जज बनने की ख्वाहिशमंद अर्चना, पटवारी युवक से शादी नहीं करना चाहती थी, लव एंगिल
अर्चना ने खुद बनाई अपहरण की प्लानिंग

sagarvani.com9425172417
भोपाल। जीआरपी एसपी राहुल लोढ़ा के अनुसार, वकील और सिविल जज बनने की ख्वाहिशमंद अर्चना तिवारी का एमपी के ही शुजालपुर में रहने वाले सारांश जैन नाम के लड़के से प्रेम प्रसंग चल रहा है। सारांश इंदौर की एक कंपनी मे काम करता था। दोनों की मुलाकात 1 जनवरी को ट्रेन में हुई थी, जिसके बाद से दोनों के बीच बातचीत होने लगी, जो देखते ही देखते प्यार में बदल गई। अर्चना ने सारांश के साथ ही नेपाल जाने की योजना बनाई थी।

पटवारी से रिश्ता तय होने लगा, इसलिए ” गायब”
GRP पुलिस अधीक्षक लोढ़ा ने खुलासा किया कि, अर्चना तिवारी के लिए लगातार शादी के रिश्ते आ रहे थे, लेकिन वो शादी नहीं करना चाहती थी। जानकारी मिली है कि परिजन ने अर्चना का रिश्ता किसी पटवारी युवक से तय कर दिया था। इसके बाद ही उसने “गायब ” होने का प्लान बनाया। जानकारी के मुताबिक शुजालपुर के रहने वाले सारांश से अर्चना की इसी जनवरी में एक ट्रेन में दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच बातचीत की शुरुआत लीगल एडवाइज से शुरु हुई थी। जो पहले दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। इस बीच अर्चना के घर वालों ने पटवारी से उसका रिश्ता तय कर दिया और वे पढ़ाई छोड़कर शादी करने का दबाव बनाने लगे। ये जानकारी अर्चना ने सारांश जैन को हरदा के एक ढाबे पर बताई। यही दोनों ने भागने का प्लान बनाया। लेकिन बाद में भागने की प्लानिंग कैंसल कर गुमशुदगी का प्लान बनाया। अर्चना को लगा था कि, जीआरपी मिसिंग केस को इतना सीरियस नहीं लेती और इसी का फायदा उठाकर वो अपने परिवार से दूर प्रेमी के साथ स्वतंत्र जीवन जी सकेगी।
अर्चना ने खुद बनाई अपहरण की प्लानिंग
एसपी रेल के अनुसार, इस पूरे मामले में तेजन्दर नामक एक व्यक्ति ने भी उनकी मदद की है। उसने ने ही इटारसी स्टेशन से पहले आउटर पर उतरने का अर्चना को सुझाव दिया था। उसी ने बताया था कि, अगर पुलिस से बचना चाहती हो तो रास्ते में पड़ने वाले CCTV से बचकर गुजरना। तेजन्दर ही वो शख्स है, जिसने नर्मदापुरम में ट्रेन में ही अर्चना को कपड़े दिए, जिसके बाद अर्चना B3 कोच से A2 कोच पहुंची और उससे बाहर निकली। तेजन्दर के बताए अनुसार, आउटर से अर्चना बाहर निकली, उस रास्ते से गुजरी, जहां CCTV नहीं थे। इतना ही नहीं अर्चना तिवारी ने अपना मोबाइल तेजन्दर को बागतवा के जंगलो में फेंकने को कहा था। इसके बाद अर्चना सारांश के साथ शुजालपुर आ गई, जहां वो दोनों दो दिन एक साथ रहे। इधर, उसी रात एक फ्रॉड केस में तेजन्दर को दिल्ली पुलिस उठा ले गई। एसपी लोढ़ा ने बताया कि अर्चना ने जानबूझकर ट्रेन में समान छोड़ा, ताकि पुलिस को लगे कि, वह रास्ते में ही कहीं गिर गई है। इसलिए मोबाइल भी जंगल के पास बंद किया था। इस दौरान अर्चना सारांश से व्हाट्सएप कॉल पर बात करती रही, इसलिए पुलिस को CDR नहीं मिल सकी। लेकिन, सारांश को जब पुलिस ने उठाया तो मामले की परतें खुलने लगीं।
फिलहाल तो मामले में कोई केस नहीं नहीं बनता
दोनों ने यात्रा के दौरान टोल से गुजरना भी एवाइड किया। इंदौर में खरीदा गया फोन फेंकने के बाद रास्ते से एक नया फोन खरीदा। दोनों मध्य प्रदेश नहीं छोड़ते, लेकिन मामले की मीडियाबाजी के चलते दोनों ने राज्य छोड़ने का फैसला लिया। इसके लिए दोनों पहले हैदराबाद गए और फिर नेपाल जाने की प्लानिंग की। बस से जोधपुर के रास्ते दिल्ली होते हुए पहले अर्चना काठमांडू पहुंची। पीछे से सारांश भी पहुंच गया। लेकिन, मामले के अधिक तूल पकड़ने पर सारांश काठमांडू से लौट आया। सारांश जानबूझकर अपना मोबाइल इंदौर में ही छोड़ गया था, ताकि कोई उस तक पहुंच न सके। इतने दिनों तक सारांश का मोबाइल भी एरोप्लेन मोड पर था। ताकि उसकी लोकेशन इंदौर दिखे। यानी दोनों ने मिलकर बहुत चालाकी से काम किया। सारांश को राउंडअप करने के बाद अर्चना को बॉर्डर तक बुलाकर पुलिस ने राउंडअप किया। फिर दिल्ली के रास्ते उसे फ्लाइट से भोपाल लाया गया। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि, इस मामले में कोई आपराधिक केस भी नहीं बनता है, क्योंकि लड़की अपनी मर्जी से भागी थी। पूछताछ में अर्चना ने साफ कहा कि उनके साथ किसी ने कोई गलत हरकत नहीं की। सारांश और तेजेंदर ने सिर्फ मदद की थी।
ट्रेन से गुम हुई, पुलिस जंगल- नदी खंगालती रही
29 साल की अर्चना कटनी की रहने वाली हैं। नर्मदापुरम से ट्रेन से उतरने के बाद अर्चना गुम हो गई। और पुलिस उसे नदी, नाले और जंगल में खंगालती रही। नर्मदा नदी में पुलिस 32 किमी तक सर्च आपरेशन चलाया। कहीं वह नदी में बह तो नहीं गई, इसके लिए गोताखोरों को उतारा गया। 2000 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। टीम ने अर्चना के 6 महीने की कॉल डिटेल जांची तो सारांश से लंबी बात का पता चला। तब पुलिस को पहला सूत्र मिला। बहरहाल13 दिन में सात शहर और दो देश नापने वाली अर्चना काफी महत्वाकांक्षी हैं। जज बनने की चाहत रखने वाली अर्चना कभी छात्र राजनीति में भी सक्रिय रही हैं।
परिवार में मां, बहन व भाई
अर्चना के पिता शरद नारायण तिवारी का 2019 में निधन हो चुका है। उसका एक छोटा भाई और एक बड़ी बहन हैं। भाई इंदौर में जॉब करता है। बहन की शादी हो चुकी है। परिजन बताते हैं कि वह बचपन से ही पढऩे में होशियार थी। अर्चना की पढ़ाई कटनी में ही हुई। वह छात्र राजनीति में भी सक्रिय थी। वकालत की पढ़ाई के बाद इंदौर आ गई और सिविल जज की परीक्षा के तैयारी के साथ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रही थी। जब भी उससे शादी की बात की जाती थी वह मना कर देती थी।
20/08/2025



