अपराध और अपराधी

विवाहिता का आरोप, पति ने दूसरी युवती को पत्नी बताकर फेमिली कोर्ट से ले लिया तलाक!

आईजी ऑफिस में परिजन संग शिकायत करने पहुंची विवाहिता ....बोली, कोर्ट में जिन तारीखों में पति ने अलगाव बताया, तब वह उसी के साथ छुट्टियां मना रही थी

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सागर। कुटुम्ब न्यायालय सागर से पारित एक तलाक के मामले में गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़िता का कहना है कि किसी अज्ञात युवती ने मेरे नाम से मेरे पति से तलाक की डिक्री पारित करा ली। जिसमें निश्चित ही मेरी पति व ससुरालजन की मिलीभगत है। न्यायालयीन स्टाफ व कतिपय वकीलों की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध है। क्योंकि महज तीन महीने में तलाक की डिक्री पारित कर दी गई। सोमवार को इस विवाहिता ने आईजी प्रमोदकुमार वर्मा के अलावा मुख्य न्यायाधीश एवं रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट, स्टेट बार काउंसिल और राज्य एवं राष्टï्रीय महिला आयोग समेत अन्य से शिकायत कर तलाक की डिक्री खारिज करने की मांग की है। उसने संबंधितों पर कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है।

आईजी ऑफिस पहुंची आवेदिका हिमान्शी सोनी उम्र 25 वर्ष ने बताया कि मैं दमोह की निवासी हूं। मेरा विवाह फरवरी 2022 को हिंदू रीति-रिवाज से चकराघाट थाना कोतवाली सागर निवासी राजा महोबिया से हुआ था। इसके बाद में एक वर्ष तक ससुराल में रही। फरवरी 2023 को मेरे साथ सास और ननद ने मारपीट की। जिसके बाद मेरे भाई आए और मुझे मायके ले आए। हिमांशी का कहना है कि जब तक मैं ससुराल में रही पति राजा, ससुर राजेंद्र महोबिया, सास स्वाति, ननद शिवि व नन्दोई रोहित सोनी मुझे कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करते रहे। वे मुझ पर चरित्रहीन होने का लांछन लगाकर दहेज में 10 लाख रुपए लाने के लिए कहते थे। उनके इस व्यवहार से तंग आकर मैं बंडा में अपने मामा के घर रहकर कैंट स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षिका की नौकरी करने लगी। जून 2024में मैंने बहेरिया क्षेत्र में राहुल राजपूत का मकान किराए से लिया और आवाजाही कर स्कूल में नौैकरी करती रही।

रिश्तेदारों ने पति की दूसरी शादी की बताई तो तलाक का राज खुला

हिमांशी नेे बताया कि पिछले दिनों कुछ रिश्तेदारों ने बताया कि पति राजा का मुझ से तलाक हो गया इसलिए वह 22 नवंबर को दूसरा विवाह कर रहा है। मैं यह सुनकर दंग रह गई और बीते 25 अक्टूबर को कुटुम्ब न्यायालय सागर पहुंची। जहां से मुझे पता चला कि बीते साल नवंबर 2023 में न्यायालय ने मेरे और पति राजा के तलाक की डिक्री पारित की थी। हिमांशी का कहना है कि मेरे ससुराल पक्ष के लोगों ने पूर्णत: फर्जीवाड़ा कर यह तलाक लिया। अगर ऐसा नहीं था तो इस साल जनवरी में मेरे परिजन सुलह वार्ता के लिए राजा के घर गए थे। तब इन लोगों एक बारगी भी यह नहीं कहा कि आपकी बेटी तो तीन महीने पहले ही तलाक ले चुकी है। हिमांशी का कहना है कि मैंने कभी भी विवाह विच्छेद की याचिका दायर करने कोर्ट नहीं गई। मैंने किसी को भी अपना वकील नहीं बनाया। कोर्ट में मौजूद आदेश-पत्र, रजिस्टर्ड पता, वकालतनामा, अधिवक्ता की नियुक्ति से लेकर शपथ-पत्र व मेरे रहवास का किरायानामा आदि सभी पर मेरे झूठे हस्ताक्षर हैं।

पति के साथ मनाली में थी और कोर्ट को बताया अलग हो गई हूं

हिमांशी का कहना है कि कोर्ट में मेरे पति ने जो बयान दिए उसके अनुसार मैं अप्रैल 2022 से उससे अलग रह रही हूं। जबकि दिसंबर 2022 को मैं, पति राजा व उनके दोस्तों के परिवार के साथ शिमला-मनाली में 8 दिन की छुटिï्टयां मना रही थी। इसी तरह नवंबर व दिसंबर 2022में रहली में रिश्तेदार की शादी, जनवरी 2023में दमोह में पति के साथ रही। कोर्ट में जिन तारीखों मुझे उपस्थित बताया गया। उन तारीखों में स्कूल में पढ़ा रही थी। इसके अलावा कोर्ट में मुझे केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 में टीचर बताया गया। जबकि मैं सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल में पढ़ाती हूं। अलग रहने के दौरान कोर्ट में मेरा निवास जिला अस्पताल के पास गुलाब कॉलोनी में बताकर किरायानामा लगाया गया है। जबकि मैं बहेरिया में जलसा होटल के सामने किराए से रहती हूं।

महज 3 महीने में तलाक की डिक्री पारित होना भी संदेहास्पद

विवाहिता का कहना है कि तलाक की यह डिक्री महज 3 महीने में पारित हो गई। जो अपने आप में संदेहास्पद है। हिमांशी के अनुसार किसी छद्म महिला ने मेरे नाम से मेरा आधार व अन्य फर्जी दस्तावेज पेश कर 31 जुलाई 2023 को तलाक के लिए याचिका पेश की। इसके तीन महीने बाद 8 नवंबर 2023को तलाक की डिक्री पारित हो गई। याचिका में मेरे द्वारा ससुराल पक्ष के खिलाफ दमोह के महिला थाना में की गई शिकायत से भिन्न तथ्य पेश किए गए। केस में पति-पत्नी के अलावा दोनों पक्ष के परिजन के साक्ष्य नहीं कराए गए। याचिका की प्रस्तुति के समय तलाक मांगने वाली महिला की पहचान सुनिश्चित नहीं की गई। महज सतही आरोपों के आधार पर यह डिक्री पारित कर दी गई। जिसमें स्वयं को मेरा वकील बताने वाले, राजा की ओर से वकील समेत न्यायालय के स्टाफ की भूमिका संदिग्ध है।

मामले की तथ्यात्मक जांच कर रिपोर्ट मांगी है

यह मामला गंभीर प्रकृति का है। इस संबंध में महिला पुलिस थाने को आवश्यक कार्रवाई कर मुझे जल्द से जल्द अवगत कराने के लिए कहा है। जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रमोदकुमार वर्मा,आईजी, सागर 

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