विवि में मीडिया सेंसरशिप! रजिस्ट्रार ने शिक्षकों, कर्मचारियों,अधिकारियों को चेताया

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सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि में मीडिया को सेंसर किया जा रहा है! इसके पीछे जो कारण बताया जा रहा है, वो ये है कि कुलपति डॉ. नीलिमा गुप्ता प्रिंट, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित खबरों से नाराज हैं। मंगलवार को विवि के प्रभारी कुलसचिव सत्यप्रकाश उपाध्याय ने एक पत्र विवि की प्रशासनिक शाखाओं, विभागाध्यक्ष समेत शिक्षकों को भेजा है। जिसमें कहा गया है कि आप कोई भी सूचना, खबर, घटनाक्रम या साक्षात्कार, वक्तव्य या गोपनीय सूचनाएं सीधे प्रेस-मीडिया को नहीं देंगे। अगर ऐसी कोई आवश्यकता है भी तो इसके लिए आप विवि के प्रभारी पीआरओ डॉ. विवेक जायसवाल से संपर्क करेंगे।
इधर इस आदेश को लेकर मजेदार बात ये है कि विवि की इस कथित सेंसरशिप वाला ये पत्र भी लीक होकर मीडिया के पास पहुंच गया है। जबकि यह केवल विवि से संबंधित विभाग, कार्यालय आदि केे लिए जारी हुआ था।
भ्रष्टाचार, एक्सटेंशन, सूचना आयुक्त के जुर्माने के समाचार प्रकाशित हुए
मीडिया को सेंसर करने का यह निर्णय बीते कुछ दिन में उजागर हुई खबरें व घटनाओं के बाद लिया गया है। रजिस्ट्रार के पत्र में स्पष्टतः भले नहीं लिखा है लेकिन ये स्वीकार किया गया है कि पिछले कुछ दिनों के मीडिया कवरेज से कुलपति नाराज हैं। बता दें कि पिछले दिनों कुलपति के कार्यकाल की बढ़ोत्तरी की तैयारी, केंद्रीय सूचना आयुक्त द्वारा रजिस्ट्रार समेत अन्य कर्मचारियों पर जुर्माना समेत अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार से जुड़ी कुछ खबरें प्रकाशित हुईं थी। चर्चा है कि इनके अलावा कुछ ऐसी बड़ी खबरें व घोटालें भी हैं। जिनके के संबंध में कतिपय मीडियाकर्मी, शिक्षक व अधिकारियों के जरिए जानकारी जुटा रहे हैं। मुमकिन है कि उन्हें रोकने के लिए कुलपति और उनकी सलाहकार मंडली ने विश्वविद्यालयीन स्टाफ को चेताने का निर्णय लिया हो।
पूर्व में जारी पत्रों का हवाला दिया, अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए चेताया
रजिस्ट्रार ऑफिस से जारी इस सेंसरशिप वाले पत्र में बताया गया है कि साल 2021 और 2022 में खबर, आयोजन, वक्तव्य, साक्षात्कार, गोपनीयता आदि को लेकर पत्र जारी हुए हैं। उन्हीं पत्रों के हवाले यह निर्णय प्रभावी ढंग से लागू कराया जा रहा है। आगे पत्र में लिखा है कि इसके बाद भी अगर शिक्षक, कर्मचारी या अधिकारी सीधे मीडिया से बात करते हैं तो उनके खिलाफ केन्द्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियमावली, 1965 के प्रावधानों एवं अन्य नियमों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
13/05/2025


