कैंसर से जूझ रही पत्नी, भृत्य पति से मांगी रिश्वत, सागर में ट्रेजरी का क्लर्क 1500 रु. की रिश्वत लेते धराया
हाईकोर्ट के आदेश पर मिले थे एरियर्स के करीब 1 लाख रु.,5 वर्ष से अटका था पेमेंटसे अटके

सागर। किशोरवय बेटी मानसिक निः शक्त। पत्नी को कैंसर और स्वयं भृत्य के मामूली पद पर कार्यरत। ये ब्योरा कलेक्टोरेट में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी धनीराम बांगर का है। जिसने जिला ट्रेजरी( कोषालय) में पदस्थ एक क्लर्क रामजी कोरी को शुक्रवार शाम को ट्रेप करा दिया। कोरी ने इस भृत्य से छठवें वेतनमान के एरियर्स के 1 लाख रु. जारी करने की एवज में 2000 रु. की रिश्वत मांगी थी। जिसकी शिकायत भृत्य बांगर ने लोकायुक्त संगठन ( विशेष पुलिस स्थापना ) कार्यालय सागर से कर दी। टीम ने जाल बिछाया और क्लर्क कोरी को कार्यालय के पीछे वाले गेट के पास 1500 रु. लेते रंगे हाथों दबोच लिया। ट्रेप दल में इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, अभिषेक वर्मा, हेड कांस्टेबिल शफीक खान, कांस्टेबिल सुरेंद्रप्रताप सिंह, आदेश तिवारी, प्रदीप दुबे, गोल्डी पासी शामिल थे।
5 वर्ष से अटकी थी राशि, दो बार बगैर कारण बिल लौटाए
भृत्य बांगर ने बताया कि मुझे उक्त राशि 5 वर्ष पहले हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश पर 6वें वेतन आयोग के एरियर्स के रूप में प्रदाय किए जाने का आदेश हुआ था। कुछ साल पहले मेरी पत्नी को कैंसर हो गया। रिश्तेदार- पड़ोसियों से कर्ज लेकर उसका इलाज करा रहा हूं। इस राशि से कुछ कर्ज चुकाने की उम्मीद बंधी थी। लेकिन ट्रेजरी का बाबू रामजी कोरी ये राशि मेरे वेतन एकाउंट में ट्रांसफर करने में आनाकानी कर रहा था। मैंने उसे पत्नी की बीमारी व बेटी की हालत का भी वास्ता दिया। मैं कभी रिश्वत देने के पक्ष में नहीं रहा इसके बावजूद में रामजी को 500 रु. देने के लिए राजी हो गया। लेकिन रामजी नहीं माना। फिर सौदा 1500 रु. में तय हुआ। लेकिन मैं पहले ही उसे ट्रेप कराने का मन बना चुका था। इसलिए मैंने उसकी शिकायत कर दी।
07/03/2025



