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उपभोक्ता आयोग: क्लेम दायर करते ही राजीनामा करने तैयार हो गए ज्वेलर्स और बीमा कंपनी

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सागर। जिला उपभोक्ता विवाद एवं प्रतितोषण आयोग से जुड़े ये दो मामले हैं। जो आम नागरिकों को उनके उपभोक्ता अधिकारों के लिए लड़ने का संदेश देते हैं। उन्हें यह भी बताते हैं कि बतौर उपभोक्ता अगर आपके साथ कोई छल या नाइंसाफी हुई है तो आयोग तक पहुंचना भी आपको न्याय दिला सकता है। उपभोक्ता मामलों के जानकार वकील पवन नन्होरिया ने बताया कि पहला मामला एक महिला प्रोफेशनल का है। उन्होंने कुछ समय पहले शहर के एक ज्वेलर्स से सोने का एक आभूषण लिया था। जिसके बारे में विक्रेता ने कहा कि अगर आप इसे वापस बेचती हैं तो आपको बाजार मूल्य से 85 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा। महिला ने आवश्यकता पड़ने पर आभूषण वापस करना चाहा तो ज्वेलर्स ने कहा कि आपको 70 प्रतिशत की दर से भुगतान किया जाएगा। जिसके बाद मेरे द्वारा महिला के पक्ष में आयोग में केस दायर किया गया। जैसे ही ज्वेलर्स को इस संबंध में नोटिस दिया गया तो वह राजीनामे को राजी हो गए और उन्होंने महिला प्रोफेशनल को 85 प्रतिशत के भाव से आभूषण का भुगतान कर दिया। दूसरा मामला बीएसएनएल के एक कर्मचारी मुन्नीप्रसाद साहू का है। उन्होंने स्टार हेल्थ बीमा कंपनी की पॉलिसी ली थी। कुछ समय पहले उन्होंने पत्नी का उपचार कराया। जिसका खर्च 17500रु. आया। इसके बाद उन्होंने बीमा कंपनी के समक्ष क्लेम किया तो कंपनी ने उसे निरस्त कर दिया। मुन्नीलाल साहू ने जैसे ही यह दावा आयोग के समक्ष पेश किया तो कंपनी राजीनामा करने तैयार हो गई और उपभोक्ता साहू को 15500 रु. एक महीने के भीतर अदा करने पर सहमति दे दी। इन दोनों ही मामलों की सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद एवं प्रतितोषण फोरम के अध्यक्ष आरके कोष्ठा एवं सदस्य श्रीमती अनुभा शर्मा ने की थी। 

17/09/2024

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