अपराध और अपराधी

रिश्वत लेते धराया एडि.एसपी का स्टेनो, ऑफिस में बैठकर थानेदारी झाड़ता था

25000 की रिश्वत मुरम का वैध परिवहन कर रहे युवक से मांगे थे 25 हजार रुपए, सागर लोकायुक्त की कार्रवाई।

दमोह। सागर से लोकायुक्त की टीम ने दमोह में एडि.एसपी कार्यालय में पदस्थ स्टेनो त्रिलोक सिंह अहिरवार को 25000 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। आरोपी ने खनिज विभाग से अनुमति लेकर मुरम खुदाई कर रहे युवक सुमित सोनी से 30,000 की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 5000 रु. वह चार दिन पहले दे चुका था और 25,000 रुपए देने की बात शुक्रवार को तय हुई थी। फरियादी युवक ने बताया कि उसने अपने एक दोस्त की निजी जमीन पर मुरम खोदकर उसके परिवहन के लिए खनिज विभाग से अनुमति ली थी। मेरा पूरा काम नियम अनुसार रॉयल्टी पर चल रहा था। लेकिन आरोपी एसआई (M) मुझे बार-बार कार्रवाई करने की धमकी दे रहे थे और मासिक 40 हजार रुपयों की मांग कर रहे थे। उसके बाद मैंने सागर लोकायुक्त में जाकर शिकायत दर्ज कराई। लोकायुक्त टीम का एक सदस्य 24 फरवरी मेरे साथ आया। तब मैंने आरोपी को ₹5000 दिए और 30 हजार में सौदा तय करने के बाद बाकी  ₹25000 27 फरवरी को देने की बात तय हुई। गुरुवार को आरोपी ने मुझे बुलाया लेकिन फिर फोन बंद कर लिया, इसलिए टीम वापस चली गई।

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शुक्रवार को आरोपी ने मुझे फिर फोन लगाया, जिसकी सूचना मैंने सागर लोकायुक्त टीम को दे दी और शाम को टीम फिर दमोह पहुंच गई।  टीम के साथ केमिकल लगे नोट लेकर मैं आरोपी के पास होमगार्ड ग्राउंड पहुंचा जहां आरोपी ने मुझसे 25,000 लिए और टीम ने उसे दबोच लिया। कार्रवाई करने पहुंचे लोकायुक्त डीएसपी बीएम द्विवेदी ने बताया कि एएसपी के स्टेनो ने मुरम खुदाई करने वाले युवक से रुपये मांगे थे। युवक ने लोकायुक्त में शिकायत की थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई और आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।

पत्नी से पंचायत के चलते एक बार बच गया था
इस मामले में दिलचस्प पहलू ये है कि आरोपी स्टेनो त्रिलोकसिंह चार दिन पहले ही ट्रेप होते-होते बच गया था। दरअसल फरियादी सुमित उसे रिश्वत की बकाया रकम देने 4 दिन पहले भी होम गार्ड के ग्राउंड पहुंच गया था। लोकायुक्त की टीम ने उसकी फील्डिंग भी लगा ली थी। लेकिन अचानक स्टेनो का फोन बंद हो गया और फरियादी उस तक नहीं पहुंच पाया। जानकारी मिली कि उस दिन त्रिलोकसिंह की पत्नी से मोबाइल पर लंबी बहस- पंचायत हुई। जिसके चलते उसके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई और मोबाइल बंद हो गया। चर्चा है कि स्टेनो के धरे जाने से दमोह खासकर देहात पुलिस में हर्ष की लहर है। बताया जाता है कि ये शख्स अपनी सीट का रुतबा बताकर सिपाही-थानेदार तो ठीक डीएसपी स्तर तक के अधिकारियों पर दबाव बनाता था। यही कारण था कि वह बगैर वर्दी बगैर थाने के ठेकेदार, व्यापारी, आम आदमी से लेकर पुलिस कर्मियों तक से वसूली कर लेता था।
रिश्वत की रकम छिपाने में यूज कार भी जब्त
डीएसपी ( लोकायुक्त) द्विवेदी ने बताया कि आरोपी स्टेनो ने रिश्वत की रकम 25 हजार रु. लेकर अपनी ब्रीजा कार के बैक साइड वाले वाइपर में अटका दिए थे। वह स्वयं को बड़ा कम्फर्ट मान रिश्वत देने वाले युवक से बातचीत कर रहा था कि तभी हमारी टीम ने उसे पकड़ लिया। इधर पुलिस सूत्रों का कहना है कि स्टेनो अहिरवार रिश्वत लेने के ज्यादातर इसी ग्राउंड का उपयोग करता था। पास ही पुलिस क्वार्टर में उसका निवास है। वह टहलने के बहाने इस ग्राउंड में आकर वसूली करता था।
28/02/2025

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