अपराधी तत्व, भू-माफिया रामकुमार घोषी के खिलाफ आदिवासियों पर अत्याचार का केस दर्ज
आदिवासियों की जमीन हड़पने के मामले में जयस नेता डॉ.आनंद राय ने लिया संज्ञान

sagarvani.com9425172417
सागर। भू-माफियाओं के लिए अभयारण्य बन चुके शहर के कनेरादेव गांव, थाना मोतीनगर में आदिवासियों की जमीन कैसे हड़पी जा रही है। उन्हें किस तरह से मारपीट, डरा-धमकाकर गांव से भगाया जा रहा है। इसका जीता-जागता सुबूत शुक्रवार को धुरेड़ी पर हुआ एक घटनाक्रम है। जिसमें यहां के कुख्यात भू-माफिया रामकुमार घोषी और उसके भाई राजेंद्र घोषी ने फाग गा रहे आदिवासी परिवारों की महिलाओं और पुरुषों से जमकर मारपीट की। मोतीनगर थाने में दर्ज
रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय निवासी हरिसिंह पिता शेरसिंह आदिवासी उम्र 30 साल निवासी मसानझिरी कनेरादेव थाना मोतीनगर, सागर ने बताया कि मैं उक्त पते पर रहता हूं। मजदूरी करता हूं। 14 मार्च के दोपहर करीब 03.00 बजे की बात है। मैं नीलेश गौड़, मूलचंद गौड व अन्य गांव के लोग कनेरादेव स्कूल के पास बैठे फाग गा रहे थे। तभी
राजेन्द्र घोषी, रामकुमार घोषी, पप्पू पटेल व एक अन्य व्यक्ति हाथों में डंडा लेकर आये और गाली देते हुए कहने लगे कि तुम गौड़ आदिवासी लोग मेरी जमीन पर कब्जा कर रहे हो। हमने कहा कि तुम लोग हमको गालियां मत दो। जमीन पर कब्जा तो तुम लोग कर रहे हो। ये जवाब सुन इन लोगों ने मेरे सिर में डंडा मार दिया। मेरे सिर से खून बहने लगा। मूलंचद गौड़ और नीलेश गौड़ ने आकर बीच-बचाव किया तो रामकुमार घोषी ने मूलचंद को डंडे से मारा जो उसको दोनो हाथ के अंगूठो में लगा। पप्पू पटेल और दूसरे आदमी ने नीलेश को मारा तो उसके बायें हाथ में चोट आई है।
स्टाम्प पर लिखा-पढ़ी कर जमीन हथिया रहे
पीड़ित आदिवासियों का कहना है कि रामकुमार और उसका भाई हम साधनहीन,मजदूर,गरीब लोगों पर जमीनों पर कब्जा करने का झूठा आरोप लगा रहे थे। जबकि सच्चाई ये लोग ही हम लोगों पर दबाव बना-बनाकर जमीन हड़प रहे हैं। कई आदिवासियों से इन लोगों ने स्टाम्प पर जमीन बेचने का करार कर लिया है और कलेक्टर से परमिशन मिलने की आड़ में ये लोग बगैर रजिस्ट्री के जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।कलेक्टोरेट में आदिवासी हितैषी बनने की पोल खुली
कनेरादेव के आदिवासी बोले, हम लोगों से किसी ने दबावपूर्वक जमीन नहीं ली
भू-माफिया रामकुमार घोषी वही शख्स है। जिसने करीब 2 महीने पहले कतिपय आदिवासियों की भीड़ ले जाकर कलेक्टोरेट में एक ज्ञापन दिया था। उसने दावा किया था कि मेरे व मेरे परिवार द्वारा किसी भी आदिवासी से दबावपूर्वक जमीन नहीं ली गई। कुछ मैनेज लोग जिन्हें वह आदिवासी बताकर कलेक्ट्रेट लाया था। उनसे बयान दिलाया कि रामकुमार एक प्रतिष्ठित व्यक्ति है। जबकि उस पर मारपीट, हत्या के प्रयास, फायरिंग सरीखे केस पूर्व से ही दर्ज थे। भीड़ में जो लोग उसके साथ आए थे। उनके परिजन अलग – अलग हत्या के मामलों में अभी भी जेल में बंद हैं। ताजा मारपीट के मामले से इस अपराधी मानसिकता के भू-माफिया और उसके गिरोह की पोल खुल गई। साफ हो गया है कि वह किस तरह से आदिवासियों की जमीन हड़प रहा है। धुरेड़ी के दिन हुए इस मामले में पुलिस ने आरोपी रामकुमार घोषी, राजेंद्र घोषी और पप्पू पटेल के खिलाफ अजा-जजा एक्ट समेत भारतीय न्याय संहिता 2023 की 296,115(2), 351(3), 3(5), अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम, 1989 (संशोधन 2015) 3(1)(द), 3 (1) ध, 3(2) (va) के तहत केस दर्ज किया है।
कनेरादेव के आपराधिक प्रवृत्ति के युवक रामकुमार घोषी को पुलिस ने पकड़ा
15/03/2025



