सीधा आरोप….कुलपति जी, आप शिक्षकों के जरिए भ्रष्टाचार कर रही हैं : डीन
एमबीए-कॉमर्स डीन ने एचआर विषय में हुई शिक्षक नियुक्ति पर ली आपत्ति लेकर लिखा पत्र

सागर। प्रो. वाईएस ठाकुर द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है। राजनीतिक दबाव के कारण उनको बचाया जा रहा है। उनको तुरंत प्रशासनिक पदों से हटाया जाए। इनकी अध्यक्षता में राधिका कुरील, मानवेंद्र पाहवा, पुष्पेंद्र और आयुषी जैन की नियुक्ति भ्रष्टाचारयुक्त है। इन लोगों को बार-बार नियुक्ति प्रक्रिया में इनको क्यों शामिल किया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि आप इनके सहारे भ्रष्टाचार को अंजाम दे रही हैं। यह बड़ा आरोप डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय की कुलपति डॉ. नीलिमा गुप्ता पर उन्हीं के अधीनस्थ कॉमर्स और मैनेजमेंट स्कूल के डीन प्रो. श्री भागवत ने लगाया है। प्रो. भागवत ने यह पत्र, कुलपति के अलावा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और विवि के रजिस्ट्रार को भी भेजा है। उन्होंने इस पत्र में मुुख्य रूप से एक शिक्षक की नियुक्ति पर आपत्ति ली है।
पर्यटन विषय के बजाए ह्युमन रिसोर्स विषय का शिक्षक नियुक्त कर दिया
पत्र मेें आगे प्रो. भागवत लिखते हैं कि आप को इस पत्र के माध्यम से मुझे पुन: अपनी बात रखनी पड़ रही है कि मैं एक डीन के कर्तव्यों के तहत आप को यह कई बार बता चुका हूं कि एम.बी.ए. टूरिज्म को पढ़ाने के लिए विभाग में एक भी शिक्षक नही है। परंतु आप ने कभी भी इस बात को संज्ञान में नहीं लिया। उलटा एक अन्य विषय(एचआर) की शिक्षक को नियुक्त कर दिया। इस विषय को पढ़ाने के लिए विभाग में पहले से ही 12 लोग हैं फिर भी 13 वां शिक्षक भर्ती कर दिया। आप ने मेरी आपत्ति के बाद भी नियुक्ति कर एक्सटेंशन भी दे दिया। इस नियुक्ति प्रक्रिया में आप और प्रोफेसर ठाकुर पुन: गलत व अनुचित प्रक्रिया का सहारा लिया।
टूरिज्म के विद्यार्थियों से मोटी फीस लेकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा
अपने इस पत्र मेें प्रो. भागवत लिखते हैं कि विभाग द्वारा टूरिज्म के छात्रों से एक बड़ी रकम 32 हजार रु. प्रति सेमेस्टर फीस के रूप में ली जाती है। लेकिन उन्हें किसी दूसरे विषय के शिक्षक द्वारा पढ़ाया जा रहा है। एक तरह से उनका भविष्य चौपट किया जा रहा है। यह उनके साथ अन्याय है। सवाल ये है कि विश्वविद्यालय का पैसा इस तरह से क्यों बरबाद किया जा रहा है। मेरी मांग है कि इस नियुक्ति को तुरंत रद्द किया जाए और संबंधित विषय के शिक्षक की व्यवस्था किया जाए। ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो। विभाग में नियुक्त आयुषी जैन व पुष्पेंद्र को जो गलत तरीके से नियुक्त किया गया है। उन्हें जो वेतन दिया गया है, वह विभाग के प्रो. वाइएस ठाकुर के वेतन से वसूला जाए।
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नियम एवं उचित प्रक्रिया के तहत की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नियम एवं उचित प्रक्रिया के तहत की गई है। विभाग की आवश्यकता एवं अनुशंसा पर नियमानुसार एक्सटेंशन भी किया गया है। टूरिज्म मैंनेजमेंट के लिए भी अतिथि शिक्षकों की मांग की गई है जिस पर विभाग से वर्कलोड माँगा गया है। उसके अनुसार शिक्षकों को उपलब्ध कराने की अग्रिम प्रक्रिया की जाएगी।
– डॉ विवेक जायसवाल, जनसंपर्क अधिकारी, डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर
11/05/2025



