सामान्य ब्लॉकेज को गंभीर बताकर ऑपरेशन कराने मजबूर किया
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सागर : सागर के व्यवसायी अजय दुबे के मेडिकल चेकअप में भोपाल की एक हॉस्पिटल द्वारा लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया है।अजय दुबे ने सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल भोपाल पर गलत निदान और भय का माहौल बनाकर मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न और व्यवसायिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है और अपने वकील से नोटिस भी भेजा है। अजय दुबे ने भोपाल स्थित सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल (SMH) पर गलत हृदय रोग निदान करने, झूठे भय का माहौल बनाने, और करोड़ों रुपये के व्यवसायिक नुकसान का कारण बनने का गंभीर आरोप लगाया है। दुबे ने बताया कि दिनांक 10 अप्रैल 2025 को अपनी नियमित हृदय जांच के लिए SMH पहुंचे थे, जहां उन्हें कार्डिएक सीटी एंजियोग्राफी (CCTA) के आधार पर बताया गया कि उन्हें त्रैतीय वाहिका रोग (Triple Vessel Diseas है और मध्य कोरोनरी धमनियों में 100% ब्लॉकेज है। अस्पताल द्वारा कहा गया कि किसी भी प्रकार की हलचल से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है और तुरंत सर्जरी जरूरी है। इस भयावह सूचना से आहत होकर मरीज अजय दुबे को अपना 14 अप्रैल 2025 को मस्कट, ओमान के लिए निर्धारित एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्यापारिक दौरा रद्द करना पड़ा जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ। हालांकि, मरीज ने मुंबई के सुराणा हॉस्पिटल में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश कवार से दूसरी राय ली। दिनांक 14 अप्रैल 2025 को कराई गई पारंपरिक इनवेसिव एंजियोग्राफी में यह पाया गया कि केवल एक धमनियों में 40% ब्लॉकेज है, जो सर्जरी की आवश्यकता नहीं रखता और सामान्य औषधीय उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है।। कवार के अनुसारः “रिपोर्ट में कोई भी गंभीर समस्या नहीं है और ऐसी स्थिति 60 वर्ष की आयु में आम होती है। पूर्व अस्पताल की रिपोर्ट अत्यधिक भ्रामक और गलत है।”इस घटना से आहत होकर मरीज ने अब कानूनी नोटिस जारी करते हुए SMH से 1 करोड़ रु. का मुआवज़ा और 50 हजार रु . की कानूनी नोटिस लागत की मांग की है। वहीं, 15 दिनों के भीतर निपटारा न होने पर, अस्पताल के खिलाफ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, उपभोक्ता फोरम, और अन्य नागरिक मंच व न्यायलय में मुकदमा दायर किया जाएगा। मरीज के वकील, अधिवक्ता ऋषि कुमार मिश्रा का कहना है कि”यह केवल एक मरीज की लड़ाई नहीं है, बल्कि भारत में हो रहे मेडिकल भ्रांतियों और लालच के खिलाफ एक चेतावनी है।”
30/05/2025



