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विस सत्रः स्कूल शिक्षा मंत्री से बोले भूपेंद्र सिंह, मेरा अपमान न करें कि अफसरों ने जो लिखकर दिया आपने उसे ही मान लिया

मालथौन में सरकारी जमीन पर चल रहे प्राइवेट स्कूल के संचालन को लेकर ध्याकर्षण के दौरान उठाया सवाल

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सागर। मप्र विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरु हो गया। शीतलहर में शुरु हुआ यह सत्र सागर जिले के लिहाज से कुछ गरम सा रहा। खुरई विस क्षेत्र से वरिष्ठ विधायक भूपेंद्रसिंह ने मालथौन तहसील में संचालित एक प्राइवेट स्कूल आदर्श कॉन्वेन्ट स्कूल के खिलाफ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में जनाक्रोश है। पूर्व मंत्री सिंह ने सदन को यह भी बताया था कि सागर जिले के मालथौन में एक स्कूल का सरकारी भूमि पर संचालन हो रहा है। वहीं एक स्कूल में बच्चों का यौन शोषण हुआ। माता-पिता शिकायत कर चुके हैं। प्रदेश में इस तरह की घटनाएं कई स्कूलों में हो रही है। अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर व्यापार चल रहा है। सरकार को इस मामले में नीति बनाना चाहिए ताकि जो फर्जी शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं, उन पर अंकुश लगे और बच्चों का भविष्य खराब नहीं हो। इसके बाद स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि स्कूल की मान्यता निरस्त की गई थी। लेकिन संचालक हाईकोर्ट से स्टे ले आया। उन्होंने ये भी कहा कि क्षेत्र में आक्रोश जैसा कुछ नहीं है।

मंत्री का जवाब सुन, पूर्व मंत्री सिंह बोले मेरा अपमान नहीं करें

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह का जवाब सुनकर पूर्व मंत्री एवं खुरई विस क्षेत्र से विधायक सिंह ने नाखुशी जताई। उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रतापसिंह से क्षमा मांगते हुए कहा कि, जो जवाब सदन में दिया जाए। उसे चैक कर क्लियर कर लिया करें। मैं भी विधायक हूं। मेरा अपमान नहीं करें कि, अफसरों ने जो लिखकर दे दिया उसे मान लिया। मैं भी वहीं से विधायक हूं। और मुझे वहां की स्थिति पता है। लेकिन मुझे ही गलत बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने भी मंत्री से इस तरह के स्कूलों के बारे में जानकारी मांगी है। इन दोनों ही विधायकों को पूर्व संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर का भी साथ मिला। ठाकुर ने कहा कि सरकारी जमीनों पर बने मिशनरी स्कूलों की जांच की जाए। स्कूलों की जांच कर उनके दस्तावेजों का परीक्षण किया जाए।

विस अध्यक्ष ने कहा, अधिकारियों को गलत जवाब नहीं देने देंगे

पूर्व मंत्री, विधायक और मंत्री के बीच हुए इस सवाल-जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा, अधिकारी गलत जवाब नहीं देंगे। अगर गलत जवाब देंगे तो उन्हें देने नहीं दिया जाएगा। इधर इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रतापसिंह की सफाई भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि सदन में माननीय सदस्यों का सवाल-जवाब करने का अधिकार है। यही स्वस्थ लोकतंत्र है। माननीय सदस्य ने व्यवस्था को लेकर जो सवाल किया था, उसका जवाब दिया गया है। पिछले एक साल में सख्त कार्रवाई की गई हैं।

17/12/2024

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