टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर बोले, एक बाघ लापता, बाकी शिकायतें आधारहीन!
भोपाल के आरटीआई कार्यकर्ता ने लगाया है दो टाइगर गायब होने का आरोप

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सागर। वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही अभयारण्य) से केवल एक मेल टाइगर लापता है। उसकी लोकेशन आखिरी बार वर्ष 2021 में देखी गई थी। जबकि एक अन्य फीमेल टाइगर जिसे गायब बताया जा रहा है। वह रिजर्व क्षेत्र में ही है और वह अपने चार शावकों के साथ एक स्थान पर सुरक्षित है। यह सफाई टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एए अंसारी ने दी है। दरअसल भोपाल के आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने वन अफसरों को एक मेल किया था। इसमें उन्होंने रिजर्व से दो टाइगर, जिनके आईडी क्रमांक एन-111 व एन-112 के गायब होने और उनके स्थान पर दो दूसरे टाइगर को उनका आईडी नंबर चढ़ाने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा उन्होंने जलाऊ लकड़ी की कटाई, बाघ के शिकार के मामले की सीबीआई जांच, वेटरेनरी डॉक्टर का अभाव, रिजर्व के कई हिस्सों में टाइगर के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाने, अनुभवी अधिकारी की पदस्थापा आदि की भी शिकायत की है।
मैं ढूंढ़ता हूं जिनको रातों को ख्यालों में, वो मुझको मिल सके ना सुबहा के उजालों में
शिकायतकर्ता गुमराह, नंबर बदलने की बात भी सरासर झूठ डॉ. अंसारी का कहना है कि नौरादेही अभयारण्य से एक टाइगर लापता है। जिसका आईडी नंबर एन- 113 है। जबकि उसी के साथ जन्मी दो मादाएं, एन-111व एन- 112 पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इनमें से एन- 111के चार बच्चे हैं। जिन्हें लेकर वह सुरक्षित स्थान पर पहुंच गई है। उसके द्वारा छोड़े गए एरिया को एन- 112 ने ठिकाना बना लिया है।
डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अंसारी का कहना है कि नंबर बदलने की बात पूरी तरह से झूठ है। इसके पीछे विभाग के ही कतिपय अधिकारी-कर्मचारियों का षडयंत्र हो सकता है। जलाऊ लकड़ी की कटाई के मामलों में कार्रवाई की गई है।

:- गूगल से साभार
फोटोग्राफी से जुड़ा है शिकवा-शिकायत का ये पूरा पुलिंदा
टाइगर रिजर्व के सूत्रों के अनुसार यह पूरा मामला एक तथाकथित वन्य प्राणीविद् द्वारा रिजर्व में यहां-वहां से घुसपैठ करने के बाद उपजे विवाद से जुड़ा है। स्वयं को प्राणीविद् बताने वाला यह युवक जबलपुर का रहने वाला है और वन विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी के साथ देवरी क्षेत्र में स्टे होम का निर्माण कर रहा है।
इसी दौरान वह रिजर्व में फोटोग्राफी करने के उद्देश्य से आने-जाने लगा। उसने यहां जिप्सी भी लगा लीं। बताया जाता है कि पिछले दिनों एक ऐसे स्थान पर फोटोग्राफी करने पहुंच गया। जहां एक मादा टाइगर अपने शावकों के साथ रहवास बनाए थी।
डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अंसारी को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने मादा टाइगर व उसके शावकों की सुरक्षा के मद्देनजर वहां मानव आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया। जिसके बाद से यह कथित वन्य प्राणीविद् शिकायतों पर उतर आया है।
10/07/2024



