पाकिस्तान से बीज भारत नहीं पहुंच जाएं इसलिए फल भी नहीं लाने देते हैं
पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन कर सागरवासियों की आंखें हुईं नम, बीना से आज स्पेशल बस के जरिए लौटेंगे सभी श्रद्धालू

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पाकिस्तान से लौटकर राजेश टुटेजा…….
सागर। मैंने जैसे ही प्रथम गुरु, श्री नानक देव जी के महाप्रयाण स्थल के दर्शन किए तो मेरी आंखें भर आईं। मेरी बहुत पुरानी इच्छा थी कि मैं यहां दर्शन करने आऊं। बतौर पत्रकार मैं यहां एक बड़ी बात आप सभी से शेयर कर रहा हूं। अगर आप पाक से अखरोट,अंजीर या अन्य बीज तैयार करने वाले फल अपने साथ लाना चाहते हैं तो यहां की गवर्मेंट ऐसा नहीं करने देती है। हद तो ये है कि वे श्री करतारपुर गुरुद्वारा साहिब क्षेत्र की मिट्टी भी अपने साथ नहीं ले जाने देते हैं। पाकिस्तानी फौज व सरकारी नुमाइंदों का व्यवहार भले ही कुछ नरम है। लेकिन अपने देश की सुरक्षा, कृषि संसाधन समेत करेन्सी के मामले में वे लोग बहुत स्ट्रिक्ट हैं। वे पाकिस्तानी करंसी को भी भारत नहीं लाने देते हैं।
भारतीय सिरे से बात करें तो केंद्र सरकार को पाक की इस सरजमीं पर हम श्रद्धालुओं को और अधिक रुकने का समय दिलाना चाहिए। अभी पाक सरकार सुबह करीब 11 बजे हमें अपनी सीमा में प्रवेश कराकर शाम 4:30 बजते- बजते यहां से भारत के लिए रुखसत कर देती है। जबकि गुरुद्वारा साहिब में रुकने के लिए पर्याप्त स्थान है।
इसके बावजूद मैं यही कहूंगा कि सिख समेत सभी भारतीयों के लिए मोदी सरकार का यह सबसे बेहतर धार्मिक कार्य रहा है। जिसकी बदौलत आज हम लोग बड़ी सरलता से दुश्मन मुल्क में अपने शिरोमणि गुरु साहिब के जीवन के आखिरी पल वाले पवित्र स्थान के दर्शन कर पाए।
वो कौन नया-नया भाजपाई है जो भूपेंद्रसिंह को बदनाम करने का षडयंत्र कर रहा है ?
बता दें कि 15 जुलाई को सागर से करीब 110 लोगों का एक जत्था, पंजाब के गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक चेक पोस्ट के जरिए दो दिन पहले श्री करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने पहुंचे थे। जत्थे में शामिल श्री गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष सतेंद्रसिंह होरा की सुनें तो गुजरे 6 साल में गुरुद्वारा साहिब का रंग-रूप काफी बदल चुका है।
वर्ष 2018 में केंद्र सरकार के सहयोग से तत्कालीन सांसद पूर्व क्रिकेटर नवजोतसिंह सिद्धू की पहल पर पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर की शुरुआत की थी। दुनिया भर के सिक्ख समुदाय में यह स्थान सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में से एक माना जाता है।
– श्री टुटेजा नामचीन अखबार जनसत्ता, नई दिल्ली के पूर्व संवाददाता रहे हैं।
20/07/2024



