सगे भाईयों के दर्जन भर हत्यारों को आजीवन कारावास
अभियुक्तों में भी सगे भाई, साथ भुगतेंगे जेल

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सागर। मप्र के सागर जिले के गौरझामर गांव में दो सगे भाइयों की निर्मम हत्या के मामले में 12 आरोपियों को एक साथ दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।। देवरी के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महेश कुमार झा ने अपने 113 पेज के फैसले में अभियुक्तों को कारावास के अलावा प्रत्येक को 34 हजार रुपए का अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। लोक अभियोजक पी एल रावत ने बताया कि 25 अक्टूबर 2022 को सुरेंद्र ने इस आशय की रिपोर्ट की ,कि वह दिनांक 25-10-2022 को लगभग 12:00 बजे अपने घर पर पुट्टी कर रहा था,उसी समय रामबाबू और राजा बाबू निवासी बिजोरा भागते हुए आए और उसके घर केअंदर आ गए और उसके घर के ऊपर दूसरी मंजिल पर घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया तथा उनके पीछे दौड़ते हुए रामराज, दीपक गुड्डा मदन,माखन ,अभिनव एवं परिवार के अन्य लोग एक राय होकर आए और गंदी-गंदी गालियां देते हुए उसके मकान की दूसरी मंजिल पर जाकर दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए और राजा बाबू और रामबाबू दो सगे भाइयों के साथ लाठी डंडों से मारपीट की जिससे उन्हें हाथ पैर व सिर में जगह-जगह चोटें आई और घायल अवस्था में देवरी अस्पताल भेजा गया जहां से उन्हें सागर रेफर किया गया और जहां इलाज के दौरान दोनों की मृत्यु हो गई।घटना के बाद आरोपी ऑल्टो कार से बरकोटी चौराहे पर पहुंचे जहां रास्ते में मृतकों की मां रेखारानी आ गई जहां आरोपियों ने मृतक की मां रेखारानी को टक्कर मारकर आरोपी ऑल्टो कार से भाग निकले।जिस पर अभिनय उर्फ अभिनव पिता माखन दांगी, दीपक पिता जय सिंह डांगी ,गुड्डा उर्फ सुजान पिता भरत सिंह दांगी,माखन सिंह पिता रघुवीर सिंह दांगी,रामराज सिंह पिता रघुवीर सिंह दांगी,मदन सिंह पिता सीताराम दांगी,गंगाराम पिता परमलाल चढ़ार,अशोक पिता रूपचंद अहिरवार, राममिलन पिता हरिराम सौर,उमेश पिता गिलू चढ़ार,बबलू पिता गिलू चढ़ार, राकेश पिता धनीराम धनीराम चढ़ार, के विरुद्ध धारा 302,147,148,149,452,294,के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया ,जहां प्रत्यक्षदर्शी रूप सिंह, सुरेंद्र सिंह, हरिबाई, रेखा रानी और अन्य गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महेश कुमार झा द्वारा सभी 12 आरोपियों को दोहरे आजीवन कारावास एवं 34 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा से दंडित किया है और अर्थदंड न भरने स्थिति में अतिरिक्त दंड से दंडित किया जावे। इधर इस जघन्य हत्याकांड की वजह पर रहस्य बरकरार है। पैरवी करने वाले सरकारी वकील श्री रावत ने बताया कि इस मामले की FIR और पूरे केस में पीड़ित व आरोपी पक्ष ने हत्या की वजह उजागर नहीं की है। हालांकि यह आवश्यक था लेकिन दोनों ही पक्ष इस पर मौन रहे। अनाधिकृत तौर यही माना जा सकता है कि दोनों पक्षों में कोई पुरानी रंजिश रही होगी।
01/08/2025



