वो कौन नया-नया भाजपाई है जो भूपेंद्रसिंह को बदनाम करने का षडयंत्र कर रहा है ?

sagarvani.com।9425172417
सागर। खुरई विस क्षेत्र के बरोदिया नौनागिर गांव के अपराधी तत्व राजेंद्र अहिरवार हत्या और उसकी कथित रिश्तेदार अंजना अहिरवार की मृत्यु को आधार बनाकर एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेसी गलियारों में चर्चाएं गरमाई हुई हैं। भाजपा की अंदरूनी राजनीति को समझने वालों का कहना है कि मृतका अंजना की मां व भाई की बयानबाजी पूर्णत: प्रायोजित है। जो राज्य के मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाओं के बीच क्षेत्रीय विधायक व पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्रसिंह को डेमेज करने करवाई गई और कांग्रेसी खेमा में इसलिए चर्चा है कि तन-मन-धन से कांग्रेस को समझने वाले यह जान गए हैं कि वो कौन क्षेत्रीय नेता है जो हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होकर पूर्व मंत्री सिंह से अपनी पुरानी अदावत को भुना रहा है। अपने पुराने आका, जो भाजपा में आते-आते रह गए। उनको भी मोहरे की तरह उपयोग कर रहा है। अंजना की मौत के बाद उसके घर पर इन नेताजी के ओट में बैठे दिखने वाले सीन से भी इन नेता के आगामी इरादों को समझा जा सकता है। यह वीडियो अंजना के घर सीएम डॉ. मोहन यादव के पहुंचने से करीब आधा घंटे पहले का था। एक बात और गौर करने लायक है कि अंजना जिस छेड़खानी की रिपोर्ट नहीं लिखने की बात करती रहती थी। वह घटना इन्हीं नेताजी की तत्कालीन पार्टी की सरकार के दौर की है। तब ये नेताजी चुनाव हारने के बावजूद, खुरई में अपनी तूती बुलवा रहे थे।
मां बोली, दो करोड़ रुपए का लालच दिया, वीडियो में कुछ भी नहीं
एक वीडियो वायरल है। जिसमें अंजना की मां बोल रही है कि लालू उर्फ नितिन की हत्या में मेरी बेटी मुख्य गवाह थी। उसे पूर्व मंत्री सिंह ने अपने बंगले पर बुलाया था और मामले को रफा-दफा करने के नाम पर 2 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया। उसने इस बातचीत का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया था। यह बात सिंह को पता चल गई तो उन्होंने उसे मरवा दिया और उसका मोबाइल पुलिस को जब्त करा दिया। जबकि वास्तविकता ये है कि जिस वीडियो की बात अंजना की मां कर रही है। वह तो उसकी मौत के दूसरे-तीसरे दिन ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने अपने एक्स हैंडल से वायरल किया था। उसमें कहीं पर भी पूर्व मंत्री सिंह, अंजना या उसके भाई को न तो धमकाते और न ही वे किसी भी तरह का लालच देते नजर आ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये कि अगर अंजना का मोबाइल जब्त था तो फिर यह वीडियो पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह तक किसने भेजा।
मां बोल रही बेटी की हत्या हुई, अंजना के बाजू में बैठा बुजुर्ग बोला मेरे सामने वाहन से कूदी
अंजना की मां का कहना है कि मेरी बेटी की हत्या की गई। जबकि वह न तो मौके पर थी न ही उसकी अंजना से मृत्युपूर्व कोई बात हुई थी। सच ये है कि अंजना स्वयं एम्बुलेंस से कूद गई थी। जिसकी पुष्टि, उसके बाजू में बैठकर राजेंद्र अहिरवार का शव लेकर आ रहे उसके पिता ने की है। उन्होंने बाकायदा एक वीडियो बयान में बताया कि मैं, एम्बुलेंस में अमुक जगह पर बैठा था। अंजना पास में बैठी थी। तभी उसने अचानक एम्बुलेंस का गेट खोला और बाहर कूद गई। वह वीडियो में स्वयं के बैठने व अंजना के बैठने की जगह तक बता रहे हैं। अंजना कूदी ही होगी इसकी पुष्टि बहुत हद तक, उसकी मौत के बाद के एक अन्य वीडियो से भी होती है। जिसमें विष्णु, अपनी बहन की देह के पास बैठकर पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह को बता रहा है कि पुलिस ने शव वाहन का रास्ता बदल दिया था। ऐसा ही उन्होंने लालू की मौत के समय किया था। तब मैं भी एम्बुलेंस से कूद गया था। साफ है कि ये भाई- बहन अपनी बात मनवाने के लिए एम्बुलेंस या शव वाहन से कूद भी सकते हैं।
आदतन अपराधी भाई विष्णु के आरोप कितने विश्वसनीय ?
