श्री गुरुसिंघ सभा: आखिरकार नहीं हुए चुनाव, नाराज धड़ा प्रशासन के खिलाफ कन्टेम्पट ऑफ कोर्ट की तैयारी में
सिख समुदाय के कुछ लोगों का आरोप, राजनीतिक दखलंदाजी कर चुनाव टलवाए गए


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सागर। भगवानगंज गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधन कमेटी श्री गुरुसिंघ सभा, सागर के चुनाव आखिरकार नहीं हो पाए। कारण ये रहा कि जिला प्रशासन के नुमाइंदों ने इस मामले में ज्ञात-अज्ञात कारणों से बड़ी लेट लतीफी की। जबकि ये चुनाव जिला न्यायालय के आदेश पर होने जा रहे थे।
जिला न्यायाधीश प्रशांत सक्सेना ने 9 मई को आदेश पारित कर जिला प्रशासन को 45 दिन यानी 24 जून तक प्रधान समेत कार्यकारिणी के चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन इन चुनावों की तैयारी को लेकर 30-35 दिन तक चुप्पी साधे रहा। चुनाव की मांग करने वाला गुट सक्रिय हुआ तो SDM सागर अदिति यादव ने चुनाव कराने तहसीलदार प्रवीण पाटीदार को निर्देश दिए। उन्होंने नायब तहसीलदार, आरआई और पटवारी की टीम बना दी। ये टीम चुनाव कराने की मियाद के आखिरी सप्ताह में दो-तीन बार गुरुद्वारा साहिब हो आई लेकिन किया कुछ खास नहीं।
यहां तक कि ये लोग सभा के निवर्तमान अध्यक्ष सतिंदरसिंह होरा से मतदाता सूची तक हासिल नहीं कर पाए। इस बीच एसडीएम यादव ने तहसीलदार पाटीदार को गुरुसिंघ सभा का रिसीवर बना दिया। लेकिन 48 घंटे बाद उन्हें हटा भी दिया और किसी दूसरे अधिकारी को यह जिम्मेदारी नहीं दी।
चुनाव कराने के लिए कोर्ट गए धड़े ने आखिरी तीन दिन पहले तहसीलदार को एक मतदाता सूची सौंपी लेकिन अब तक बहुत देर हो चुकी थी। नतीजतन यह चुनाव अनिश्चित काल के लिए टल गए। इस मामले में सिख समाज का एक धड़ा प्रशासन के खिलाफ “कन्टेम्प्ट ऑफ कोर्ट” की तैयारी कर रहा है।

उनका कहना है कि चुनाव को लेकर जिला प्रशासन शुरु से ही लापरवाह रवैया अपनाए रहा। सागर एसडीएम अदिति यादव ने शुरुआती 30-35 दिन तक को इस चुनाव के लिए कोई कार्रवाई ही शुुरु नहीं की। चर्चा है कि निवर्तमान कमेटी चुनाव कराने की इच्छुक नहीं है, इसलिए कतिपय प्रशासनिक अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव बनाकर यह चुनाव टलवा दिए।
इधर जिला न्यायालय से सभा के चुनाव कराने संबंधी आदेश कराने वाले धड़े का कहना है कि हमारे समुदाय के लोगों की संख्या कम है, इसलिए कतिपय समाजजन, राजनीतिक लोगों की आड़ लेकर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिसका जवाब वक्त आने पर दिया जाएगा। श्री गुरुसिंघ सभा के प्रधान व कार्यकारिण के चुनाव 9 साल पहले हुए थे। जबकि यह चुनाव हर दो वर्ष में होना चाहिए थे।
25/06/2025



