशहूर फिल्म ” अर्जुन पंडित ” को देख इसने अपना यह नाम रख लिया। फिल्म में यह टाइटल कैरेक्टर संस्कृत के प्रोफ़ेसर से गैंगस्टर बन जाता है। जबकि सागर का यह अर्जुन पंडित,ट्रेनों में भीख मांगता था। बाद में वह अपराधों में लिप्त हो गया।
डीएनए तय करेगा मरने वालेे की असल पहचान
पुलिस को संदेह है कि यह अज्ञात शव वही फरार आरोपी अर्जुन पंडित का हो सकता है! यह आशंका तब और बलवती हुई जब हत्या में अर्जुन का सह-आरोपी था, जिसने हाथ पर बने एक खास निशान के आधार पर शव को अर्जुन का होने का दावा किया था। चूंकि न्यायालय के रिकॉर्ड में अर्जुन पंडित अभी भी फरार दर्ज है, अदालत ने मामले को अंतिम रूप देने के लिए शव को निकालकर डीएनए परीक्षण कराने की अनुमति दी है। यह डीएनए जांच फरार आरोपी की असली पहचान उजागर करेगी। अर्जुन पंडित मूल रूप से जबलपुर का निवासी था। उसकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए, इंदौर में रह रहे उसके एकमात्र जीवित भाई का डीएनए नमूना लिया जाएगा और उसे कब्र से निकाले जाने वाले शव के अवशेषों से मिलाया जाएगा।
2022 में अचानक हुआ था ”गायब”
मोती नगर थाना पुलिस के अनुसार, अर्जुन पंडित को 2005 के हत्या मामले में दोषी ठहराया गया था और उसने लंबी जेल की सजा काटी। वर्ष 2016 में उसे जमानत मिली और वह नियमित रूप से अदालत में पेश हो रहा था। लेकिन वर्ष 2022 में अचानक उसने पेशी पर आना बंद कर दिया। पुलिस की तमाम तलाश के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला। इसी के बाद बीना में मिले अज्ञात शव ने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया।
कब खुदेगी अर्जुन पंडित की कब्र?
अब, मजिस्ट्रेट, फॉरेंसिक टीम और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जल्द ही कब्र को खोला जाएगा। तीन साल पुराने शव से डीएनए नमूने निकालना विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी तकनीकी चुनौती होगी, लेकिन उम्मीद है कि हड्डियों और अन्य अवशेषों से पहचान की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। यह कार्रवाई तय करेगी कि 2005 का यह पुराना हत्याकांड आखिरकार अपने अंतिम मोड़ पर पहुंच रहा है, या फिर जांच में कोई नई जटिलता सामने आएगी। पुलिस को उम्मीद है कि डीएनए रिपोर्ट से यह साफ हो जाएगा कि क्या न्याय के लंबे सफर में फरार चल रहा आरोपी वास्तव में मर चुका है, या वह अभी भी कहीं छिपा हुआ है।
03/12/2025



