कोर्ट में सीरियल किलर के चेहरे पर हंसी रहती थी, अंग्रेजी भी बोलता था… तीसरी बार मिला आजन्म कारावास
सीरियल किलर शिवप्रसाद को एक और मामले में आजीवन कारावास, चार चौकीदारों को मौत के घाट उतारा था

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सागर। सीरियल किलर शिवप्रसाद उर्फ हल्कू धुर्वे को तीसरे मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीन साल पहले अगस्त- सितंबर 2022 में उसने महज 6 दिन के भीतर चार सोते हुए चौकीदारों को मौत के घाट उतारा था। बीते महीने इसी खतरनाक किलर को भोपाल की एक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जबकि बीते साल हत्या के एक और मामले में उसे आजीवन कारावास एवं रेलवे स्टेशन सागर के पास एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला के मामले में 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं हत्या के एक और मामले में उसके खिलाफ सागर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
सागर के इस मामले की पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक सौरभ डिम्हा ने बताया कि हल्कू धुर्वे को कैंट थानांतर्गत भैंसा गांव में एक चौकीदार कल्याणसिंह की हत्या के मामले में अपर सत्र विशेष न्यायाधीश प्रशांत सक्सेना ने उसे आजीवन कारावास और लूट व गृह भेदन के मामले में 10 साल की सजा सुनाई।
अंग्रेजी बोल करता था इंप्रेस करने की कोशिश
एडीपीओ डिम्हा के अनुसार शिवप्रसाद इस मामले में करीब 7-8 बार कोर्ट में पेश हुआ। लेकिन एक दफा भी उसके चेहरे पर इन हत्याओं को लेकर कोई पश्चाताप नहीं दिखा। कई बार तो वह सहजता से हंसता दिखा। सुनवाई के दौरान जब उससे न्यायालय ने पूछा कि उसने ये हत्या क्यों की ? जिसका उसने कोई जवाब नहीं दिया। कुछ मौकों पर उसे अंग्रेजी में जवाब देते सुना। ठेठ आदिवासी
परिवार व परिवेश से आने वाला यह शख्स किसी सामान्य अंग्रेजी जानने वाले से ज्यादा ठीक अंग्रेजी बोल लेता था। अगर यह कहा जाए कि उसने किसी दिमागी फितूर के चलते ये हत्याएं की तो ये मानना ठीक नहीं होगा। क्योंकि वह बड़ी चालाकी से ये हत्याएं करता था। पुलिस के साक्ष्यों के अनुसार वह कटरा बाजार में केशरवानी धर्मशाला में 24 से 30 अगस्त तक रुका। इस दौरान वह दिन के समय धर्मशाला में रहता और रात को गायब हो जाता और हत्या कर वापस आ जाता। उसने कल्याणसिंह की हत्या 27 अगस्त की रात में की और फिर धर्मशाला आ गया। वह मोबाइल फोन को ऑपरेट करने में कुशल है। लेकिन उसे मोबाइल सेट और साइबर लिंक
के बारे में नहीं पता था। इसलिए ही वह पकड़ा गया। बता दें कि इस सीरियल किलर ने चौकीदार का मोबाइल चोरी कर लिया था। साधारण अपराधी की तरह उसने सिम भर बदली। दूसरी सिम डलवा कर उसने फोन- पे चालू कर लिया। जिसकी लिंक से ही वह भोपाल में पकड़ा गया। शिवप्रसाद धुर्वे फिलहाल केंद्रीय जेल सागर में सजा काट रहा है। उसे हाईकोर्ट द्वारा बनाए गए डिफेंस पैनल के वकीलों द्वारा कानूनी सहायता दी जा रही है।
शव के पास मिले फिंगर प्रिंट बने अहम सुबूत
डिम्हा के अनुसार यह घटनाक्रम 27अगस्त 2022 का है। तत्कालीन थाना प्रभारी अजय सनकत को डायल-100 के जरिए सूचना मिली थी कि भैंसा बाइपास पर बब्बल बॉडी बिल्डर के चौकीदार कल्याणसिंह का रक्तरंजित शव पड़ा है। पास ही एक हथौड़ा मिला था। पुलिस ने अनुमान लगाया कि कल्याणसिंह के सिर पर इसी हथौड़े से वार कर हत्या की गई। घटना स्थल का निरीक्षण एफएसएल एवं फिंगर प्रिंट की टीम ने भी किया था। साक्ष्यों के आधार पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना कैंट में भादवि धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। बाद में आरोपी की पहचान साबित होने पर उसे थाना सिविल लाइन की सूचना के आधार पर न्यायालय से पुलिस रिमांड पर लिया गया।आरोपी शिव प्रसाद के विरुद्ध विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।
विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्यों का परीक्षण कराया। जिनके आधार पर आरोपी को माननीय न्यायालय ने धारा- 302, 460, 394 भादवि में दोषी पाया। दण्ड के प्रश्न पर तर्क के दौरान अभियोजन ने आरोपी को उसके कृत्य के लिये मृत्युदंड से दंडित करने की मांग की। लेकिन न्यायालय ने मामले को विरल से विरलतम की श्रेणी में नहीं मानते हुए आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया।
11/03/2025



