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जामताड़ा (झारखंड) के साइबर ठग हमारे शहर तक आ पहुंचे हैं !

एक शिक्षक का मोबाइल चुराकर चंद मिनट के भीतर बैंक खाते से रकम उड़ाई! पीड़ित ने लेन-देन के कई अहम साक्ष्य जिला साइबर शाखा को सौंपे

सागर। जामताड़ा( झारखंड) के साइबर ठग- लुटेरे हमारे बीच आ चुके हैं। भरोसा नहीं हो रहा ? ठीक है तो सुनिए ! बीते 16 जून दिन रविवार को सरकारी स्कूल के एक शिक्षक धनीराम लड़िया नई सब्जी  मंडी, तिलकगंज आए थे। इसी दौरान सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच उनका मोबाइल सेट चोरी हो गया। धनीराम ने तुरंत कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन पुलिस कुछ कर पाती साइबर ठगों ने अपना काम दिखा दिया। मोबाइल चोरी होने के कुछ मिनट बाद ही धनीराम के बैंक खाते से राशि यहां-वहां ट्रांसफर होने लगी। अज्ञात ठगों ने  महज 10-12 घंटे में कुल 85 हजार रु. उड़ा लिए। वह तो गनीमत थी कि शिक्षक लड़िया के इस एकाउंट की डेली ट्रांजिक्शन लिमिट 1 लाख रु. तक ही थी। इसलिए ठग उनसे केवल 85 हजार रु. ही ठग पाए। इस घटनाक्रम में सबसे खास बात ये है कि मोबाइल चोरी होने के चंद मिनट के भीतर ठगों ने उसमें से राशि ट्रांसफर करना शुरु कर दी। संभव है कि जो लोग मोबाइल चोरी कर रहे हैं वही इस साइबर ठगी के एक्सपर्ट हैं। या फिर मोबाइल चोर, इन साइबर ठगों के सम्पर्क में हैं। जो उनसे तत्काल मोबाइल लेकर रकम यहां-वहां ट्रांसफर कर देते हैं। शिक्षक लड़िया की रकम मप्र से बाहर बिहार में भी ट्रांसफर हुई है। जो साबित करता है कि साइबर ठगी गिरोह ने इन दोनों राज्यों में जमीनी स्तर पर नेटवर्क खड़ा कर लिया है।दूसरी ओर इस मामले की जिला पुलिस बल की साइबर सेल जांच कर ही रही है कि शिक्षक लड़िया को ठगी करने वालों के कुछ सुराग मिले हैं। इनमें ठगी में शामिल एक युवक का CCTV फुटेज भी मिला है।

ग्राहक सेवा केन्द्र की जागरुकता से बच गए 20 हजार            शिक्षक लड़िया ने बताया कि मेरे पास एक  मोबाइल नंबर  से फोन आया था। उस व्यक्ति का कहना था कि मैं सतना से बोल रहा हूं। मैं एक बैंक का क्योस्क (ग्राहक सेवा केंद्र) चलाता हूं। मेरे पास एक 18-20 साल का लड़का आया था और मुझसे 20,000 रू. मांगने लगा, उसके पास धनीराम लड़िया का आधार कार्ड भी था, मैंने उससे स्वयं का आधार कार्ड मांगा जो नहीं दिया। कुछ देर बहस करने के बाद चला गया, फिर मैंने 20,000/- रू. जो धनीराम लड़िया के खाते से आए थे। उन्हें उसी खाते में रिटर्न कर दिए। इस अज्ञात लड़के का सीसीटीवी फुटेज भी जिला साईबर सेल को भेज दिया। रकम मांगने वाले लड़के का नाम माही महेश  मोबाइल नं. 91-8102396420 था। जो अब बंद बता रहा है।

लेकिन बिहार के क्योस्क संचालक  ने राशि ट्रांसफर की

शिक्षक लड़िया ने बताया कि एक दूसरा कॉल शत्रुधन कुमार बिहार से आया। उसने बताया कि धनीराम लड़िया के फोन-पे से दिनांक 17 जून 2024 को 10,100 /- आए थे। कुछ देर बाद एक महिला आई उसने 100/- काटकर 10,000/- की मांग की। जो शत्रुघ्न ने दे दिए, वह महिला अज्ञात बताई जा रही है। शिक्षक लड़िया का कहना है कि उक्त जानकारी पुलिस के लिए जांच में सहायक होगी। 

डिजिटल प्लेटफार्म के बढ़ते उपयोग से ठगी में इजाफा
प्रदेश में ठगी की वारदातें कोरोना संक्रमण के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के बाद तेजी से बढ़ी हैं। ऐसा इसलिए कि लोगों ने खरीदी के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग करना शुरू किया था। कोरोना से पहले यानी साल 2019 में साइबर पुलिस को ठगी की कुल 4439 शिकायतें मिली थीं और 2020 में शिकायतें 32 हजार के पार हो गई थीं। साल 2022 में तो यह आंकड़ा 86 हजार के पार पहुंच गया। साल 2022 में 33 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी हुई थी। वर्ष 2023 ठगी की 80 हजार से ज्यादा शिकायतें साइबर पुलिस को मिल चुकी है।ठगी से बचने का एक मात्र उपाय सतर्कता है।  पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद ठगी गई राशि में रिकवरी बेहद कम प्रतिशत में हो पाती है। इसलिए विशेषज्ञ अपना पासवर्ड हमेशा चेंज करते रहने, अनजान कॉलर से अपना बैंक डिटेल शेयर करने से बचने, डिजिटल लेनदेन को बड़ी सर्तकता के साथ करने की सलाह देते हैं।

24/06/2024

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