चुनाव चर्चा

कांग्रेस प्रत्याशी ”गुड्डू” आखिर “राजा” की तरह क्यों नहीं लड़ रहे चुनाव

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सागर। मप्र विधानसभा चुनाव-2023के दौरान, यूपी बसपा से चंद्रभूषणसिंह गुड्डू राजा बुंदेला मप्र की कांग्रेस में भर्ती हुए थे। उनका प्लान था कि चुनाव के बाद तत्कालीन स्टेट हेड कमलनाथ की सिफारिश पर ललितपुर-झांसी संसदीय क्षेत्र का टिकट मिल जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कमलनाथ हारे तो हारे, अध्यक्षी भी गवां बैठे। इधर गुड्डू राजा को बदले हुए हालात में सागर लोकसभा क्षेत्र का टिकट टिपा दिया गया। वे भी बाल सुलभ चेहरा लिए चुनाव लड़ने आ गए। लेकिन यह क्या? चंद्रभूषणसिंह यह चुनाव “गुड्डू” की तरह लड़ते दीख रहे हैं। जबकि उम्मीद थी कि वह ये ”इलेक्शन वार” ग्रेनाइट किंग के रूप में लड़ेंगे। इन लाइनों पर भरोसा नहीं है तो कांग्रेसी की चुनावी तैयारी का मंजर देख लें। गुड्डू राजा की अपेक्षा कहीं अधिक जाना-पहचाना चेहरा होने के बावजूद भाजपाई प्रत्याशी डॉ. लता वानखेड़े के फ्लेक्स, दीवार लेेखन इत्यादि का काम सागर लोकसभा क्षेत्र में कहीं अधिक हो चुका है। दूसरी ओर पूरा लोस क्षेत्र तो ठीक मुख्यालय वाले सागर विस क्षेत्र में गुड्डू राजा का नामो-निशान नहीं दिख रहा। कहीं-कहीं पर कांग्रेस के झंडे-झंडी दिख रहे हैं। लेकिन बदले हुए प्रचार तरीकों में अब ये उतना  कारगर नहीं है। इमेजिन करें कि अगर गुड्डू राजा, शहर के व्यस्ततम इलाके तीन बत्ती, कटरा बाजार, सिविल लाइंस या घनी बसाहट वाले इलाकों में निकल जाएं तो मुमकिन है कि 95 फीसदी लोग उन्हें वाय फेस पहचान ही नहीं पाएं।
दोनों पार्टियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस से समझें तैयारी की धार
राजनीतिक इत्तेफाकन, सोमवार को बीजेपी और कांग्रेस की एक के बाद एक पत्रकार वार्ताएं हुईं। दोनों का एक ही एजेंडा था। अपने-अपने चुनाव घोषणा-पत्र के बारे में बताना। अखबार, न्यूज वेबसाइट-पोर्टल्स पर दोनों को समान कवरेज मिला। लेकिन भाजपा ने अपनी मजबूत चुनावी तैयारी के चलते पूरे कवरेज को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर शेयर कर अपनी बात और आगे बढ़ाई। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस थी। जिनकी तरफ से एक भी कतरन या वीडियो न्यूज क्लिप को शेयर नहीं किया गया। जबकि यहां कार्यकर्ता-पदाधिकारियों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में अंदरखाने के लोगों ने बताया कि सपा-बसपा से तीन बार टिकट लेकर हारे गुड्डू राजा, चुनाव खर्च को बड़े संवेदनशील हैं। वे अपनी एक अलग टीम लेकर आए हैं जो काम देखकर दाम तय कर रही है। कुछ हद तक यह ठीक भी है लेकिन, चुनावी माहौल में मुंह देख-देखकर रेवड़िया बांटना बहुत सही भी नहीं है। ऐसे में कार्यकर्ता-पदाधिकारियों से वन-टू-वन बात करके भी उन्हें चुनावी काम में लगाया जा सकता है। यह वीडियो सोमवार की पीसी का है। जिसमें आप प्रत्याशी गुड्डू राजा को ” नजदीक” से देख – समझ सकते हैं !

 

भर गर्मी में टीन के शेड में दफ्तर, कार्यकर्ता-पदाधिकारियों ने डूबा साधा
प्रत्याशी चंद्रभूषणसिंह बुंदेला की रिश्तेदारी, स्थानीय दौलतमंद कांग्रेसी बुंदेलसिंह बुंदेला से है। इसी के चलते उन्होंने अपना चुनावी बेस, बुंदेलसिंह की जमीन पर बनाया है। लेकिन यह दफ्तर भी अजब-गजब  है। एक तो यह शहर से लगभग बाहर भोपाल रोड पर बना हुआ है। दूसरा दफ्तर के नाम पर टीन शेड है। जहां भर गरमी में जाने कैसे ठंडे दिमाग से चुनाव लड़ा जाएगा। मुमकिन है कि इस दफ्तर के ही कारण कतिपय कार्यकर्ता-पदाधिकारी और ज्यादा गहरा डूबा साध जाएं। हालांकि ये लोग तो मौसम में गरमाहट आने के पहले ही ठंडे पड़ चुके हैं। इसका भी एग्जांम्पिल ये है कि अब तक वार्ड या जोन स्तर पर चुनाव कार्यालय नहीं खुले हैं।

बड़े पदाधिकारी, जो स्वयं टिकट मांग रहे थे। वे केवल रस्मी तौर पर चुनाव दफ्तर पहुंच रहे हैं लेकिन लौटकर अपने मोहल्ला-पड़ोस में कांग्रेस की चर्चा तक नहीं कर रहे। शहर अध्यक्ष राजकुमार पचौरी और जिलाध्यक्ष आनंद अहिरवार  के बीच चल रही खटपट भी किसी से छिपी नहीं है। इसी का परिणाम है कि लोस क्षेत्र के करीब 2200 मतदान बूथों की जिम्मेदारी अब तक नहीं बंटी है। ब्लॉक स्तर पर जिम्मेदारियां नहीं बांटी गईं हैं। जबकि नामांकन पत्र जमा करने के बाद सागर जैसे जंबो और अधिकांश देहाती इलाकों वाले लोस क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए अधिकतम 15  दिन ही मिलेंगे। सागर में तीसरे फेज में 07 मई को मतदान होना है। इधर, कांग्रेसी नेताओं के नजरिए से चुनावी तैयारी बहुत अच्छी बताई जा रही हैं। जिस नेता से पूछो, थूक गटकते हुए यही बोलता है कि,जीत हमारी होगी। प्रत्याशी गुड्डू राजा भी यही बात दोहराते हैं लेकिन वे थूक गटकने के साथ गले की खराश भी साफ करते हैं।  16/04/2024

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