अपराध और अपराधी

पटवारी जी के खेत से मजदूरों ने अपना हिस्सा छुड़वाकर फसल चोरी करवा दी!

बीना के भानगढ़ थाना क्षेत्र में चोर फसल की थ्रेसिंग तक कर के ले गए

बीना के भानगढ़ थाना क्षेत्र में चोर फसल की थ्रेसिंग तक कर के ले गए
सागर। बीना के भानगढ़ थाना क्षेत्र में दो दिन से मय थ्रेसिंग के फसल की चोरी की चर्चा है। अंदरखाने से खबर मिली है कि इस चोरी में कटनी जिले से आए खेतिहर मजदूरों का हाथ हो सकता है। यह वही मजदूर हैं, जिन्होंने यह फसल काटी थी। इन लोगों पर चोरी का संदेह क्यों हो रहा है। इसका ब्योरा आगे खबर में है। पहले आप चोरी की इस अजीबो-गरीब घटना को जान लें।
चोरों ने खेत में ही थ्रेसिंग की, 35-40 क्विंटल मसूर ले गए
घटनाक्रम के अनुसार बीना के कंजिया हलका में पदस्थ पटवारी संदीपसिंह ठाकुर का खेत यहीं पर है। उन्होंने करीब 4 एकड़ खेत में मसूर की बुवाई कराई थी। फसल बंपर आई थी। उम्मीद थी कि 35-40 क्विंटल उपज निकलेगी। चूंकि दो-एक दिन पहले पानी की बौछार आई थी। इसलिए फसल को धूप खाने छोड़ दिया। लेकिन देखते क्या हैं कि शनिवार की रात को अज्ञात व्यक्तियों ने फसल की थ्रेसिंग कर ली और चुरा ले गए। खास बात ये थी कि उपज इतनी थी कि चोरों को थ्रेसर के अलावा तीन ट्रैक्टर भी लगे होंगे। इन वाहनों के पहियों के निशान पटवारी ठाकुर के खेत में मिले हैं। भानगढ़ पुलिस थाने में चोरी का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।

अपना हिस्सा छुड़वा लिया, थ्रेसिंग होती रही बेखबर बने रहे
प्रभावित पटवारी और जांच कर रही पुलिस को इन 15मजदूरों पर इसलिए शक हो रहा है क्योंकि अज्ञात चोर फसल काटने वाले मजदूरों का एक्यूरेट हिस्सा छोड़ गए हैं। यह वो हिस्सा है जो मजदूरों के पटवारी सिंह ने बतौर मजदूरी देना तय किया था। पुलिस को संदेह है कि अगर अज्ञात चोर है तो वह 6-7बोरा मसूर की फसल के यह गट्ठर क्यों छोड़ गया। साफ है कि मजदूरों ने उन्हें बता दिया होगा कि अमुक हिस्सा मत चोरी करना। क्योंकि खेत मालिक उसी से हमारी मजदूरी चुकाएगा। इधर पटवारी संदीपसिंह का कहना है कि पुलिस केस होते ही यह मजदूर भागने की फिराक में हैं। उनकी घबराहट बेवजह नहीं है। इसके अलावा मुझे अभी जानकारी मिली है कि इन मजदूर में से एक ने गांव की किराना दुकान में चोरी भी की थी। इसके साथ ही ये मजदूर खेत से महज एक किमी दूर टपरिया बनाकर सोते रहे। उन्हें ट्रैक्टरों की आवाजाही, थ्रेसिंग की आवाज नहीं आई। इतना ही नहीं अगले दिन जब खेत सफाचट पड़ा था तो इन लोगों ने मुझे खबर तक नहीं की। जबकि इन लोगों को ही थ्रेसिंग भी करना थी।

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