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गाड़ी में 4 करोड़ रु. थे और भूख पारले-जी बिस्किट से मिटा रहे थे !

3.98 करोड़ हवाला कैश बैंक में जमा, किस से लाए... किसे देना था जैसे सवालों पर पुलिस की चुप्पी

सागर। शहर में बीते दिनों मोतीनगर थाना पुलिस द्वारा जब्त की गई 3.98 करोड़ रुपए की हवाला रकम बुधवार देर शाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सिविल लाइन ब्रांच के सरकारी खाते में जमा हो गई है। इनकम टैक्स अधिकारियों की टीम और सीएसपी ललित कश्यप ने मिलकर यह राशि बैंक में जमा कराई। अब आईटी विभाग इस “काले धन” के असली मालिकों और इससे जुड़े लोगों की जानकारी जुटाकर उनसे पूछताछ की तैयारी कर रहा है। इधर, इस हाई-प्रोफाइल मामले में पुलिस ने करोड़ों रुपए के साथ पकड़े गए मुंबई निवासी दोनों व्यक्तियों को थाने से रवाना कर दिया है, क्योंकि उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत कोई अपराध साबित नहीं हो रहा था। हालांकि, यह खुलासा अभी तक नहीं हुआ है कि ये दोनों व्यक्ति मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं या इनकम टैक्स विभाग ने उन्हें आगे की पूछताछ के लिए अपनी अभिरक्षा में ले लिया है।

न ढाबा और न होटल…. गाड़ी केवल टॉयलेट के लिए रुकती थी

सोमवार रात को जब टीआई मोतीनगर जसवंतसिंह राजपूत ने स्कॉर्पियो गाड़ी को पकड़ा था, तो न केवल 3.98 करोड़ रु. मिले, बल्कि गाड़ी में सफर के सख्त नियम भी सामने आए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए युवकों को साफ निर्देश था कि वे गाड़ी को किसी भी ढाबा या होटल पर कदापि नहीं रोकेंगे। भूख लगने पर वे गाड़ी में रखे बिस्किट, नमकीन (करीब 1-1 किलोग्राम के पैकेट) और 50 पानी की बोतलों का इस्तेमाल करेंगे। गाड़ी केवल “टॉयलेट ब्रेक” के लिए ही रोकी जानी थी। गाड़ी की तलाशी में रुपए के अलावा प्लास्टिक की खाली बोरी, बैग और सूटकेस भी मिले थे, जो शायद गाड़ी के सीक्रेट बॉक्स में रखे गए रुपए की शिफ्टिंग के लिए लाए गए थे।  यानी “डिलीवरी” के बाद कैश को सामान्य तरीके से ले जाया जाना था।

48 घंटे तक मालखाने की चौकसी में लगी SAF गार्ड

चर्चा है कि मोतीनगर पुलिस ने इनपुट के आधार पर यह बड़ी रकम पकड़ तो ली थी, लेकिन थाने आते-आते सभी के माथे पर डर की लकीरें थीं। वजह थी सिवनी का “पांडे मैडम फैक्टर”, जिसमें डीएसपी और हवाला कारोबारी के आरोप-प्रत्यारोप के चलते पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी थी।इस डर और किसी भी संभावित आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए पुलिस ने फौरन एक ‘सेफगार्ड” तरीका अपनाया। ऑन रिकॉर्ड इस रकम को गाड़ी से निकालकर बैग-बोरी में शिफ्ट कराया गया और मालखाने में रखवाया गया। इसके बाद, किसी भी विवाद से बचने के लिए, पुलिस लाइन से तत्काल चार जवानों की एसएएफ गार्ड की डिमांड कर दी गई। कुछ ही देर में जवान थाने पर तैनात हो गए और वे बारी-बारी से करीब 48 घंटे तक मालखाने की चौकसी करते रहे। गौरतलब है कि सोमवार की रात को मोतीनगर पुलिस ने रतौना के पास से महाराष्ट्र पासिंग की सफेद स्कॉर्पियो पकड़ी थी, जिसके सीट के नीचे बॉडी में बने सीक्रेट बॉक्स में 200 और 500 रु. के नोटों के हजारों बंडल मिले थे। आरंभिक पूछताछ में युवकों ने बताया था कि वे यह रकम मध्य प्रदेश के कटनी से लेकर मुंबई के किसी हीरा व्यवसायी को डिलीवर करने जा रहे थे।

19/11/2025

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