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तीन पीढ़ियों के सुसाइड लैटर में जमीन, भैंस- पड़िया, कर्ज, पूजा की सामग्री के बंटवारे से लेकर तेरहवीं के खर्च तक का जिक्र !

खुरई में वृद्धा, उसके अधेड़ बेटे और किशोरवय पोता-पोती ने जहरीला पदार्थ निगल प्राण त्यागे

सागर। खुरई के टीहर गांव में एक परिवार के चार लोगों ने आत्महत्या कर ली। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जो घटनाक्रम की कुछ-कुछ वजह बयां कर रहा है। पुलिस के अनुसार ये घटना देर रात की है। जहां आबादी से दूर खेत में बने एक  मकान में मनोहर लोधी (42) , उसकी मां फूलरानी लोधी (70) बेटी शिवानी (18) और बेटा अनिकेत (16) ने जहरीला पदार्थ खाकर सामूहिक रूप से जान दे दी। चर्चाओं के अनुसार मनोहर का अपनी पत्नी द्रोपदी से विवाद चलता रहता था। बच्चे भी उसे पसंद नहीं करते थे। कुछ दिन पहले ही वह झगड़ा कर देवरी के जैतपुरा गांव स्थित मायके चली गई थी। मुमकिन है कि इन्हीं हालात से त्रस्त होकर तीन पीढ़ियों ने सामूहिक आत्महत्या का रास्ता चुना।
दादी और पोते की घर पर मौत, दो अस्पताल में मृत

मृतक मनोहर के बड़े भाई नंदराम सिंह लोधी ने बताया कि हम लोग गांव में रहते हैं। छोटे भाई मनोहर का परिवार और मां सहित एक अन्य भाई खेत पर बने मकान में रहते हैं। रात को मंझले भाई का फोन आया कि मनोहर, मां और उसके दोनों बच्चों को उल्टियां हो रही हैं। हालात खराब है। जब तक आसपास के लोग और परिजन पहुंचे तब तक बुजुर्ग फूलरानी और उनके पोते अनिकेत की मौत हो चुकी थी। मनोहर और उसकी बेटी शिवानी को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था, जहां शिवानी ने इलाज के दौरान तो उसके पिता मनोहर ने सागर ले जाते समय एंबुलेंस में दम तोड़ दिया।

सुसाइड नोट में भैंस- पड़िया, कर्ज, पूजा की सामग्री के बंटवारे से लेकर तेरहवीं का जिक्र
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है । जिसे शिवानी या अनिकेत ने लिखा है। उसमें उल्लेख है कि हम लोगों के मरने के बाद जमीन ज्यादा पर मां यानी द्रौपदी लोधी का कोई हक नहीं रहेगा। नोट में आगे लिखा है कि घर में जो भी पैसे चल-अचल संपत्ति है, वह बुआ, चाचा और बड़े पापा चाचा को बांट दी जाएं। जैसे कि 3 भैंस में से एक – एक बुआ व चाचा को दी जाए। उनकी पड़िएं (भैंस की बछिया) बड़े पापा को दी जाएं। घर के पूजा के बर्तन व अन्य सामग्री गांव के पंडित जी को दी जाए। पापा (मनोहर) के फोन- पे एकाउंट में 68 हजार रु. हैं। जिसका पासवर्ड बड़े पापा के जैसा है। दादी के चार जेवर चारों बुआओं लक्ष्मी, शीला, शिवकली व अंतिम को दिए जाएं। हमारे हिस्से की जमीन चाचा व बड़े पापा के हक्क में रहेगी। अल्मारी में 1.20 लाख रु हैं। वह हमारी दिन तेरहवीं पर खर्च किए जाएं। मामा से 2 लाख रु का कर्ज लिया था। पापा ने 2.40 लाख रु. चुका दिए हैं। 
26/07/2025

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