अपराध और अपराधी
Trending

ब्रेकिंग: सिवनी हवाला लूट कांड में CM का बड़ा एक्शन, SDOP पूजा पांडे समेत 5 पुलिसकर्मी गिरफ्तार,11 पर FIR,

sagarvani.com9425171714

भोपाल। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हुए 1.45 करोड़ रुपये के हवाला लूट कांड ने पूरे पुलिस महकमे में भूचाल ला दिया है। इस सनसनीखेज मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

एफआईआर में कौन-कौन के नाम, कौन गिरफ्तार?

मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। इस मामले में पुलिस की एक वरिष्ठ अधिकारी सहित 11 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है।

आरोपी का नाम पद वर्तमान स्थिति

1. पूजा पांडे एसडीओपी/सीएसपी (अनुविभागीय अधिकारी पुलिस) गिरफ्तार और निलंबित

2. अर्पित भैरम थाना प्रभारी (TI), बंडोल गिरफ्तार और निलंबित

3. एसआई देवेंद्र जगेत उप-निरीक्षक गिरफ्तार

4. (अन्य 8 पुलिसकर्मी) आरक्षक, हेड कॉन्स्टेबल, ड्राइवर आदि। (जैसे तुकाराम अहिरवार, यशवंत, माखन, रविंद्र उईके, जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, रितेश, नीरज राजपूत, केदार, सदाफल – विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार) 

5. 5 पुलिसकर्मी हिरासत में/गिरफ्तार (कुल 5 गिरफ्तार) और सभी 11 निलंबित

गिरफ्तारी की स्थिति: रिपोर्ट्स के अनुसार, एसडीओपी पूजा पांडे सहित कुल 5 पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया जा चुका है/गिरफ्तार कर लिया गया है। SDOP पूजा पांडे की गिरफ्तारी इस मामले का सबसे बड़ा और लेटेस्ट अपडेट है।                   दर्ज धाराएं: पुलिसकर्मियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की गंभीर धाराओं, जैसे डकैती (धारा 310) और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज किया गया है।

नया घटनाक्रम: क्या हुआ था?

 जब्ती नहीं, लूट हुई: कटनी/जबलपुर से नागपुर जा रही एक कार को सिवनी के सिलादेही के पास पुलिस टीम ने रोका। कार में हवाला की बड़ी रकम थी, जिसकी प्रारंभिक राशि 3 करोड़ रुपये बताई गई थी।

 अफसरों की साठगांठ: आरोप है कि सीएसपी/एसडीओपी पूजा पांडे और बंडोल टीआई अर्पित भैरम सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने 1 करोड़ 45 लाख रुपये की राशि सरकारी रिकॉर्ड में जब्त करने के बजाय, उसे आपस में बाँट लिया।

रफा-दफा करने की कोशिश: लूट के बाद, वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने से पहले, कुछ रकम वापस कर मामले को दबाने की कोशिश की गई, लेकिन शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुँच गई।

 उच्च-स्तरीय जांच: जबलपुर आईजी प्रमोद वर्मा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पहले 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया। जांच जबलपुर क्राइम ब्रांच को सौंपी गई।

  शिकायतकर्ता पर भी केस: इस बीच, जांच के दौरान सिवनी पुलिस ने हवाला कारोबार में संलिप्त नागपुर निवासी कुछ लोगों (आकाश जैन, अमन गुरनानी आदि) के खिलाफ भी अवैध रकम रखने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अब तक पुलिस ने आरोपियों से ₹1.25 करोड़ से ₹1.45 करोड़ की अवैध रकम जब्त की है।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल

इस कांड ने पुलिस विभाग की छवि को अत्यंत धूमिल किया है और यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है:

 जब्ती बनाम डकैती: पुलिस का काम अवैध धन को जब्त कर कानून के अनुसार कार्रवाई करना होता है, लेकिन यहां ‘रक्षक ही भक्षक’ बन गए। जांच के नाम पर करोड़ों रुपये लूटना पुलिस बल में व्याप्त संगठित भ्रष्टाचार का चरम है।

 वरिष्ठों की संलिप्तता: एक एसडीओपी जैसे राजपत्रित अधिकारी का डकैती के आरोप में गिरफ्तार होना दर्शाता है कि यह मामला केवल निचले स्तर के कर्मचारियों तक सीमित नहीं था। उच्च पदस्थ अधिकारियों की मौन सहमति या सक्रिय संलिप्तता के बिना इतने बड़े अपराध को अंजाम नहीं दिया जा सकता।

  नेतृत्व पर सवाल: इस घटना ने सिवनी पुलिस के वरिष्ठ नेतृत्व पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। आईजी/डीआईजी को स्थिति संभालने के लिए स्वयं सिवनी पहुँचना पड़ा, जिससे पता चलता है कि स्थानीय एसपी/एएसपी जैसे अधिकारी अपने बल पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रख पा रहे थे।

  राजनीतिक बनाम अफसरों की इच्छाशक्ति: मुख्यमंत्री द्वारा सीधे हस्तक्षेप किए जाने से यह स्पष्ट हुआ है कि पुलिस विभाग अपनी आंतरिक जांच और अनुशासन में विफल रहा था, जिसके बाद सरकार को कठोर राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना पड़ा। यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर एक साथ पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर और गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!