इधर मुनि श्री सुधासागर ने मंगलगिरी के ट्रस्टियों को हटने कहा, उधर SDM भाग्योदय ट्रस्ट का लेखा-जोखा खंगाल रहे
सुधासागर जी महाराज बोले, विकास के लिए पुराने ट्रस्टियों का बदलाव जरूरी, SDM डेहरिया को मिली आधी-अधूरी जानकारी

sagarvani.com 9425172417 सागर। संत श्री 108 निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी महाराज सागर में ससंघ विराजमान हैं। अपनी ख्याति के अनुरूप उन्होंने जैन समुदाय के धार्मिक व सामाजिक ट्रस्टों की खबर लेना शुरु कर दी है। गुरुवार को अपने प्रवचनों में मुनि श्री ने कहा कि, मंगलगिरी आचार्य श्री का पहला सोपान था। गुरुदेव यहां बहुत कुछ करना चाहते थे। लेकिन हालातों ने संग नहीं दिया। यह धरा बड़ी ही शानदार है। देर से ही सही पूरा सागर, मंगलगिरी पर गर्व करेगा। लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि पुराने ट्रस्टी हटें और काम करने वालों को आगे आने दें।
चर्चा है कि मुनि श्री के इस सुझाव भरी ताकीद के बाद ट्रस्ट में हड़कंप सा माहौल है। सागरवाणी डॉट कॉम को मिली जानकारी के अनुसार इस ट्रस्ट के अध्यक्ष जयकुमार जैन बस वाले हैं। उन्हें कुछ समय पहले ही पूर्व ट्रस्टी नेमीचंद जैन के निधन के बाद यह चार्ज मिला है। अन्य ट्रस्टियों में मंत्री हर्ष सराफ, सह मंत्री जिनेंद्रकुमार जैन आदि शामिल हैं।
SDM ने भाग्योदय धर्मार्थ ट्रस्ट का लेखा-जोखा मांगा
इधर शासन स्तर पर भाग्योदय धर्मार्थ ट्रस्ट का लेखा-जोखा निकालने की कवायद शुरु हो गई है। इस ट्रस्ट के रिसीवर कलेक्टर दीपक आर्य हैं। उनके आदेश पर अधीनस्थ SDM सागर, विजय डेहरिया, इस ट्रस्ट समेत बाकी सभी का वित्तीय रिकॉर्ड तलब कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार मार्च में SDM कार्यालय से भाग्योदय ट्रस्ट प्रबंधन को पत्र भेजकर आय-व्यय की जानकारी मांगी गई थी। चर्चा है कि ट्रस्ट लम्बे समय से यह जानकारी नहीं दे रहा था। इस बार भी लगभग यही हुआ।
ट्रस्ट ने करीब 4 महीने बाद मात्र एक वर्ष की सीए द्वारा जारी ऑडिट रिपोर्ट भेज दी। सूत्रों के अनुसार ट्रस्ट को दान में मिली राशि, बेशकीमती धातुओं व जमीन आदि के साथ – साथ विभिन्न प्रकल्प जैसे मंदिर निर्माण, अस्पताल, गो-शाला आदि पर व्यय होने वाली राशि का ब्योरा भेजना था। लेकिन कतिपय ट्रस्टियों ने ऑडिट रिपोर्ट के नाम पर ये अतिसंक्षिप्त जानकारी भेज दी। इसमें खरीदी गई सामग्री की मात्रा, उसकी एवज में गए भुगतान, भुगतान का तरीका, खरीदी गई अचल सम्पत्ति जैसे जमीन या मकान आदि का कोई ब्योरा नहीं है। एसडीएम डेहरिया का कहना है कि शिकायत मिलने पर भाग्योदय ट्रस्ट मप्र न्यास अधिनियम की धारा 26 (क) के तहत नोटिस भेजकर उपरोक्त ब्योरा मांगा जाएगा।
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12/07/2024



