शहर भर को नोटिस देने वाले नगर निगम की ही नई बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं !
नगर निगम कमिश्नर बोले, मुझे जानकारी नहीं, पास नहीं है तो कराएंगे - निवर्तमान निगम कार्यालय के पड़ोस में बनती रही इमारत, जिम्मेदार बने रहे बेखबर

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सागर। शहर में बनने वाले प्रत्येक भवन के नक्शा पास करने के लिए जवाबदेह नगर निगम की स्वयं की बिल्डिंग का ही नक्शा पास नही है। गजब ये है कि नगर निगम ने हाल ही तिली क्षेत्र के 100 से अधिक दुकानदारों को नक्शा, फायर सेफ्टी, पार्किंग, टैक्स आदि के नाम पर नोटिस दिए हैं। चर्चा है कि खेल परिसर के मैदान के सामने बनी इस बिल्डिंग का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा सितंबर में ही किया जा रहा था। कार्ड तक छप गए थे। लेकिन तभी किसी ने यह बात सीएम हाउस तक पहुंचवा दी। नतीजतन लोकार्पण समारोह टाल दिया गया। इधर नक्शा पास नहीं होने की बात को नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी कोई बड़ा मसला नहीं मान रहे।
उदाहरण के लिए इस बिल्डिंग साइट पर निगम की तरफ से सुपरविजन कर रहे सब-इंजीनियर दिनकर शर्मा का कहना है कि इसमें कोई समस्या नहीं है। नियमानुसार पास करा लिया जाएगा। जबकि नगर निगम कमिश्नर राजकुमार खत्री का कहना है कि मुझे इस बारे में जानकारी ही नहीं है। अधीनस्थ अमले से बात करूंगा।

नगर निगम का यह नया कार्यालय, वर्तमान ऑफिस के बाजू में ही चंद कदम दूर बना है। लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने कभी यह प्रयास नहीं किया कि ये मालूम कर लें कि बिल्डिंग निर्माण संबंधी सभी परमिशन विधिवत ली गई हैं। बिल्डिंग की निर्माण एजेंसी स्मार्ट सिटी कंपनी थी।
बताया जा रहा है कि इसलिए नगर निगम के अमले ने इस निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं ली। दूसरी ओर नियमों से अनजान स्मार्ट सिटी का अमला इस बिल्डिंग का निर्माण करता रहा।
इससे समझजिए कि कैसे नक्शा बगैर या नियम विरुद्ध निर्माण होते हैं
शहर में बगैर नक्शा या उसके विरुद्ध कैसे निर्माण होते रहते हैं। यह प्रकरण इसका सबसे सटीक उदाहरण है। जानकारों का कहना है कि शहर को चार जोन में बांटा गया है। इन जोन में निर्माण, अतिक्रमण समेत अन्य कामकाज की मॉनीटरिंग के लिए सब-इंजीनियर से लेकर टैक्स कलेक्टर की जिम्मेदारी तय की गई है। लेकिन ये लोग जब तक कोई शिकायत नहीं आए किसी भी निर्माण की मैदानी जानकारी नहीं जुटाते हैं।
इसी का नतीजा है कि शहर के व्यस्ततम इलाके कटरा बाजार, गुजराती बाजार में कई दुकान व कॉम्पलेक्स बगैर पार्किंग बन गए। कई की एफएआर धता बताकर मंजूरी से अधिक मंजिलें तान दी गईं।
08/12/2024



