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आखिर क्यों पाकिस्तान जाने को मजबूर हुए सागर के 110 लोग !

भारत - पाक बार्डर के करीब स्थित श्री करतारपुर गुरुद्वारा साहेब के दर्शन करेंगे

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सागर। शहर से 110 लोग इसी गुरुवार को पाकिस्तान में होंगे। अचरज मत करें। ये सभी धार्मिक यात्रा पर पंजाब के गुरुदासपुर जिले में स्थित भारत – पाक बार्डर के श्री करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान जा रहे हैं। वहां ये सभी श्री करतारपुर गुरुद्वारा दरबार साहेब में मत्था टेकेंगे। जानकारी के अनुसार मंगलवार के वाया रेल सागर से 250 लोगों का एक जत्था अमृतसर निकल रहा है। अगुवाई कर रहे श्री गुरुसिंघ सभा गुरुद्वारा साहेब के अध्यक्ष सरदार सतेंद्र सिंह होरा ने बताया कि जत्थे में से 140 लोग अमृतसर समेत आसपास के तीर्थ करेंगे। जबकि 110 लोग करतारपुर बार्डर से पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा साहेब के लिए रवाना होंगे। पाकिस्तान जाने वालों में एक दंपती जैन समुदाय से और बाकी सभी सिक्ख- सिंधी समुदाय के हैं।

सिक्खो के प्रथम गुरु के पवित्र स्मारक के दर्शन करेंगे               श्री करतारपुर साहेब में  सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु  श्री नानक देव जी (1449-1539 ई.) के पवित्र स्मारक मौजूद हैं। सिक्ख समुदाय के अनुसार  गुरु नानक जी अपने आचार-विचार और कर्मशीलता के कारण हिंदु-मुस्लिम दोनों समुदाय के श्रद्धेय थे। इसलिए जब उन्होंने देह त्याग किया तो दोनों ही समुदाय के लोग उनके पवित्र शरीर पर अपना हक जताने लगे। लेकिन जब उनके शरीर को ढंकी चादर हटाई तो उनका तन वहां नहीं था, देह की जगह दो फूल थे। इसके बाद भी दोनों समुदाय के अनुयायी नहीं माने और उस चादर को आधा -आधा बांट लिया।

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श्री करतारपुर साहब गुरुद्वारा में दोनों ही धर्मों के पवित्र स्थल क्रमश: गुरुद्वारा और मजार के रूप में मौजूद हैं।  भारतीय बार्डर से मात्र 6 km दूर है गुरुद्वारा साहेब               भारतीय बार्डर से श्री करतारपुर साहिब मात्र 6 Km दूर है। लेकिन वहां पहुंचने के लिए बार्डर पर बने भारतीय प्रवर्तन ऑफिस(इमिग्रेशन) में करीब एक घंटे की औपचारिक कार्रवाई होती है। इसके बाद पाक सरकार द्वारा प्रदत्त बस से यात्रियों को करतारपुर साहिब भेजा जाता है। पाक पहुंचने पर एक बार फिर पाक इमिग्रेशन में जांच – पड़ताल होती है। इसके बाद प्रति व्यक्ति 20 डॉलर फीस जमा कर दर्शन के लिए डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा पहुंचा दिया जाता है। पाक सरकार ने दर्शन के लिए शाम 4.30 बजे तक का समय तय किया है।

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इसके बाद वापस लौटना होता है। यात्रा के लिए करीब महीने भर पहले ही रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद स्थानीय पुलिस, विशेष शाखा व आईबी की N0C के बाद इस तीर्थ यात्रा की अनुमति मिल गई।  

15/07/2024

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