शख्सियत

अटल जी की तरह ही सब सुन समझ लेते हैं जार्ज फर्नांडिस

देश के लिए इतना सोचा, इतना बोला, इतना किया…पर कोई दो पंक्तियां भी नहीं लिखता इन पर। …हालत बिल्कुल वही है अटल जी जैसी। यह मृत्युपूजकों का देश है। मरणदिवस मनाया जाता है यहां ,जिंदों को तभी तक याद रखते हैं जब तक वे काम के होते हैं।

अटल जी की तरह ही सब सुन समझ लेते हैं जार्ज फर्नांडिस, प्रतिक्रिया को अभिव्यक्त नहीं कर पाते। अटल जी की मृत्यु पर उनकी मूक प्रतिक्रिया भी एक लाख शब्दों से भारी होगी। क्या पता उन्हें किसी ने बताया भी है या नहीं। जार्ज भाजपा और कांग्रेस दोनों के थे नहीं, समाजवादियों से कुछ उम्मीद की जा सकती थी, लेकिन वे स्मारकों को नहीं पूजते।

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