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निर्माणाधीन सागरोदय तीर्थ: मकान खाली कराने के लिए घर के बाहर लगा दिया मलबे का ढेर

कलेक्टर से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं, अब कोर्ट केस की तैयारी

  सागर। बड़ा बाजार रोड पर जैन समुदाय सागरोदय तीर्थ नाम से मंदिर परिसर का निर्माण करा रहा है। इसी साल की शुुरुआत में इस मंदिर के लिए वर्षों पुराने किराएदारों से मकान खाली कराने और ढहाने को लेकर बड़ा विवाद बना था। अब इसी मामले में दो और लोग सामने आए हैं। जिन्होंने मंदिर निर्माण प्रबंधन से जुड़े लोगों पर उनके मकान के प्रवेशद्वार पर मलबे का ढेर लगाने का आरोप लगाया है। गौर करने वाला तथ्य ये है कि पिछले विवाद में केवल गैर- जैन परिवारों ने शिकायत की थी जबकि ताजा घटनाक्रम अब खुद जैन समुदाय के लोग शिकवा-शिकायत कर रहे हैं।  कलेक्टोरेट में फूट-फूट कर रो रहे वयोवृद्ध नरेंद्रकुमार जैन ने बताया कि, निर्माणाधीन सागरोदय तीर्थ मंदिर के पास बने मकान में 50 साल से अधिक समय से रहता हूं। यह मकान श्री पारसनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट सागर का है। करीब दो-तीन साल पहले श्री सागरोदय तीर्थ को बनाने की रूपरेखा बनी तो अनावेदक सुभाष मोदी, मुझसे यह मकान खाली करने के लिए बोलने लगे।

मैंने जवाब दिया कि मैं इस मकान में कई दशकों से रह रहा हूं। मेरे परिवार में और कोई नहीं है, अब इस बुढ़ापे में कहां जाऊंगा। इसके बाद बात आयी गई हो गई। लेकिन  पिछले दिनों मोदी व उनके अन्य साथी इस मकान को जबरदस्ती खाली कराने पर आमादा हो गए। मैंने विरोध किया तो उन्होंने मारपीट की धमकी दी। इसके बाद तीन-चार दिन पहले इन लोगों के इशारे पर अज्ञात लोगों ने मेरे घर के प्रवेशद्वार के सामने मलबे का करीब 15 फीट ऊंचा ढेर लगा दिया। जिसके चलते अब मैं, अपने ही घर में नहीं जा पा रहा हूं। दो दिन से आसपास लोगों के घर के बाहर सो  रहा हूं। नरेंद्र जैन का कहना है कि, मैं यह मकान खाली करने तैयार हूं लेकिन मंदिर बनाने वाले लोग मेरे रहने का अन्यत्र इंतजाम करने तैयार नहीं हैं। इसलिए पुलिस-प्रशासन से मांग है कि मुझे इस तरह से जबरिया बेघर नहीं करने दिया जाए। मैं इसके पहले भी वर्ष 2017  में कोतवाली पुलिस थाने में लिखित शिकायत दे चुका हूं। इसके बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

नरेंद्र जैन की तरह ही एक अन्य किरायदार देशराज जैन ने भी मंदिर निर्माण से जुड़े लोगों पर आरोप लगाए हैं। देशराज का कहना है कि मैं कई दशक से इस ट्रस्ट का किराएदार हूं। जैन समुदाय से होने के नाते मैं स्वयं इस मंदिर के निर्माण के पक्ष में हूं। लेकिन मंदिर निर्माण से जुड़े लोग मुझसे जबरिया मकान खाली कराने पर आमादा हैं। मैं बार-बार उनसे बात कर चुका हूं कि मेरा उचित व्यवस्थापन किया जाए लेकिन वे लोग इस संबंध में कोई निर्णया नहीं लेकर, नरेंद्र जैन की तरह मुझसे मकान खाली कराने चाहते हैं। पिछले दिनों इन लोगों ने मकान का कुछ हिस्सा भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। देशराज का कहना है कि मैं, सोना-चांदी के जेवरात की रिपेयरिंग कर जीवन-यापन करता हूं। मेरी यह दुकान ट्रस्ट के मकान में ही संचालित है। लेकिन मंदिर निर्माण करने वाले यह पूरा मकान ही ढहाना चाहते हैं। अगर जल्द ही मेरे मामले में न्यायपूर्ण निर्णय नहीं लिया गया तो मैं इस मामले में जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा।

25/09/2025

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