नेहा अलकेश जैन फिर बनी देवरी नपाध्यक्ष, मप्र सरकार के आदेश पर रोक
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 10 दिन पुराने आदेश पर लगाई रोक

sagarvani.com9425172417
सागर। करीब 10 दिन पहले राज्य सरकार द्वारा देवरी नगर पालिका अध्यक्ष के पद से हटाई गईं नेहा अलकेश जैन को मप्र हाईकोर्ट जबलपुर से बड़ी राहत मिली है। वे उच्च न्यायालय के आगामी आदेश तक इस पद पर कार्य करेंगी। हाईकोर्ट की एकल पीठ के जज विशाल मिश्रा ने प्राथमिक तौर पर नेहा को राज्य सरकार द्वारा हटाने की कार्रवाई को विधि अनुसार नहीं पाया है। नेहा अलकेश जैन ने पद से हटाए जाने के बाद राज्य सरकार के विरुद्ध एड. अंशुमानसिंह एवं आदित्य मिश्रा के माध्यम से पिटीशन दाखिल की थी। बता दें कि राज्य सरकार ने बीते 25 अगस्त को नेहा अलकेश जैन को चार मुख्य आरोपों के तहत पद से हटा दिया था। उनकी जगह पर 29 अगस्त को सरिता संदीप जैन सिनेमा को अध्यक्ष का प्रभार दिया गया था। नेहा अलकेश जैन पर 13 मस्टरकर्मियों को बगैर सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के काम पर रख सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने, प्रेसीडेंट-इन-काउंसिल का गठन नहीं करने, एयर कंडीशनर खरीदी वित्तीय अनियमितताएं करने आदि के आरोप थे। राज्य शासन की ओर से इस मामले में उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पैरवी की
सत्ता का उपयोग कर नेहा जैन को हटाया गया
नेहा अलकेश जैन की तरफ पैरवी कर रहे एड. सिंह ने कहा कि यह पूरा मामला नगर पालिका अधिनियम की धारा 14-ए के मनमाने उपयोग से जुड़ा है। जिसमें सत्ता के दखल के साथ एक चुनी गई अध्यक्ष को बेईमानी के उन आरोपों के तहत हटाया गया। जो पूर्णत: सिद्ध नहीं थे। इससे पहले उन्होंने नेहा जैन पर लगे आरोपों के संबंध में कहा कि मस्टर पर 13 उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रेसिडेंट इन काउंसिल की अनुमति से की गई थी, इसलिए याचिकाकर्ता अकेले जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। दूसरा आरोप प्रेसिडेंट इन काउंसिल का गठन नहीं करने के संबंध में है। जिसके जवाब में वकील सिंह ने बताया कि नपा के सदस्यों ने इसमेें सहयोग नहीं किया। नेहा ने इस बारे में संबंधित अधिकारियों को पत्र भी दिए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए इस स्थिति के लिए अकेले नेहा जैन जिम्मेदार नहीं हैं। एसी खरीद के मामले में नेहा जैन के वकील सिंह ने कहा कि यह खरीद जेम पोर्टल से की गई। जिसमें किसी तरह की वित्तीय अनियमितता की संभावना नहीं रहती।
अनियमितता का संदेह, आरोप सिद्ध का होना नहीं माना जा सकता
याचिका को लेकर जज मिश्रा ने दोनों पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं के जवाब-तर्कों पर विचारण किया। इसके बाद उन्होंने आदेश पारित किया कि एयर कंडीशनर की खरीदी में वित्तीय अनियमितता का संदेह, आरोप को सिद्ध नहीं करता है। वहीं मस्टर रोल के कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए अकेले अध्यक्ष ने नहीं की थी, इसके लिए पे्रसीडेंट-इन-काउंसिल भी जिम्मेदार है। याचिकाकर्ता नेहा जैन पर लगे आरोप पूरी तरह से सिद्ध नहीं हुए हैं। इसलिए राज्य सरकार के 25 अगस्त 2025 के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता नेहा अलकेश जैन को आगामी सुनवाई तक देवरी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर कार्य करने की अनुमति दी जाती है। वहीं राज्य सरकार को इस संबंध में चार सप्ताह में अपना जवाब देने का समय दिया जाता है।



