सानौधा में कार सवार पांच लोगों पर ट्रक चढ़ाने वाले ड्राइवर को 10 साल का कठोर कारावास
एक साल पहले सानौधा थाना क्षेत्र में दमोह रोड पर जैन परिवार की हुई थी मौत, न्यायाधीश ने कहा, ट्रक चालक का मौके से भागना उसकी आपराधिक मंशा को प्रकट करता है

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सागर। न्यायालय पंचम अपर सत्र न्यायाधीश, सागर सुधांशु सक्सेना ने एक साल पुराने चर्चित रोड एक्सीडेंट के मामले में आरोपी ड्राइवर को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामले की ओर से शासन की तरफ से पैरवी करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक एड. रमन जारोलिया ने बताया कि एक साल पहले 2 अगस्त 2024 की दोपहर को परसोरिया निवासी नैन्सी जैन, प्रभा जैन, संदेश जैन, निधि जैन एवं उत्कर्ष जैन, अपनी कार आई 20 एम.पी 15 सी.बी 1288 से सागर से अपने घर परसोरिया आ रहे थे। उक्त कार को उनका ड्राइवर अजीम उर्फ बबलू बला रहा था। जैसे ही यह कार सागर-दमोह रोड पर धर्मेंद्र जैन सानौधा के फार्म हाउस के सामने पहुंची। उसी समय दमोह तरफ से आयशर कंपनी का ट्रक क्रमांक आरजे 11 जीसी 8067 का ड्राइवर काफी तेज गति व लापरवाहीपूर्वक लहराता हुआ सामने आ गया। ट्रक ने कार को सामने से टक्कर मारी और उसके ऊपर चढ़ गया।

इस घटनाक्रम की खबर मिलते ही कार सवार लोगों के रिश्तेदार मौके पर पहुंचे। जहां देखा कि ट्रक उसकी भतीजी नैन्सी की कार के ऊपर चढ़ा हुआ था। कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। उसमें सवार ड्राइवर अजीम को छोड़ बाकी सभी की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। जबकि ट्रक चालक मौके से भाग चुका था। बाद में उसकी पहचान थानसिंह उम्र 32 साल निवासी बरोदियाकलां गांव थाना मालथौन के रूप में हुई। कार की हालत इतनी खराब थी कि उसे हाइड्रा व जेसीबी मशीनों की मदद से ट्रक के नीचे निकाला गया।
ट्रक की बॉडी को कटवाकर शव बाहर निकाले गए। इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से यह स्पष्ट साक्ष्य, अभिलेख पर प्रस्तुत की गई है कि घटना दिनांक को अभियुक्त द्वारा उतावलेपन से लहराकर सड़कर पर वाहन चलाया गया। जिससे मानव जीवन को संकट उत्पन्न हुआ। विद्वान न्यायाधीश ने विचारण के दौरान यह माना कि अभियुक्त को इस तथ्य का ज्ञान स्पष्ट रूप से था कि यदि लोकमार्ग पर अत्यंत तीव्र गति से लहराकर वाहन चलाया जाएगा तो दुर्घटना कारित होना अधिसंभाव्य है, जिसका परिणाम मृत्यु होना स्वाभाविक है।
अभियुक्त कृत्य की गंभीरता एवं कार्य की अत्यंत उन्मादित शैली तथा कार्य की तीव्रता, यह स्वमेव स्पष्ट करते हैं कि अभियुक्त ने जो जघन्य गभीर कृत्य किया, जिसका स्वाभाविक परिणाम, मृत्यु की संभाव्यता थी। इसके बाद वह घटना स्थल से दुर्घटना के बाद वाहन को छोडकर भाग जाना भी अभियुक्त के आपराधिक आशय को स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है। आगे विद्वान न्यायाधीश ने अपने फैसले में उल्लेख किया कि वर्तमान समय में बड़े वाहन चालकों के द्वारा लोकमार्ग पर किए जा रहे उपेक्षापूर्ण वाहन बालन तथा उनके परिणामस्वरूप देशव्यापी रूप से बढ़ रही गभीर गोटर दुर्घटनाएं न सिर्फ सामाजिक स्तर पर परिवार एवं व्यक्तिगत पारिवारिक संबंधों को गभीर आघात पहुंबा रही है, अपितु राष्ट्रीय स्तर पर भी आर्थिक क्षति को कारित करती है। ऐसे मामलों में सांकेतिक दंड पर्याप्त नहीं है। अतएव अभियुक्त थान सिंह के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 281, 105 (5 काउंट), 125बी एवं धारा-134/187 मोटरयान अधिनियम के अपराध युक्तियुक्त संदेह के परे प्रमाणित पाए गए है। इसलिए अभियुक्त को 10 साल का कठोर कारावास भोगना होगा। साथ ही 8 हजार रु. का जुर्माना भी देना होगा। अर्थ दंड नहीं देने पर उसे 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। 
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18/09/2025



