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कौन कहता है कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह को लेकर मचा घमासान थम गया है, कोई आकाश-फुसकेले की पोस्ट तो देखे

                               सागर वाणी डेस्क। 9425172417

कौन कह रहा है कि भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से केबिनेट मंत्री भूपेंद्रसिंह की शिकायत को लेकर मचा घमासान थम गया है। कोई केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत के राजनैतिक उत्तराधिकारी और पुत्र आकाशसिंह राजपूत की सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट को देखे। आकाश लिखते हैं कि अच्छा है हम खुरई में नहीं हैं, नहीं तो बात करने पे जेल चले जाते। क्युं भाई साधु जी…..। अब एक और पोस्ट देख लें जो  नए-नए कपड़े पहनने के शौकीन देवेंद्र उर्फ पप्पू फुसकेले की है। जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत के लेफ्ट हैंड फुसकेले लिखते हैं कि श्री बागेश्वर धाम की कृपा से खुरई क्षेत्र में चल रही तालिबानी विचारधारा से शीघ्र मुक्ति। आप सभी का कल्याण हो। साधुजी सीताराम।। दोनों पोस्ट में खुरई विस क्षेत्र का नाम है। जहां से भूपेंद्रसिंह विधायक हैं।

डिलीट की लेकिन उसके पहले कांग्रेस ने लपक ली
ऊपर उल्लेखित दोनों  में से आकाश ने अपनी पोस्ट हटा ली हैं लेकिन कांग्रेस कहां यह अवसर चूकने वाली थी। सो जाने कौन-कौन ने इन पोस्ट के स्क्रीन शॉट ले लिए और अपने सोशल मीडिया काउंटर पर टांग दिए। अब इन पोस्ट पर तरह-तरह के कमेन्ट्स किए जा रहे हैं। जो फिलहाल इस आलेख का विषय नहीं है। फिर भी कमेन्ट्स पढ़ना है तो बीबीसी के नाम से मशहूर एड. बृजबिहारी चौरसिया के फेसबुक एकाउन्ट का फेरा लगा लें।
इधर भले मुकर गए उधर पोस्टबाजी तो चालू है
परसों रात फटे इस पॉलिटिकल बम को चिटकुली बताने के लिए संंबंधितों ने  बुधवार को ही अपने सुर बदल लिए। केबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव बोले, हम सब बंद मुट्ठी की तरह हैं। राजपूत बोले सीएम से सामान्य मुलाकात थी किसी के विरुद्ध कुछ नहीं बोला। विधायक जैन बोले भारतीय जनता पार्टी एकजुट है। लारिया ने कहा पार्टी में किसी नेता या मंत्री को लेकर किसी तरह का विरोध नहीं हैै। आखिर में जिलाध्यक्ष सिरोठिया ने कहा मुख्यमंत्री से जिले के विकास कार्यों को लेकर चर्चा की। फिर ऐसे में सवाल उठता है कि जब आप महानुभाव ये सब बातें करने गए थे तो फिर मंत्री भूपेंद्रसिंह के बारे में शिकायत किसने की। इसका जवाब हमें बीती रात हुई इन दो पोस्टबाजी से मिल रहा है। जिसमें साफ दिख रहा है कि सुरखी वाले, खुरई वालों से नाराज हैं और बाकी का तो ठीक उन्होंने शिकायत नहीं की होगी। ऐसा हो ही नहीं सकता।
अगर बेकार का रायता फैलाया है तो रिपोर्टर से जवाब लें
यहां एक बात समझ आती है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के समय किसी एक ने नहीं, लगभग सभी ने अपना दुखड़ा रोया होगा। क्योंकि जिस दावेदारी के साथ खबर ड्राफ्ट की गई है। उससे साफ है कि संवाददाता ने इस मुलाकात को लीक करने वाले की बात जरूरी टेप कर रखी है। दूसरा ये कि आज जिस तरह से लिखा है कि कल ये बोला, आज ये कहा। सवाल ये है कि सीएम से मुलाकात के बाद किसी ने अखबारनवीस से कुछ कहा ही नहीं तो फिर कल ये बोला, वाली लाइन कहां से आ गई। इस सब के बावजूद अगर सीएम से शिकवा-शिकायत नहीं की तो फिर अखबार को नोटिस देकर पूछें कि मैंने तो सीएम से यह कहा था कि सागर में लाड़ली बहना योजना बहुत अच्छी चल रही है फिर आपने किसके हवाले से छाप दिया कि खुरई वाले भूपेंद्र भैया, हम लोगों को काम नहीं करने दे रहे! उधर पूरे बवंडर में मंत्री भूपेंद्र सिंह अविचलित रहते हुए नोकमेंट की मुद्रा में अपने विभागीय काम निपटाते रहे।

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