अंजना की मृत्यु के बाद इस प्रकरण का सबसे अहम किरदार उसका बड़ा भाई विष्णु बन गया है। बताया जा रहा है कि आपराधिक प्रवृत्ति का यह युवक, ऊपर जिक्र किए गए नेता के इशारों पर चल रहा है। करीब 10-12 दिन पहले वह सागर में देखा गया था। उसने कुछ जिम्मेदार मीडियाकर्मियों को एक धुंधला सा सीसीटीवी फुटेज देने का ऑफर दिया। यह फुटेेज एक साल पहले भीड़ की पिटाई से मारे गए उसके छोटे भाई लालू उर्फ नितिन का था। मीडियाकर्मियों ने उसे ये फुटेज पहले पुलिस को देने के लिए कहा। लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ। बाद में यह फुटेज एक मीडिया हाउस तक पहुंच गया। सोचने वाली बात ये है कि उसने यह फुटेज पुलिस को क्यों नहीं दिया। दरअसल इसके पीछे की सच्चाई ये है कि इस फुटेज में जो भी लोग लालू को पीटते दिख रहे हैं। उन सभी को खुरई पुलिस ने तभी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यानी इस वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं था, जो पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़ा करता। ऐसे में विष्णु ने इसे मीडिया में देने की चाल चली। विष्णु के बारे में एक बात कु-ख्यात है कि वह चोरी छिपे जनप्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी समेत अन्य के वीडियो रिकॉर्ड करता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पिछले महीने एडिशनल एसपी डॉ. संजीव उईके के कार्यालय का घटनाक्रम है। जिसमें वह अहिरवार समाज के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आया था। यहां उसने चोरी छिपे एडि. एसपी का वीडियो बनाना शुरु कर दिया। डॉ. उईके उसकी हरकत को भांप गए। उसका मोबाइल दिखवाया तो उसमें उनकी रिकॉर्डिंग थी। साथ में वाट्स एप चैट में विष्णु के द्वारा अवैध हथियारों की खरीद-बिक्री का लंबा-चौड़ा जिक्र था। इस मोबाइल की जब्ती के बाद में एफएसएल जांच रिपोर्ट के आधार पर एडिशनल एसपी डॉ. उईके ने विष्णु के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में आपराधिक केस दर्ज कराया था।
एक तरफा रपट के लिए पहचाना जाता है पीयूसीएल
इस मामले में पीयूसीएल नाम के एक संगठन नाम सामने आया है। मीडिया जगत में इस संगठन को वामपंथी विचारधारा का माना जाता है। जिसका इतिहास, एक पक्षीय बयानों को लेकर मनगढ़ंत पूर्व निर्धारित निष्कर्षो को जोड़कर तथ्यों सीक्वेंस में कहानी बताना है। इस प्रकरण में पीयूसीएल ने न तो पुलिस से और न ही द्वितीय पक्ष यानी लालू और राजेंद्र पर हमला करने के आरोपियों से कोई बात नहीं की। यहां तक कि उन्होंने ग्रामीणों से वास्तविकता जानने की कोशिश की।
19/07/2024



