एमईएस के जीई समेत चारों आरोपियों को सीबीआई ने रिमांड पर लिया
15 सितंबर तक सीबीआई की अभिरक्षा में रहेंगे सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं के अफसर

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सागर। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के जीई (दुर्ग अभियंता)नीतेशकुमार सिंह समेत चार आरोपियों से सीबीआई दो दिन पूछताछ करेगी। शुक्रवार को जीई सिंह के अलावा असिस्टेंट जीई राकेशकुमार साहू, जूनियर इंजीनियर दीपककुमार और इन तीनों का बिचौलिया बताए जा रहे एक अन्य ठेकेदार राजेश मिश्रा को सीबीआई की टीम ने जबलपुर स्थित स्पेशल कोर्ट में पेश किया।
जहां सीबीआई ने चारों की रिमांड मांगी। कोर्ट ने सीबीआई के वकील की दलील को सुनने के बाद इन सभी को 15 सितंबर तक के लिए रिमांड पर दे दिया। चर्चाओं के अनुसार इन दो दिन में सीबीआई इन चारों से अलग-अलग पूछताछ कर रिश्वतखोरी, अनियमितता एवं अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल कर सकती है। यहां बता दें कि इन चारों को सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को कैंट एरिया में स्थित जीई ऑफिस में 80 हजार रु. की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
ठेका की दो प्रतिशत राशि बतौर रिश्वत मांगी थी
सीबीआई जबलपुर से रिश्वतखोरी के इस मामले की शिकायत अजयकुमार नाम के ठेकेदार ने कुछ दिन पहले की थी। उसका कहना था कि मुझे सैन्य एरिया में सिविल वर्क का टेंडर मिला है। लेकिन जीई सिंह वर्क ऑर्डर नहीं दे रहे।
वे इसकी एवज मेें ठेका मूल्य की दो प्रतिशत राशि के रूप में 01 लाख रु. की रिश्वत मांगी थी। शुरु में अजय ने यह रकम देने से इनकार कर दिया। लेकिन बाद में जीई सिंह व उनका अधीनस्थ अमला 80 हजार रु. के लेन-देन पर वर्क ऑर्डर देने के लिए राजी हो गए। चूंकि ठेकदार अजय यह राशि नहीं देने का मन बना चुका था। इसलिए उसने इस बारे में सीबीआई की जबलपुर शाखा से शिकायत कर दी।
जीई की पत्नी चुपके से ताला डाल गायब हो गईं
शिकायतकर्ता अजय ने एक अन्य ठेकेदार राजेश मिश्रा, जो इन अधिकारियों के लिए बिचौलिया का काम कर रहा था, उसके जरिए रिश्वत की रकम दी थी। जिसे सीबीआई की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। चूंकि सीबीआई के पास पूर्व से साक्ष्य थे कि इस 80 हजार रु. में जीई सिंह के अलावा असिस्टेंट गैरिसन इंजीनियर साहू, जूनियर इंजीनियर दीपककुमार की भी हिस्सेदारी है। इसलिए उनके खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया गया। सूत्रों का कहना है कि जब कार्रवाई चल रही थी तो जीई को पत्नी का कॉल आया था। वह उन्हें लंच के लिए बंगले बुला रही थी। लेकिन इसी दौरान कहीं से इस ट्रेप की जानकारी जीई की पत्नी को लग गई। इधर कुछ देर बाद जैसे ही सीबीआई की एक टीम, कार्यालय से चंद कदम दूर जीई के बंगले पर पहुंची तो उन्हें वहां ताला डला मिला। मतलब जीई की पत्नी गायब हो गईं थी। नतीजतन सीबीआई उनके आवास की तलाशी नहीं ले पाई। सीबीआई की अलग-अलग टीमें एजीई, जेई के घर भी पहुंची। वहां से उन्हें क्या मिला है। इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है।
12/09/2025



