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जिला न्यायालय बिल्डिंग से भागे विचाराधीन बंदी के आगे बीबी-बच्चों की दुहाई देने लगे पुलिसकर्मी

पुलिस को चकमा देकर आरोपी ने पुलिस वाले के ही मकान की छत पर चढ़ गया, धरा गया

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सागर। जिला न्यायालय में शनिवार को पेशी के लिए आए एक विचाराधीन बंदी ने पुलिसकर्मियों की हवा बंद कर दी। हुआ ये कि इस बंदी ने जिला न्यायालय परिसर से निकलकर पीछे की तरफ दौड़ लगा दी। वह भागता हुआ पीटीसी ग्राउंड के पीछे, श्री दादा दरबार मंदिर के बाजू में बने पुलिस क्वार्टर्स की छत पर चढ़ गया। इसके बाद जो हुआ। वो सब प्रत्यक्षदर्शियों के मोबाइलों के कैमरों में रिकॉर्ड हो गया। दरअसल छत पर चढ़ा यह आरोपी पुलिसकर्मियों को वहां से कूदकर जान देने की धमकी देने लगा। जैसे ही खाकी वर्दीधारियों ने यह सुना तो उनके होश फाख्ता हो गए। वे उसे अपनी नौकरी जाने का डर बताकर नीचे उतरने के लिए मनाने लगे। उन्हें अपने बीबी-बच्चों की भी दुहाई दी। उससे यहां तक कहा कि आत्महत्या किसी समस्या का इलाज नहीं है। वीडियो के मुताबिक वह बार-बार किन्हीं 50 हजार रुपयों की बात कर रहा था। उसका कहना था कि मैंने पुलिस को बहुत को-ऑपरेट किया। लेकिन अब नहीं मानूंगा। पुलिसकर्मियों उसके यह कथित 50 हजार रु. भी चुकाने के लिए तैयार हो गए। लेकिन यह युवक नहीं पिघला और छत से दूसरी तरफ कूद गया। लेकिन इस बीच कुछ अन्य खाकीवर्दीधारी इस मकान के दूसरे तरफ पहुंच गए थे और उन्होंने उसे कुछ दूर से दबोच लिया।

दुष्कृत्य के आरोप में विशेष न्यायालय में पेशी करने आया था

न्यायालय से भागने की असफल कोशिश करने वाले इस युवक का नाम रंजीत घोषी निवासी गांव किल्लाई थाना राहतगढ़ है। उसे कुछ समय पहले ही दुष्कृत्य के आरोप में गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया गया था। शनिवार को पुलिस लाइन के तीन प्रधान आरक्षक पवन, विपिन और संजय उसे विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट, प्रदीप सोनी के यहां पेशी कराकर वापस ला रहे थे, तभी वह भाग निकला। गनीमत रही कि उसके साथ बैरक से निकले अन्य बंदियों ने इस मौके का लाभ नहीं उठाया। जानकारी के अनुसार के रंजीत के साथ हत्या के तीन आरोपियों समेत अन्य 5 आरोपियों को भी पेशी के लिए लाया गया था। पुलिसकर्मियों ने इन लोगों को तुरंत अपनी अभिरक्षा में ले लिया। इधर आरोपी रंजीत को जेल दाखिल करने के बाद पुलिसकर्मी गोपालगंज पुलिस थाना पहुंचे। जहां रंजीत घोषी के खिलाफ न्यायालयीन अभिरक्षा से भागने के मामले में बीएनएस की धारा 262 के तहत केस दर्ज किया गया।

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