गुरु पूर्णिमा का आयोजन सरकारी कॉलेज में संविधान के विरुद्ध, असिस्टेंट प्रोफेसर ने कमिश्नर को लिखी चिट्ठी
शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक बोले, किसी को धर्म विशेष के आयोजन में शामिल करना संविधान का उल्लंघन

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सागर। शासकीय कला एवं वाणिज्य महविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के एक सहायक प्राध्यापक सुनील साहू ने आज व कल रविवार को होने वाले श्री गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम को असंवैधानिक बताया है। उनका कहना है कि अव्वल तो इस तरह के धर्म विशेष के कार्यक्रम सरकारी संस्थानों में होना नहीं चाहिए। दूसरा ये कि इन आयोजनों में शामिल होने के लिए किसी व्यक्ति या समूह को सरकारी तौर आदेशित नहीं किया जाना चाहिए। डॉ. साहू ने अपनी बात को विधिक ठहराने के लिए एक पत्र, कॉलेज प्राचार्य के माध्यम से आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग को भी भेजा है। जिसका मजमून इस तरह है कि,
महोदय, उपरोक्त विषयांतर्गत संदर्भानुसार लेख है कि 21 एवं 22 जुलाई 2024 को आयोजित होने वाले गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम की रूप-रेखा से स्पष्ट हो रहा है कि यह एक धर्म विशेष का कार्यक्रम है जिसमें सरस्वती वंदना एवं प्रार्थना का उल्लेख है। जबकि संविधान के अनुच्छेद 25 एवं 28 (1) के अनुसार यह कार्यक्रम शासकीय संस्था में आयोजित ही नहीं होने चाहिए तब फिर ऐसे कार्यक्रम में किसी की उपस्थिति की बाध्यता एवं ऐसे दायित्वों के निर्वहन का प्रश्न ही नहीं रहेगा।
अनुच्छेद 25 किसी भी धर्म को मानने और ना मानने की स्वतंत्रता प्रदान करता है एवं अनुच्छेद 28 (1) में राज्य पोषित किसी भी संस्थान में धार्मिक निर्देश नहीं दिए जाने का उल्लेख है। आवेदक सुनील साहू, सहायक प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में पदस्थ है, जो किसी भी धर्म का अनुयायी नहीं हैै और चाहता है कि संविधान के मौलिक अधिकारों को दृष्टिगत रखतेे हुए शासकीय संस्थान मेंं ऐसे धर्म विशेष के कार्यक्रम आयोजित नहीं होने चाहिए और न ही ऐसे कार्यक्रम में दायित्वों का निर्वहन के संबंध में आदेश हो। कार्यक्रम की योजना बनातेे समय संवैधानिक मौलिक अधिकारों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। अतः आवेदक संदर्भित आदेशों में हुई इस त्रुटि पर ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हैै कि कार्यक्रम की योजना बनातेे समय संवैधानिक मौलिक अधिकारों को ध्यान मेंं रखा जाना चाहिए एवं आपसेअनुरोध करता हैै कि इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर जिस स्तर पर भी त्रुटि हुई हैै उस पर संज्ञान लिया जाये एवं आवश्यक कार्यवाही की जाए जिससेआवेदक को ऐसे आदेशों के अनुपालन एवं दायित्वों के निर्वहन सेे संबंधित परेशानी ना हो।
20/07/2024



