बांदरी के कांग्रेस नेता अशोक चौबे हत्याकांड का आरोपी बरी
एडिशनल एसपी और कई थानेदारों ने की थी जांच, फिर भी नहीं जुटा पाए ठोस सुबूत

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सागर । खुरई के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार यादव की न्यायालय में बांदरी के सेमरा गांव के तीन साल पुराने पूर्व सरपंच अशोक चौबे हत्याकांड का फैसला सुनाया गया। जिसमें आरोपी ग्राम सागोनी निवासी अमित पिता मुन्नालाल साहू को बरी कर दिया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता एमपी पंडा ने बताया कि अभियोजन हमारे पक्षकार के विरुद्ध परिस्थिति जन्य साक्ष्य की श्रृंखला पूर्ण नहीं कर सका और संदेह के आधार पर विचारण उपरांत माननीय तृतीय अपर सत्रन्यायाधीश न्यायालय ने निर्णय पारित करते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है।
एडि. एसपी और कई थानेदार भी नहीं जुटा पाए दमदार सुबूत
पूर्व सरपंच अशोक चौबे कांग्रेस से जुड़े थे। वहीं इस हत्याकांड के तार तत्कालीन पंचायतीराज निकाय के तहत सरपंच पद की उम्मीदवारी से भी जोड़े गए। नतीजतन तत्कालीन एसपी ने मामले की जांच एडिशनल एसपी विक्रमसिंह कुशवाह को सौंपी। उन्हों ने करीब आधा दर्जन थानेदारों को साक्ष्य जुटाने में लगाया।
शुरुआती जांच में पुलिस ने स्व. चौबे के ही एक सहायक को संदेही मान इंटेरोगेट किया। लेकिन सुबूत नहीं मिलने पर छोड़ दिया। इसके बाद संदेह की सुई अमित साहू पर अटक गई। लेकिन पुलिस के ये अफसर व थानेदार उसके विरुद्ध कोई भी ठोस साक्ष्य नहीं जुटा पाए। यहां तक कि स्व. चौबे के मोबाइल नंबर की CDR भी आधी-अधूरी पेश की। आखिर में जैसे-तैसे आरोपी साहू के खिलाफ बगैर किसी सार- तार की अभियोजन कहानी तैयार कर चालान पेश कर दिया गया। नतीजतन न्यायालय में अभियोजन ( सरकारी वकील) आरोप सिद्ध कराने में असफल रहे।
3 साल पहले संदिग्ध हालात में मिला था शव
ये घटनाक्रम साल 2022 की 1- 2 जनवरी की दरमियानी रात का है। जनवरी की 2 तारीख की सुबह पूर्व सरपंच अशोक चौबे का शव लगभग निर्वस्त्र हालत में उनके निवास पर खून से लथपथ मिला था।
शव के पास बीअर की बाटल और चूड़ियां सहित महिला के बाल आदि मिले थे। बांदरी थाना पुलिस ने शक के आधार पर सागौनी निवासी अमित पिता मुन्नालाल साहू को आरोपी बनाते हुये न्यायालय में पेश किया था। मुन्ना पर पुलिस को शक इसलिये हुआ था क्योंकि एक समय जरुरत पर मृतक अशोक चौबे ने अमित और उसके पिता मुन्नालाल साहू की मदद नहीं की थी। दरअसल अमित साहू और मुन्नालाल साहू पर गांव के ही हम्मीर अहिरवार की आत्महत्या के दुष्प्रेरण का मामला दर्ज हुआ था। जिसमें मदद मांगने दोनों अशोक चौबे के पास गये थे। अशोक चौबे तत्कालीन बांदरी थाना प्रभारी के ससुर थे। लेकिन उस समय अशोक चौबे ने मदद करने से मना कर दिया था इसी के चलते दोनों अशोक चौबे से रंजिश रखते थे। ज्ञातव्य है कि हम्मीर अहिरवार के साथ जूतों सहित लाठी डंडों से मारपीट कर साहू परिवार ने गांव में जुलूस निकाला था जिससे अपमानित होकर उसने आत्महत्या कर ली थी।
11/12/2024



