सागर में पकड़े गए 4 करोड़ रु. के साथ पकड़े गए चूरन वाले नोट और जीपीएस कनेक्शन !
हवाला के 4 करोड़ रु. में चूरन वाले नोट की गड्ढी में रखा था ''जासूसी ट्रैकर", पुलिस को बैंक जाकर पता चला क्यों जब्त रकम पूरे 4 करोड़ क्यों नहीं निकली

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सागर। कटनी से मुंबई भेजे जा रहे करोड़ों रुपए के हवाला कारोबार का पर्दाफाश होने के बाद अब इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सोमवार देर रात मोतीनगर पुलिस ने जो 3.96 करोड़ रुपए जब्त किए थे, उनमें 200 रु. के नोटों का एक बंडल ऐसा भी था, जिसके भीतर जीपीएस ट्रैकर छिपाया गया था! यह चौंकाने वाली जानकारी बैंक में नोटों की गिनती और पहचान के दौरान सामने आई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, 200 रु. के नोटों के बंडल को बीचों-बीच इस तरह से चालाकी से काटा गया था कि उसमें जीपीएस डिवाइस आसानी से फिट हो जाए। सूत्र बताते हैं कि पकड़े गए दोनों ”कैरियर” को भी इस ट्रैकर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी—यानी ”मालिक” अपनी करोड़ों की खेप पर पल-पल नजर रखे हुए थे।
पूरे 4 करोड़ क्यों नहीं निकले? बैंक ने बताया ”लोचा”
खबरों के बाजार में यह बात तैर रही थी कि जब इनपुट 4 करोड़ रुपए का था, तो जब्त राशि 3.96 करोड़ रुपए क्यों निकली? पुलिस के पास भी इसका स्पष्ट जवाब नहीं था। लेकिन जब यह राशि बैंक में जमा हुई, तो बैंक कर्मियों ने इस ”रहस्य” का खुलासा किया। बैंक कर्मियों के अनुसार, 1 करोड़ रुपए के नोटों के बंडलों में अक्सर 2-1 नोट कम निकलते हैं। चूंकि जब्त रकम में 500 रु. के नोटों के 750 से अधिक बंडल थे, इसलिए इनमें से कई में 2-1 नोट कम मिले। इसी कमी के कारण यह राशि 4 लाख रुपए से अधिक घटकर 3.96 रु. करोड़ रह गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कटनी से इस पूरी रकम को ”पूरे 4 करोड़” बताकर ही रवाना किया गया था।
कैश पकड़ा, फिर गाड़ी फेल हुई, बॉक्स खोलने में आया पसीना
मोतीनगर पुलिस को यह बड़ी रकम पकड़ने से ज्यादा, उसे थाने में सुरक्षित शिफ्ट कराने में मशक्कत करनी पड़ी। बताया जाता है कि रतौना में स्कॉर्पियो पकड़े जाने के बाद अचानक उसका सेल्फ फेल हो गया। पुलिस ने जैसे-तैसे गाड़ी को स्टार्ट कराया और थाने लाई। इसके बाद असली ”इम्तिहान” शुरू हुआ।गाड़ी में बने सीक्रेट बॉक्स के चारों कोनों में कसे बोल्ट को खोलने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए! पुलिस के पास विशेष टूल नहीं थे। जैसे-तैसे औजारों का इंतजाम किया गया, तब जाकर यह बॉक्स खुला। जैसे ही बॉक्स का कवर हटा, तो सामने करोड़ों रुपए करीने से गाड़ी के फर्श में जमे हुए देखकर सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं। इसके बाद पुलिस ने इस रकम को गाड़ी में मिले खाली थैलों और बोरियों में भरकर थाने के मालखाने में जमा कराया।
कटनी बन चुका है हवाला कारोबार का ”हब”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कटनी जिला अब देश के बड़े शहरों के लिए हवाला से रकम भेजने का ”गढ़” बन चुका है। यहाँ 10-12 बड़े दलाल, कारोबारियों से करोड़ों रुपए इकट्ठा कर दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई समेत देश के किसी भी कोने में रकम भिजवाने का मजबूत नेटवर्क तैयार कर चुके हैं। इस तरह के मामलों में हवाला रकम का उपयोग ज्यादातर व्यापारिक लेन-देन में टैक्स चोरी के लिए किया जाता है। यदि यही राशि बैंक के माध्यम से चुकाई जाए, तो विक्रेता और खरीदार को जीएसटी से लेकर इनकम टैक्स में एक मोटी रकम सरकार को देनी होती है। इसी टैक्स चोरी से बचने के लिए, ये कारोबारी महज 20-25 हजार रुपए गाड़ी और ड्राइवर पर खर्च कर करोड़ों रुपए का वाया सड़क ट्रांसपोर्टेशन कराते हैं, जिससे सरकार के लाखों रुपए के टैक्स की चोरी होती है।
20/11/2025



