स्मृति शेष: हरभजन भैया…. हां पहले बोलते थे, काम बाद में पूछते थे
सागर विवि के छात्र महासंघ के पहले भाजपा समर्थित अध्यक्ष का निधन

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सागर। मैं विश्वविद्यालयीन छात्र जीवन से हरभजनसिंह राठौर से जुड़ा हूं। हम लोग उन्हें संझले भैया के नाम से पुकारा करते थे। छात्र संघ के चुनावों को किसी विधानसभा या लोकसभा के चुनाव की तरह लड़ने-लड़ाने में उन्हें महारत थी। यह उनका तत्कालीन पहलू था। लेकिन बाद के जीवन में मैंने उनके व्यक्तित्व के बारे में एक बात शिद्दत से महसूस की कि, वे किसी आवश्यकता या काम के बारे में हां पहले बोलते थे।
जानकारी बाद में लेते थे। यह बात पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक भूपेंद्रसिंह ने कही। उन्होंने बताया कि हरभजनसिंह राठौर 1980 के दशक में तत्कालीन सागर विवि (डॉ.हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि, सागर) के छात्र महासंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वे पहले ऐसे अध्यक्ष थे। जो भारतीय जनता पार्टी के अनुषांगिक संगठनों से समर्थित थे। इसके पूर्व अन्य दलों के छात्र, महासंघ के अध्यक्ष बनते रहे थे। सिंह ने बताया कि हरभजन भैया के इस चुनाव में मैंने, उस समय अविभाजित मप्र के 150 से अधिक कॉलेजों के अध्यक्षों से वोट मांगने के लिए श्योपुर से लेकर बुरहानपुर समेत आज के छत्तीसगढ़ के कई जिलों में प्रचार अभियान चलाया था। केबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि उस समय छात्र संघ की राजनीति में दो प्रमुख धड़े हुआ करते थे। कमोवेश दोनों को ही बीड़ी उद्योगपति परिवार के युवा लीड करते थे। मैंने छात्रसंघ की राजनीति में उन्हें एक कुशल रणनीतिकार की तरह देखा। उनका यूं असमय जाना शहर के उद्योग जगत समेत राठौर परिवार के लिए अपूर्णनीय क्षति है। विवि छात्र संघ के अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता एवं महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी ने बताया कि हम लोगों ने छात्रसंघ का चुनाव उन्हीं की सरपरस्ती में लड़ा। उनसे चुनावी गुर भी खूब सीखे। मैं महसूस करता हूं कि बाद के वर्षों के वे एक बेहतर चुनावी रणनीतिकार साबित हुए। ये उनके व्यक्तित्व की खूबी थी कि वह अधिकांश समय
पारिवारिक कारोबार के लिए देते थे लेकिन जैसे ही उनके अग्रज पूर्व मंत्री स्व. हरनामसिंह राठौर के बंडा विधानसभा क्षेत्र के चुनाव का समय आता था तो वह चुनावी भाग-दौड़ में जुट जाते थे। सागर जनपद अध्यक्ष के कार्यकाल को छोड़ दें तो उन्होंने ज्यादातर समय नेपथ्य में रहकर मुझ जैसे कई लोगों के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने में लगाया। मप्र पुलिस के राज्य पुलिस सेवा अधिकारी एवं विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष वीरेंद्र बहादुरसिंह ने बताया कि, हरभजन भैया आजीवन भाजपा को पल्लवित करने में जुटे रहे। हालांकि ये परंपरा उनके स्व. पिता दुलीचंद राठौर जी के जमाने से रही। उनके पास जो भी व्यक्ति किसी मदद की आस में गया, खाली हाथ नहीं लौटा। शहर के वरिष्ठतम प्रेस फोटोग्राफर गोविंद सरवैया, स्व. हरभजन सिंह से जुड़ा एक किस्सा याद करते हैं। वे बताते हैं कि मैंने करीब 30 साल पहले भाजपा का एक कार्यक्रम कव्हर किया। जब फोटो धुलवाए तो उनकी
क्वालिटी अखबारों में छपने लायक न थी। मैंने यह समस्या तत्कालीन भाजयुमो नेता एवं पूर्व मंत्री सह- वरिष्ठ विधायक भूपेंद्र सिंह को बताई। उन्होंने तुरंत कहा चिंता मत करो। वे मुझे हरभजन भैया के पास ले गए। और चंद मिनट के भीतर मेरे हाथ में कैमरा खरीदने के लिए लायक रकम थी। पूर्व मंत्री स्व . हरनाम सिंह राठौर और उद्योगपति कांग्रेस नेता गजेंद्र सिंह के छोटे भाई एवं पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के चाचा श्री हरभजन सिंह राठौर का बुधवार को निधन हो गया था। वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
31/10/2024



